26.8.2014
Gangashahar
Smt. Jasoda Devi accepting Santhara (Fasting until death)Smt. Jasoda Devi Kocchar, wife of Shree Harak Ch. Kocchar, accepted Santhara (Fasting until death) after fasting of 16 days from Sadhvi Chandrakala and Sadhvi Punya Prabha. It's now total 18days of fasting including 2 days of Santhara.
गंगाशहर, 26.08.2014
तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान गंगाशहर निवासी श्रीमति जशोदादेवी कोचर वय 88 वर्ष धर्मपत्नी हरकचंदजी कोचर ने कल 16 सोलह दिन की तपस्या (संलेखना) के बाद शांतिनिकेतन सेवाकेंद्र व्यवस्थापिका साध्वीश्री चन्द्रकलाजी एवं साध्वीश्री पुण्यप्रभाजी से पूरी जागृत अवस्था और श्रद्धापूर्वक स्वीकार करते हुए तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान किया.
वर्तमान में आप श्री नथमलजी डागा हरिराम जी के मंदिर के पास, पुराणी लाईन गंगाशहर में रह रही है.
तपस्विनी और संथारा रत श्राविका श्रीमति जशोदादेवी कोचर मूलतः सींथल के बैद परिवार की बेटी है और बहुत छोटी उम्र में मात्र साढ़े नौ साल की उम्र में गंगाशहर के कोचर परिवार में इनकी शादी हो गयी, विधि की विडम्बना कहे या नियति कहे शादी के लगभग दो साल बाद ही इनके पति का स्वर्गवास हो गया. तब से श्राविका ने धर्म– त्याग–पचखान के सहारे जीवन बिताया है.पिछले पिचहतर 75 साल से इनको लिलोती (हरी सब्जी) खाने का त्याग हैपिछले बहतर 72 साल से इनके चोविहार का क्रम चल रहा है पिछले कई कई वर्षों से बाज़ार की मिठाई खाने का त्याग हैऐसे और भी अनेक त्याग प्रत्याख्यान चल रहे है. धन्य है जिन शाषण और धन्य है ऐसी सुश्राविका श्रीमति जशोदादेवी कोचर ।आज इनके संथारे का दूसरा दिन है और कुल 18 अठारह दिन की संलेखना हो गयी है.
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