09.01.2016 ►Acharya Shri Vishudha Sagar ji ►News

Published: 09.01.2016
Updated: 09.01.2016

News in Hindi

8//01//16
बक्स्वाहा जिला छतरपुर (म.प्र)
🌿🌿वात्सल्य मिलन🌿🌿
"आज हुआ भावी सिद्धो का भव्य वात्सल्य मिलन"
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गणाचार्य आचार्य भगवन 108 विराग सागर जी के और उनके सुयोग्य शिष्य इस युग के कुंदकुंद आचार्य चर्या शिरोमणि 108 विशुध्द सागर जी महराज जी संसघ का।आज वह धरा सिद्ध क्षेत्र नैनगिर जी जहाँ पारसनाथ भगवन का 5 बार समोसरण आया था उस सिद्ध क्षेत्र के समीप धर्म नगरी बक्स्वाहा में आज जनसमुदाय ने निर्ग्रंथो की समूह की अनुभूति ली जैसे भगवन के समवसरण में सभाएं लगती है आज मानो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि चतुर्थ काल में आ गये हो।
आज वह धरा धन्य हो गयी जहाँ पर 108 पिच्छियों का हुआ एक साथ मिलन आज नगर के प्रत्येक घर में चौका लगा था जिस घर से देखो वही से धरती के देवता आहारचर्या के उपरांत निकल रहे थे आज सभी जगह के पथरिया, टीकमगढ़, बड़ामलहरा, छतरपुर, बंडा, शाहगढ़, सागर,बम्होरी,हीरापुर भीलवाड़ा,दमोह,ललितपुर, पन्ना और (म.प्र) के भिन्न भिन्न नगरो से भक्त जनों ने अपने जीवन को धन्य किया उस अनुपम दृश्य को देखकर और पुण्य का अर्जन किया।।
अभी दोनों आचार्य संसघ बक्स्वाहा में ही विराजमान है और कल दोनों संघो की आहार चर्या यही होगी और दोपहर में आचार्य भगवन 108 विराग सागर जी ससंघ का मंगल विहार दमोह के लिए होगा।और आचार्य भगवन 108 विशुद्ध सागर जी संसघ का मंगल विहार शाहगढ़ के लिए होगा।।आप सभी सादर आमंत्रित है।।
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🔆🔆 आज की विराग वाणी🔆🔆
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1-बिना मन के अशुद्ध हुए वचन अशुध्द हो नही सकते है और बिना मन शुध्द हुए वचन शुध्द हो नही सकते है।।
2- जैसा भूत में पुरुषार्थ किया था वैसा तुम्हारा वर्तमान है और जैसा अभी पुरुषार्थ करोगे तो वैसा तुम्हारा भविष्य होगा।।
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🔆🔆आज की विशुद्ध वाणी🔆🔆
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1-हे मित्र!जो गुरु के पाद मूल में गुरु बनके आएगा वह तो पतन को ही प्राप्त होगा।
2_ज्ञानी! जो बीज मिट्टी में दबा होता है उसे कोई नही देख पाता है जो बीज दबा नही होता है उसे चिड़ियाँ चुग जाती है जब बीज बीज में लीन होता है तो बाल बनके चमकता है ऐसे ही जो गुरु के आशीष के तले,अनुशासन की मिट्टी में दब के रहेगा वह जीव बाल की तरह चमकेगा।।
3-हे जीव! ज्योतिष किसी की कुंडली बता सकता है मगर वह किसी के भाग्य को नही बना पाता है।।
4- ज्ञानी! जब बछड़ा मुख के पास जाता है तो पेट नही भरता है जब वह गाय के थन के पास जाता है तो थन को बार-बार मुख में रखता है तो उसका पेट भर जाता है ऐसे ही जो शिष्य जब गुरु चरणों में बैठकर चारों अनुयोगों का पान करता है तो वह विद्या से भर जाता है।।
5- हे जीव! चित्र किसी का हो सकता है लेकिन चित्त कहाँ है ये देखना चाहिए।अज्ञानी लोग चित्र में लटक जाते है चित्त को नही देखते है यदि चित्त यहाँ न होता तो मैं आज यहाँ न होता चित्त तो वहीँ होता है जहाँ है जो है सो है।।
7- हे जीव!कोई किसी को ऊपर ले जा नहीं सकता है न किसी को नीचे ले जा सकता है इसलिए ज्ञानी ईर्ष्या करना छोड़ दे, संकिलेशता करना छोड़ दे।
8-ज्ञानी! नीचे वो ही जल्दी गिरते है जो जमीन नहीं देखते है सत्ता को छुना प्रारम्भ कर देते है।ज्ञानी जब प्रभावना का भूत चढ़ता है तो नीचे गिर जाते है जो प्रभावना किये बिना जो धर्म से प्रभावित होते है वो ही ऊपर सिंघासन बैठते है।।
9- ज्ञानी!गुरु के पास तो इंवर्टर बनके जाओ।क्योंकि इन्वर्टर जब लाइट रहती है तो शांत पड़ा रहता है और जैसे ही लाइट जाती है तो कैसे प्रकाशमान होता है ऐसे ही जब शिष्य गुरु के पास रहते है जब बिलकुल शांत रहकर ज्ञानार्जन करते है और जैसे ही बाहर जाते है फिर वह उस इन्वर्टर के प्रकाश की तरह ज्ञान से प्रकाशमान होते है।।
।।जो है सो है।।
।।जैनम् वचनम् सदा वंदे।।
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।।नमोस्तु शासन जयवन्त हो।।
।।श्रमण संस्कृति सेवा समिति।।

Source: © Facebook

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