Update
Source: © Facebook
आचार्य देशना
"राष्ट्र हित चिंतक" जैन आचार्य
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
तिथि: माघ कृष्ण नवमी, २५४२
------------------
आगे बनूँगा
अभी प्रभु पदों में
बैठ तो जाऊं
भावार्थ: हम जिनके जैसा बनना चाहते हैं उनका सानिध्य और विनय अत्यंत आवश्यक है । जिस प्रकार किसी भी प्रकार की विद्या को प्राप्त करने के लिए गुरु का, शिक्षा के लिए शिक्षक का सानिध्य अनिवार्य है । उसी प्रकार प्रत्येक जीव में भगवान बनने की क्षमता है किन्तु भगवान के चरणो की शरण लिए बिना भगवान बनना संभव नहीं । हमारा नारा ऐसा होना चाहिए "भक्ति से भगवान बनेंगे"। जो जीव सच्चे भक्त बने बिना ही भगवान बनना चाहते हैं वे न भक्त बन पाते न भगवान । और जो जीव प्रभु की शरण ग्रहण करते है वे निश्चित ही आगे चलकर भगवान बन जाता है ।
--------------------------------------------------------------
ऐसे सन्देश प्रतिदिन अपने फ़ोन पर प्राप्त करने के लिए इस नंबर को अपने फ़ोन में जोड़ें और व्हाट्सप्प के माध्यम से अपना नाम, स्थान एवं आयु सूचित करें ।
-------------------------
7721081007
मोबाइल ब्रॉडकास्ट सेवा
आचार्य श्री के सूत्र
----------------------------
News in Hindi
Source: © Facebook
जय हिंदी.
हिंदी क्रांति 1017.ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया. कारगर पहल की सराहना होनी चाहिए, भाषा सहोदरी हिंदी