04.07.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 04.07.2016
Updated: 05.01.2017

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Toh bolo sab Jay Jinendra comment box me:))

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मुनि धीरसागर जी महाराज द्वारा आचार्य श्री के लिए भाव!!

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muni sudhasagar ji ke charan prakshal ka moka:)

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लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊ.. जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ.. मैं व्याकुल भया.. दर्शन बिन ये जिया लागे खरा.. तेरे चरणो में वंदन हमारा.. तुमसे लागी लगन:))

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मूकमाटी में गुरुदेव के चरण पढ़े, ढाना परिवार को मिला पड़गाहन का सौभाग्

यह दिन हमेशा याद रहेगा.. मेरे परिवार को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की आहारचर्या कराने का परम सौभाग्य मिला..डेढ़ वर्ष पूर्व मेरा परिवार अपने नवनिर्मित निवास "मूकमाटी" में रहने लगा था..पूरे परिवार को हमेशा इस बात का इंतज़ार रहा कि आचार्य भगवन के चरण इस घर में कब पढ़े..कुण्डलपुर से विहार की सूचना के बाद लगातार सात दिन आचार्य भगवन के साथ पदविहार किया..

1 जुलाई को गुरुदेव की आहारचर्या अंकुर कॉलोनी से होना थी.. लेकिन नेहानगर कॉलोनी के लोगो की भक्ति को देखकर आचार्य संघ नेहानगर में ही विराजमान हो गया..मेरे परिवार के सभी सदस्यों को लगने लगा की गुरुदेव वहां से पड़गाहन में निकलेंगे तो लगभग एक किमी की दूरी पर स्थित मेरे निवास मूकमाटी पर उनके चरण शायद नहीं पड़ेंगे..लेकिन मेरे मन में यह बात नहीं आई..और मैंने लगभग हर व्यक्ति से यही कहा की गुरुदेव की आहारचर्या का सौभाग्य आज मेरे ढाना परिवार को मिलेगा... मैंने सागर, करेली और इंदौर में तीनो बहिन-बहनोई को सागर बुलाया और ढाना परिवार के लोगो को गाव से सागर आमंत्रित किया..कि आज आचार्य भगवन का पड़गाहन हमको मिलेगा..फ़ोन पर देवेन्द्र जैना स्टील, मनीष नायक, अवनीश जैन, अमित जैन सहित कुछ और लोगो को भी चौके में आहारो के लिए आमंत्रित किया कि आप लोगो को भी आहार देने का मौका मिलेगा..लगभग 10 बजे हम लोग नेहानगर जैन मंदिर पहुच गए..गुरुदेव जैसे देवदर्शन कर बाहर निकले और हमलोगों ने नमोस्तु..नमोस्तु कर आचार्य भगवन को पडगाहन करने की शुरुवात की..लेकिन गुरुदेव मंद मंद मुस्कान बिखेरकर दूसरी तरफ बढ़ गए..मेरा मन बोला कि मंदिर के पीछे की तरफ चलो.. मै मेरी पत्नी बिटिया बहनोई आदि मंदिर के पीछे की ओर पहुचे तो लोगो ने चिल्लाना शुरू किया कि गुरुदेव वापिस आ गए..तो हम लोगों में ख़ुशी की लहर छा गयी..करीब 50 मीटर चलकर हमलोगों ने संयुक्त रूप से आचार्य भगवन का पड़गाहन किया.. दूसरी परिक्रमा लगाते लगाते मेरी आँखों से ख़ुशी के आंसू झलक पड़े..कि भक्त के घर सागर नगर के प्रवेश के प्रथम दिन ही भगवन के चरण पड गए..जैसे ही यह सूचना लोगो तक पहुची मेरे चौके में लगभग 200 से अधिक महिला पुरुष जाकर खड़े हो गए.. मैंने किसी को भी मन नहीं किया.. जिन लोगों का भाग्य था उन लोगों ने आहार दिए..और कुछ लोग आहार देने से वंचित भी हो गए.. लेकिन प्रत्यक्ष रूप से उन्होंने आहारचर्या को देखा और लगातार णमोकार मन्त्र पढ़ते हुए निरन्तराय आहार होने की भावना की..2-4 हज़ार लोगों ने अलग अलग स्थानों से आहारचर्या देखी..सच बात तो ये है कि जनता का सैलाब मैंने आजतक आहारचर्या के दौरान किसी के घर के बाहर नहीं देखा जितना मेरे निवास के बाहर था..गुरुदेव की चरण रज पाकर मेरा परिवार धन्य धन्य है..हजारो लोगों ने मैसेज के माध्यम से और सैकड़ो लोगो ने मोबाइल के द्वारा बधाई दी..मेरा परिवार उन सभी लोगो के प्रति आभार व्यक्त करता है जिन्होंने निरंतराय आहार की कामना की..उसके उपरांत मेरे परिवार को बधाइयाँ दी..

आपका ---मुकेश जैन ढाना

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UPDATE 4 जुलाई16 समय 7.25 सुबह*

*आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने किया भाग्योदय अस्पताल के OT,MRI, CT Sckin Machine, और कल आयी नई कैथ लेब की मशीनों का निरीक्षण, और ली जानकारी*

*आचार्य संघ भाग्योदय में है विराजमान

*मुकेश जैन ढाना सागर*

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Yesterday Picture:) सागर में हो सकता है चातुर्मास

भाग्योदय में धर्मसभा में आचार्यश्री ने कहा कि काम होने के बाद ही नाम लिया जाता है। मन में ठान लो यह अलग बात है। उन्होंने वर्षाकालीन चातुर्मास के संबंध में सागर के श्रद्धालुओं में जिज्ञासा को लेकर कहा कि सागर तो सागर होता है, हमें भी तो सागर कहते हैं। सागर में तो नदियां आकर मिलती हैं। किसका भाग्य तेज होता है इसके लिए अभी 14 दिन शेष हैं। भाव भक्ति बनी रहनी चाहिए। जिज्ञासा और आकुलता होनी चाहिए। भावों में कमी नहीं होनी चाहिए।

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Waow! this is how karma and Dharm works:) osam explanation!!

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आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के परम् प्रभावक शिष्य मुनि श्री क्षमासागरजी द्वारा रचित कविता...

मुनिश्री के द्वारा रचित कविता आप हमारी वेबसाइट - www.maitreesamooh.com से पढ़ सकते है, कविता की किताब के लिए [email protected] ओर 94254-24984, 98274-40301 पर संपर्क कर सकते है.

मैत्री समूह

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