23.07.2016 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 23.07.2016
Updated: 24.07.2016

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धर्म का मर्म

News in Hindi

#शिवाचार्य #भीलवाडा #चातुर्मास 2016
माता पिता को ट्रेनिग देने की आवश्यता - आचार्य श्री शिव मुनि
23 जुलाई 2016 - भीलवाड़ा /
बच्चे संस्कारवान बने इसके लिए माता पिता को ट्रेनिग देनी आवश्यक है, बच्चों को सही संस्कार देने में माता पिता के आचरण का अहम रोल होता है । यह कहना है जैन श्रमण संघीय आचार्य श्री शिव मुनि का । आचार्य श्री ने शिवाचार्य समवसरण में शनिवार को आयोजित चातुर्मासिक धर्मसभा में श्रावक श्राविकाओं को संस्कारवान बच्चों और माता पिता के संस्कार पर उदबोधित करते हुए बताया कि माता पिता को स्वंयम संस्कारवान होना आवश्यक है । माता पिता संस्कारी हे तो वे बच्चों संस्कार दे सकेंगे । बच्चों को धर्म के प्रति जागरूक बनाना उनके भटकाव को रोकने का कारगर उपाय है । माता पिता चाहे तो बच्चे को योग्य बना सकते हे । जैसे संस्कार बच्चों को दिए जाते बच्चे उसी अनुरूप आचरण करते हे ।
सुख दुख पर अपने उद्बोधन में आचार्य श्री ने कहा कि
सुख दुःख मन के भीतर हे ज्ञान और शक्ति भी मन में हे आवश्यकता उसे समझने की हे । बाहरी बल हो ना हो लेकिन आत्मबल मजबुत होना आवश्यक हे ।
शुद्ध ह्रदय में धर्म का निवास होता है । शुद्ध आत्मा उद्दीप्त अग्नि के समान होती है । धर्म का आधार, धर्म की नींव सरलता और पवित्रता में हे ।
युवामनीषी शुभम मुनि ने धर्मसभा को स्वाधाय पर उदबोधित करते हुए कहा कि सच्ची निष्ठा और मन से किये एक मिनिट के स्वाधाय से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो सकता है । धर्मसभा में बैठना जिनवाणी श्रवण करना ही पर्याप्त नही हमारा मन वँहा मौजूद होना चाहिए, जो हम ने श्रवण किया है वो हमारे मन मष्तिष्क तक पहुंचना चाहिए ।
श्रमण संघीय मंत्री शिरीष मुनि ने बताया कि ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने से मन के भीतर छिपे कषयों का नाश होता है । धर्म और ध्यान के मार्ग पर चलते हुए मन में शंका नही आनी चाहिए । धर्म की राह पर चलते हुए अनेक बाधाएं आती है जिनसे बिना घबराये धर्म मार्ग पर बढ़ना हे ।

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