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आचार्यश्री का श्रेष्ट विवेक"* -देशभूषणजी महाराज ने आचार्यश्री शान्तिसागरजी के बारे में कहा- "आचार्यश्री शान्तिसागरजी महाराज ने अपने जीवन की एक विशेष घटना हमें बताई थी- #ShantiSagar #Jainism
एक ग्राम में एक गरीब श्रावक था। उसकी आहार देने की तीव्र इच्छा थी, किन्तु बहुत अधिक दरिद्र होने से उसका साहस आहार देने का नहीं होता था।
एक दिन वह गरीब पडगाहन के लिए खड़ा हो गया। उसके यहाँ आचार्यश्री की विधि का योग मिल गया। उसके घर में चार ज्वार की रोटी थी। उन्होंने सोचा कि यदि उसकी चारों रोटी हम ग्रहण कर लेते हैं, तो गरीब क्या खाएगा? इससे उन्होंने छोटी सी भाकरी, थोडा दाल, चावल मात्र लिया। आहार दान देकर गरीब श्रावक का ह्रदय अत्यंत प्रसन्न हो रहा था।
उसके भक्ति से परिपूर्ण आहार को लेकर वे आए सामायिक को बैठे। उस दिन सामायिक में बहुत लगा। बहुत देर तक सामायिक होती रही। शुध्द तथा पवित्र मन से दिए गए आहार का परिणामों पर बहुत प्रभाव पड़ता है। वे लोकोत्तर थे।"
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चातुर्मास कलश स्थापना पर विशेष पिक्चर:) ✿ अजमेर जिले पर बरसती आचार्य श्री की विशेष कृपा -lucky city:) ✿ #Ajmer #ShantiSagar #Vidyasagar #Gyansagar
प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती शान्तिसागर जी महाराज का पावन आशिर्वाद अजमेर जिले को शुरु से ही प्राप्त है पूज्य आचार्य परमेष्ठी शान्तिसागर जी महाराज का ब्यावर की धरती पर चातुर्मास पश्चात् आचार्य देव वीरसागर जी एवं आचार्य देव शिवसागर जी का पदविहार अजमेर, किशनगढ़, ब्यावर आदि स्थानों पर हुआ आचार्य शिवसागर जी मुनिराज के प्रथम दीक्षित शिष्य ज्ञानसागर जी अपनी मुनिकाल की सम्पूर्ण साधना अजमेर जिले के विभिन्न उपनगरों में की 21 वीं सदी के महान संत जैनाचार्य विद्यासागरजी की दीक्षा भी अजमेर में हुई इसके बाद आचार्य परमेष्ठी विद्यासागरजी के 6 चातुर्मास अजमेर जिले में हुए आचार्य विद्यासागरजी की महती कृपा से 1994 में पूज्य मुनिपुंगव सुधासागर जी क्षुल्लकद्वय गम्भीरसागर जी धैर्यसागर जी का मंगल वर्षायोग अजमेर की पावन धरा पर हुआ कुछ दिनों बाद ज्ञानोदय तीर्थ की नींव पड़ी व अब तक सर्वाधिक 6 चातुर्मास मुनिपुंगव सुधासागर जी के अजमेर जिले की पावन धरा पर हो चुके है आचार्य विद्यासागर जी के परम शिष्य मुनि श्री क्षमासागर जी मुनि श्री आर्जवसागर जी मुनि श्री चिन्मयसागर जी मुनि श्री अविचलसागर जी, आर्यिका विज्ञानमति जी आर्यिका दृढ़मति जी के पदविहार व चातुर्मासों से अजमेर जिले की धरा पवित्र है अजमेर के ही उपनगर ब्यावर में मुनिपुंगव का यह 7 वाँ चातुर्मास है *अभी कुछ दिनों पूर्व ही अजमेर जिले के केकड़ी क्षेत्र में गुणोदय तीर्थ का पूज्य मुनिपुङ्गव ने पञ्चकल्याणक महोत्सव करवाया था* आचार्य श्री विद्यासागर जी की कृपा का ही प्रभाव है कि इस बार आचार्य श्री से दीक्षित 6 श्रमण अजमेर जिले में चातुर्मास कर रहे है ब्यावर में *मुनिपुंगव108 श्री सुधासागर जी,मुनि श्री महासागर जी, मुनि श्री निष्कम्पसागर जी क्षुल्लक गम्भीरसागर जी क्षुल्लक धैर्यसागर जी*, स्वयं अजमेर में ही *मुनि श्री प्रमाणसागर जी, मुनि श्री विराटसागर जी ससंघ*, एवं नसीराबाद में *मुनि श्री उत्तमसागर जी ससंघ* चातुर्मास हेतु विराजित है
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आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री क्षमासागरजी महाराज द्वारा रचित हृदयस्पर्शी कविताओं को आप हमारी वेबसाइट - www.maitreesamooh.com से पढ़ सकते है, कविताओं के संग्रह को प्राप्त करने के लिए आप [email protected] अथवा 94254-24984, 98274-40301 पर संपर्क कर सकते हैं।
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