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#चांदी के वर्क में जानवरों के अंश मिलाने पर लगाई रोक
Aug 08, 2016,
मिठाई, सुगंधित इलायची और पान पर लगाए जाने वाले चांदी के वर्क को बनाने में जानवरों की आंत के इस्तेमाल पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने रोक लगा दी है। दरअसल, वर्क बनाने के लिए चांदी को जानवरों की आंतों पर रखकर पीटा जाता है। इससे बिल्कुल पतले वर्क बनते हैं और इन्हें सामान पर लपेटने में आसानी हो जाती है। क्यों किया गया ऐसा....
- जानकारी के मुताबिक, FSSAI ने यह बैन इसलिए लगाया है, क्योंकि चांदी के वर्क को पतला करने के लिए गाय-भैंस की आंतों का इस्तेमाल होता था।
- शिकायत थी कि इसके लिए गाय, बैल और भैंसों का कत्ल किया जा रहा था।
- सरकारी सूत्रों के मुताबिक, जांच में पाया गया कि इस तरह से तैयार चांदी के वर्क कंज्यूमर की सेहत के लिए नुकसानदायक भी हैं।
- इन वर्क की शीट्स और पैकेट पर कोई सिंबल या वॉर्निंग नहीं होती, जिससे पता लगाया जा सके कि वह वेजीटेरियन प्रोडक्ट है या नॉन-वेजीटेरियन।
सेहत के लिए भी खतरनाक
- जानकारी के मुताबिक, जांच में ये पाया गया कि चांदी के वर्क में हेवी मैटल ऑब्जेक्ट्स जैसे निकल, लेड, क्रोमियम और केडमियम भी होते हैं। ये सभी मेटल ऑब्जेक्ट्स सेहत के लिए खतरनाक होते हैं।
- कुछ महीनों पहले मैगी नूडल्स पर सरकार ने लेड की मात्रा ज्यादा होने की वजह से ही रोक लगाई थी।
मेनका गांधी ने की थी पहल
- दो साल पहले यूनियन मिनिस्टर और एनिमल एक्टिविस्ट मेनका गांधी की शिकायत के बाद सरकार ने इस मामले पर एक्शन लेने का फैसला लिया था।
- मेनका ने कहा था कि मिठाई, पान और सुपारी ही नहीं बल्कि सेब (एप्पल) को भी ज्यादा बेहतर दिखाने के लिए चांदी का वर्क लपेटा जाने लगा है।
- मेनका ने साफ कहा था कि चांदी का वर्क बनाने के लिए बैलों का कत्ल तक किया जाता है।
- बता दें कि कुछ साल पहले, इंडियन एयरलाइंस ने वर्क को नॉन वेजीटेरियन मानते हुए इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।
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#शिवाचार्य #भीलवाडा #चातुर्मास 2016
गलत लोगों ने धर्म को बाँट दिया - आचार्य श्री शिव मुनि
8/8/2016 भीलवाडा / जब व्यक्ति संकीर्ण सीमाओं से घिर जाता है तो वो धर्म को अधर्म बना देता है । यह कहना है जैन श्रमण संघीय आचार्य श्री शिव मुनि का । आचार्य श्री ने सोमवार को शिवाचार्य समवसरण में आयोजित चातुर्मासिक धर्मसभा मेंं श्रावक श्राविकाओं को उदबोधित करते हुए कहा कि परमात्मा का एक ही धर्म, एक ही मजहब हे कुछ लोग जिनकी सोच गलत है उन्होंने धर्म के बंटवारे कर उसे अधर्म बना दिया है । प्रत्येक धर्म का सार मानवता हे ।आचार्य श्री ने कहा जीवन किस लिए मिला । हमने क्या पाया क्या खोया, जो खो दिया उसे भुला कर आगे बढ़ो, जो पाने योग्य है उसकी तलाश करो । जीवन को व्यर्थ में नही गंवाना हे । जो मानव जीवन मिला उसका सदुपयोग करना चाहिए । एक मानव जीवन ही हे जो मोक्ष जा सकता है इस देह का उपयोग करना हे । तुम कुछ भी करो चित्त की एकाग्रता से करो । हम धर्म करने आये है लेकिन यदि हमारा मन किसी और काम में लगा हुआ है तो ऐसा धर्म ध्यान करना बेकार है । जो भी कार्य करना है वो पुरे मनोयोग से करना है ।
श्रमण संघीय मंत्री शिरिष मुनि ने धर्मसभा को उदबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार सूरज की रौशनी गुफाओं में पहुंच कर उजियारा नही कर सकती लेकिन एक दिए का प्रकाश अँधेरी गुफा में रौशनी फैला देता है उसी प्रकार अरिहंत प्रभु भी मन के हर कोने में ज्ञान रूपी उजियारा फैलाते हे । हमे हमारे मन को प्रभु भकरी में रमाने की आवश्यकता है ।
धर्मसभा को निशांत मुनि ने मधुर भजन से संगीतमय बनाया ।
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#हैदराबाद #चातुर्मास #2016
श्रमण संघीय सलाहकार श्री #दिनेश मुनि जी म.
8/8/2016
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#किशनगढ़ #चातुर्मास 2016
साध्वी श्री #रुचिका जी म.
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जोधपुर #चातुर्मास 2016
8/8/2016
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#गुंतकल #चातुर्मास 2016
8/8/2016
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#हुबली #चातुर्मास #2016
8/8/2016
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तेरापंथी सभा के ऐितहासिक निर्णय
आचार्य आनंद ऋषि पुरस्कार समारोह
7/8/2016
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