08.08.2016 ►Jahaj Mandir ►Kharatar Diwas ... पालीताणा में खरतर दिवस मनाया

Published: 09.08.2016
Updated: 08.01.2018

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Kharatar Diwas

पालीताणा स्थित जिन हरि विहार धर्मशाला में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभसूरि महाराज के शिष्य मुनिराज मयंकप्रभसागर महाराज के निर्देशन में चातुर्मास आराधना-साधना-ज्ञानाराधना पूर्वक चल रहा है।

इसी क्रम में दिनांक 8 अगस्त 2016 को प्रात: साढे नौ बजे आराधना भवन में खरतर दिवस मनाया गया। द्विशताधिक आराधक भाई-बहिनों की विशाल उपस्थिति मेंं यह दिवस भव्य रूप से मनाया गया। धर्मसभा में सर्वप्रथम नवकार मंत्र का सामुहिक गान कर विश्व शांति की मंगल कामना की गयी। फिर गणनायक सुखसागर गुरु की प्रार्थना से धर्मसभा की शुरुआत हुई। मुनि मेहुलप्रभसागर महाराज एवं मुनि कल्पज्ञसागर महाराज ने अपने उद्बोधन में खरतर गच्छ के परंपरा, इतिहास की विस्तृत जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि भगवान महावीर की परंपरा में गुरु भगवंतों ने त्याग का मार्ग अपनाया। शिथिलाचार का त्याग कर आचार धर्म की प्रतिष्ठा की। जीवन उसी का अनुकरणीय है जिनका जीवन परमार्थ के लिये के लिये हो।

Kharatar Diwas

महत्तरा साध्वी दिव्यप्रभा ने कहा कि श्रीसंघ को आध्यात्मिक प्रेरणा देने का कार्य आचार्यों का है। जिनमें खरतर गच्छ की परंपरा में अभयदेवसूरि, जिनवल्लभसूरि, जिनदत्तसूरि, जिनचंद्रसूरि, जिनकुशलसूरि आदि अनेक आचार्य हुये। जिनका नाम आज भी हर गांव में गौरव के साथ लिया जाता है। समारोह में साध्वी प्रियदर्शना, साध्वी प्रियश्रद्धांजना, साध्वी नित्योदया ने भी अपने वक्तव्य में खरतर गच्छ की महिमा की। 

प्रवचन के बाद सामुहिक जाप का आयोजन रखा गया। जिसमें भगवान आदिनाथ, तीर्थंकर महावीर, भगवान पाश्र्वनाथ, दादा गुरुदेव आदि की विधि सहित आराधन करवाकर जाप करवाया गया।

दोपहर में आयंबिल की तपस्या का आयोजन किया गया। जिसमें 80 आराधकों ने भाग लिया। 

यह जानकारी भागीरथ शर्मा ने दी।

प्रेषक- भागीरथ शर्मा, 

जिन हरि विहार समिति, पालीताणा

Sources

Jahaj Mandir.com
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