23.08.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 23.08.2016
Updated: 05.01.2017

Update

जीवन को दिशा देने वाला महोत्सव...

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An Important Note to all 51,000+ readers:) आचार्य विद्यासागर जी Laptop/Computer/Mobile/Tablet USE नहीं करते हैं! ये पेज चलाने में आचार्य विद्यासागर जी की प्रेरणा/अनुमोदना नहीं हैं! आचार्य श्री को इस पेज के बारे में जानकारी भी नहीं की एक पेज उनके नाम से हैं जिसमे अब 50,000 मेम्बर होने वाले हैं!!!!!!:)) जो भी picture/post/article/content इस पेज से शेयर किया जाता हैं वो सब ADMIN की समझ से किया जाता हैं! हम admin लोग अपनी समझ के अनुसार पेज चलाते हैं.. थोडा मत-भेद/विचार-भेद/द्रष्टि-भेद होना स्वाभाविक हैं Human Nature हैं! इस पेज का उदेश्य जिन धर्मं के core teachings/Crux को spread तथा जिन धर्मं के जीवंत प्रतिकृति मुनिराजो सहित जिसमे आचार्य विद्यासागर जी admin के नजरिये में आदर्श हैं, के प्रवचन आदि शेयर करना हैं! admin किसी भी भेदभाव जैसे पंथवाद /साधुवाद आदि में विश्वास नहीं रखते हैं.. तथा हम सब धर्मं का मर्म [ essence ] समझे.. ऐसी भावना रखकर पेज को चलाते हैं:) । #vidyasagar #Jainism #Jain #Dharma #Tirthankara #Digambara

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Ganini Pramukha Aryika Shri Gyanmati Mataji (Sanskrit Āryikā Jñānamati Hindi: आर्यिका श्री ज्ञानमति) is considered as an iconic Jain nun, known for undertaking several projects related to Jainism. The Ganini Pramukh Āryikā is considered as the legendary figure reflecting the true spirit of Jainism among the disciples. She is also eminent for construction of the Jain temples representing Jain cosmology models at Jambudweep, Hastinapur, Uttar Pradesh, which were supported by former Prime Minister of India, Indira Gandhi. #Gyanmati #Jain #Dharma #Jainism #mangitungi #Jaintemple #Hastinapur

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News in Hindi

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Jay Digambara! Us dhyan agni ko anant vandan.. 🔥:)

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अहा! क्या विरला संत है!! #vidyasagar #Jain #Jainism #Dharma #Tirthankara #Digambara #Acharya

@ किसको पता था कि नन्हे पीलू, संत शिरोमणी बनकर हम सबके मार्गदर्शक बनेंगे!!

@ मलप्पा के आँगन में जिसकी किलकारी गूँजी, माँ श्रीमति जी के आँचल की छाँव तले, कर्नाटक के सदलगा ग्राम की मिट्टी में पले!!

@ आज जैन ही नहीं समस्त मानव जाती के गौरव है, अकेले दिगंबर जैन समाज के नहीं अपितु समस्त संत समाज के शिरोमणी है!!

@ जिनके ह्रदय में मानव जाति की ही नहीं वरन मूक पशुओं की वेदना का भी ख्याल है!!

@ जिन्होंने माटी जैसी जैसी अकिंचिन, पद-दलित और तुच्छ वस्तु पर महाकाव्य मूकमाटी रच कर उसे अनमोल कर दिया!!

@ जिनकी रचनाएं मात्र कृतियाँ ही नहीं है, अकृत्रिम चैत्यालय है!!

@ वो आज धर्म को मंदिरों की दीवारों से राजनीती के गलियारों तक ले गए!!

@ जिन पर अर्ध शतक से ज्यादा शोध हो चुके हैं, लेकिन जिनके बारे में कुछ कहना सूरज को दीप दिखाने जैसा है!!

@ जो उन्हें जानते हैं वो उनकी वीतरागी छवि में खो जाते है, जो उन्हें नहीं जानते है वो अचंभित हो जाते है कि क्या है इस संत में!!

@ जिनके साथ में मात्र एक पिच्छी-कमण्डल है उसके सिवा भौतिकता के रंच मात्र भी साधन नहीं, फिर भी असंख्य भक्तगण नतमस्तक खड़े हैं!!

@ किसी को कोई प्रलोभन भी नहीं देते उसके बाद भी इतना जनसमूह जिनसे सम्मोहित होकर उनके पीछे चल देता है!!

@ पूरे समंदर स्याही बन जाएँ और पूरे वृक्ष कलम बन जायें फिर भी जिनके गुणों को पूर्ण व्यक्त ना कर पाएं!!

@ जिनके बारे में, जिनकी त्याग तपस्या कृतियों आदि के बारे में लिखने बैठे तो शब्द वर्गणा, समय, विचार, सब कम पड़ जायेंगे!!

@ उनका नाम... उनकी चर्याओं से उनकी चर्चाओं से पता चलता है... हमारे गुरुवर हमारे भगवन हैं... जिन्हें हम श्रद्धा से छोटेबाबा बोलते है!

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आचार्य श्री विद्यासागर जी ने कहा... #Vidyasagar #Jainism #Jain #Dharma #Ramayan #Tirthankara #Ram

सीता का त्याग किया श्री राम ने, दूत ने सन्देश माँगा श्री राम के लिए तो सीता ने कहा की मुझे प्रभु भले ही भूल जाएँ पर धर्म को कभी न भूलें । मैं भी आपसे कहता हूँ तुम सब भूल जाओ धर्म को कभी न भूलना । जीवन मैं चरैवेति [ चलते रहो ] को मूल मन्त्र बनाकर चलते जाइये धर्म को साथ लेकर आप निश्चित रूप से अपनी मंजिल को अवश्य पा लोगे ।संस्कृति और संस्कार जरूरी हैं पश्चिमी संस्कृति की तरफ दृष्टि पात न करके अपनी भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ बनाने की शुरुआत अपने परिवार से कीजिये ।

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