16.09.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 16.09.2016
Updated: 05.01.2017

Update

आचार्य श्री की चित्र @ DB mall, Bhopal:) जहाँ राग ही राग झलकता हो उस स्थान पर वीतरागि देव के उपासक वैरागी का चित्र:) #AcharyaShri #Vidyasagar #Jainism #Digambara #Nirgrantha

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अभी तुमने
आग के रंग के कपडे पहने है.
अभी तुम्हारी कामवासना
योग की आग में
जली नहीं है,
अभी तुम्हे
स्त्री और पुरुष में
फर्क नज़र आता है.
स्त्री के पीछे भागना
और
स्त्री से दूर भागना,
यात्रा दोनों में जारी है.
अभी
सन्यास की यात्रा शुरू नहीं हुई!

यह कविता इस बात का सन्देश देती है की जब यात्रा, पीछे भागने की और दूर भागने की, के बिच में साम्यभाव हो जाये तब ब्रह्मचर्य घटित होता है - मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज!

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Update

#AcharyaShri #Vidyasagar #Jainism #Digambarsadhu #Nirgranth #Ahinsa

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*भूल होना प्रकृति है, क्षमा माँग लेना संस्कृति है*

Forgiveness may not change the Past but it gives the Future a chance"

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News in Hindi

❖ आज क्षमावाणी पर्व है -मुझे कुछ नहीं आता, मैंने गलतियों से सिखा है - आप मुझे क्षमा करे प्लीज! आज एक नयी शुरुआत करे और आने वाले दिनों और समय को क्षमा रूपी गंध से महकाए As An Admin I do ask for forgiveness humbly to everybody! ✿

दोस्तों, जैसे मैं जिनवाणी को मुनिओ के प्रवचन आदि को शेयर करता हूँ तो क्योकि एक समय में वस्तु के एक द्रष्टिकोण के बारे में बात की जा सकती है और जैसा आज बहुत सी बातो को लेकर मतभेद है तथा हमारी विचारधारा को अलग अलग रहती ही है क्योकि हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार अर्थ को लेता है तो ऐसे में बहुत बार मैंने देखा है इन मतभेदों को लेकर कुछ व्यक्तियों के साथ ना चाहते हुए भी मनभेद हो जाता है जो कभी उजागर तो नहीं होता पर कोल्ड वॉर जैसा रहता है! मैं उन व्यक्तियों से आज क्षमा माँगना चाहता हूँ अगर मेरे कारण को कभी कषाय हुई हो, मेरे किसी शब्द से आपको गलत लगा हो या मेरे एडमिन होने के कारण कभी मेरे से कुछ गलती अनजाने या जान बुझकर करदी हो तो भी मुझे छोटा और अज्ञानी समझकर क्षमा करे, पेज बनाने और चलाने उदेश्ये सिर्फ और सिर्फ अपनी धर्मं वृद्धि और साथ धर्मं प्रभावना का था... है और रहेगा! कभी कभी ऐसी परिस्थितिया पेज में बन जाती है की मुझे एडमिन होने के कारण कुछ पोस्ट/कमेंट को डिलीट करना पड़ता है ताकि विवाद ज्यादा ना बढे इस वजह से कभी मेरे से भी गलती गलती हो जाना स्वाभाविक है तो मैं आपसे क्षमा चाहते हूँ, जिनके साथ कोई विवाद नहीं वे तो क्षमा करेंगे ही, पर यदि कभी किसी कोई भी बात के कारण कषाय हुई हो या उनके मन में कोई शल्य मेरे को लेकर हो या मुझमें ego आगया हो तो मैंने गलती करी हो तो कृपया क्षमा करे और अगर आप कुछ बताना चाहते है बता भी सकते है मैं अपने को सुधारने की कोशिश करूँगा -Nipun Jain [ Admin ]

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आकाश सबका
दीवारें हमारी अपनी

नदी सबकी
गागर हमारी अपनी

धरती सबकी
आँगन हमारा अपना

विराट सबका
सीमाएँ हमारी अपनी।

-मुनि क्षमासागरजी

हमारे द्वारा आपका मन द्रवित हुआ हो, लघुता के लिए हम हृदय से क्षमा प्रार्थी हैं

मैत्री समूह
+91 94254 24984
+91 98274 40301
+91 76940 05092

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