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❄❄Jay jinendra❄❄
*11//10//16*
✨✨सुप्रभात✨✨
विशुद्ध देशना📝📝📝📝📝
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*दशहरा स्पेशल*
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हे मित्र!! यदि आज आप दशहरा मैदान जाओ रावण के दहन के लिये तो मित्र!! अपने मन से पूछना कि तुमने कितनी सुंदरियों को निहारा है? ज्ञानी!! आज यदि रावण!होता तो कहता हे मानवो!!मुझे मेरी देह के जलने का भय नहीं है आप मेरी देह में अग्नि लगा दो मगर मेरी देह में वो ही आग लगायेगा जिसने आज तक किसी पर नारी को दृष्टि पात न किया हो न मन से,वचन से,न शरीर से निहारा न हो मित्र!! और यदि दृष्टि पात किया हो तो देख लो मेरी दशा? मैं मुनिसुव्रत नाथ भगवान के शासन में जन्मा था लेकिन आज महावीर के शासन में भी जलता आ रहा हूँ। मित्र!! देह की चिताएं तो जला सकते हो लेकिन ज्ञानी! कलंक को विश्व में जलाने वाला कोई नहीं है। यह रावण नहीं जल रहा है मित्र!! ये रावण का कलंक जल रहा है ये तो पंचम काल की अंतिम स्वासों तक जलता रहेगा जब तक दूसरे तीर्थंकर का जन्म न हो जाये इसलिए हे युवाओं!! धर्म के मर्म को समझो न रावण को जलाने जाओ न उसके जलाने की अनुमोदना करो यदि कर्मो से अपनी रक्षा करनी हो।।
।।जो है सो है।।
*जैनम् वचनम् सदा वंदे*
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आचार्य भगवन 108 विशुद्ध सागर जी महाराज जी के संघस्थ सुयोग्य शिष्य दुर्ग नगर गौरव मुनि श्री 108 आराध्य सागर महराज जी जिन्होंने अभी
*सिंह निष्क्रिडित* व्रत को 09//10//16 पूरा किया है जिसमें उन्होंने अभी 80 दिन में 60 उपवास किये है।
व्रत का क्रम जिसमें 1 उपवास 1 आहार, 2 उपवास 1 आहार, 3 उपवास 1 आहार,4 उपवास 1 आहार, 5 उपवास 1 आहार, इस प्रकार 15 उपवास पुरे किये और फिर इसी प्रकार 15 उपवास घटते क्रम में, 15 उपवास बढ़ते क्रम में और 15 उपवास घटते क्रम में इस प्रकार उन्होंने 60 उपवास किये। उनकी पारणा 09//10//16 को वैशाली नगर भिलाई में सम्पन्न हुई।धन्य हो ऐसे धरती के देवता को जो इस कलि काल में भी चतुर्थ कालीन साधना कर रहे।।कौन कहता है कि पंचमकाल में धर्म नहीं है मित्र!! इस पंचम काल की अंतिम स्वासों तक यह वीतराग धर्म निर्ग्रन्थ मार्ग, जयवन्त रहेगा,नमोस्तु शासन जयवन्त रहेगा।
*जब तक है अवनि और अम्बर*
*तब तक है धर्म दिगम्बर*
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।।नमोस्तु शासन जयवन्त हो।।
।।श्रमण संस्कृति सेवा समिति
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