01.11.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 01.11.2016
Updated: 05.01.2017

Update

आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के 71वें जन्मदिवस पर मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज की पुस्तक आत्मानवेशी पर आधारित "आत्मन्वेषी' नाटक के भोपाल में सफलतम मंचन के पश्चात विवेचना रंगमंडल जबलपुर और मैत्री समूह के साथ अर्चना मलैया जी द्वारा नात्यरूपान्तरित नाटक का पुनः मंचन
स्थान: आचार्य विद्यासागर तपोवन, छतरी योजना, अजमेर
समय: सांय 7:30
दिनांक: 06 नवंबर 2016 कृपया अधिक से अधिक संख्या में पहुँच कर धर्मललाभ लेवें।

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Why Jainism Is The World's Most Peaceful Religion?? worthy watch!

दहिगाँव पिच्छी परिवर्तन फ़ोटो! आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के शिष्य मुनिश्री नियमसागर जी महाराज, मुनिश्री प्रबोधसागर जी महाराज, मुनिश्री ऋषभसागर जी महाराज, मुनिश्री अभिनंदनसागर जी महाराज, मुनिश्री सुपार्श्वसागर जी महाराज #AcharyaShri #AcharyaVidyasagar #MuniNiyamsagar

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*शंका समाधान - 1 Nov.' 2016*
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१. *किताबों को पड़ना बहुत ही स्थूल स्तर का स्वाध्याय है! सच्चा स्वाध्याय अपना खुद का चिंतन है, अपना विश्लेषण करते हुए अपनी कमियों को दूर करना और खूबियों को बढ़ाना है!* नियमित स्वाध्याय करने के बाद भी अगर विचारों में बदलाव नहीं आ रहा तो वो किसी काम का नहीं है!

२. गुरुदेव कहते हैं की " जिस तिथि पर कोई अतिथि आता है, वो तिथि अहिंसा की द्योतक है "! गुरुदेव अहिंसा को बहुत व्यापक दृष्टि से देखते हैं!

३. *किसी की मृत्यु के उपरांत कम से कम एक अंतर्मुहूर्त (४८ मिनट्स) तक जोर जोर से नवकार मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए!* अगर उसके अंदर बहुत सूक्ष्म प्राण बचे हो तो उसका उद्धार हो सकता है!

४. जीवन में संयम को आत्मसात करने से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है!

५. " स्वाहा " का मतलब है की पूर्ण शुद्धि के साथ के किया हुआ त्याग / समर्पण!

६. *मंदिर में बात करना भगवान् की घोर असाधना है!*

७. *पूर्वाचार्य कहते हैं की " आत्म हित करने के साथ जितना हो सके पर हित भी करना चाहिए, लेकिन अगर दोनों में चुनाव करना हो तो आत्म हित को प्राथमिकता देनी चाहिए! "*

८. गृहस्थी में हर समय होनी वाली हिंसा के पाप का प्रक्षालन करने के लिए धार्मिक क्रियाओं को करना चाहिए!

९. *जैन धर्म कठोर नहीं अपितु बहुत ही सरल है, बस सिद्धांतों को मूलभूत समझने और आत्मसात करने की जरुरत है!*

१०. बच्चों में संस्कार डालने के पहले माँ-बाप को खुद संस्कारित होना चाहिए! बच्चों पर अंकुश तुक्त आज़ादी होनी चाहिए! *ये ४ बातें बच्चों को बचपन से सिखानी चाहिए*:
१. पाप के प्रति डर
२. धर्म के प्रति गौरव
३. माँ-बाप के प्रति सम्मान
४. जीवों के प्रति संवेदनशीलता

*- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज*

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महावीर भगवान के मोक्षकल्याणक के पावन अवसर पर मोक्षस्थली पावापुरी के चरणों के दर्शन, आरती और वर्ष 2015 के मोक्षकल्याणक (दीपावली) के दिन पर चरणों के ऊपर छत्र के घूमने का अतिशय का विडियो! #Diwali #LordMahavira #Bhagwanmahavir #Jainism #Pawapuri

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