25.01.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 25.01.2017
Updated: 26.01.2017

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जिज्ञासा समाधान -मुनिपुंगव सुधासागर जी महामुनिराज् #MuniSudhaSagar #AcharyaVidyaSagar

1⃣ *मोक्ष मार्ग पर चलने वाले मुमुक्षुओं को माता-पिता से संबंध तोड़ना ही पड़ता है। जब सारे सांसारिक बंधन टूट जाते हैं, तभी परमार्थ शुरू होता है।
_मोह और डर के कारण माता-पिता हमेशा अपनी संतान को संसारिक कार्यों के तरफ ही धकेलते हैं, उसे परमार्थ में भेजना नहीं चाहते।

_2⃣ *गृहस्थों का धर्म गज स्नान के समान कहा गया है, जो पर्व के दिनों में तो धर्मात्मा बन जाता है, परंतु बाकी के दिनों मे उसका मन चंचल हो जाता है।* अतः उसे कैसे भी गुरुओं का सानिध्य प्राप्त करते रहना चाहिए। जिससे उसके जीवन में धर्म बना रहे।

_3⃣ *संतान को संस्कारित करने के लिए उसे गुरु के हाथों में सौपना ही पड़ता है। क्योंकि संस्कार निर्मोही के हाथों ही आएंगे, कभी मोही के हाथों नहीं आ सकते।

_4⃣ टीवी पर प्रवचनों का प्रसारण कराना जिनवाणी के दान के अंतर्गत ही आएगा *प्रवचन और जिज्ञासा समाधान जिस माध्यम से सभी लोगों तक पहुंच रहे हैं और जिसके कारण लोगों के परिणाम सुधार रहे हैं, इसके माध्यम से कितने लोग लाभांभित हो रहे हैं, वह सब आशीर्वाद के पात्र ही हैं।*_

_*5⃣साधु के अंतिम संस्कार में जाने से कोई सूतक नहीं लगता। साधु का शरीर इतना पावन था क्योंकि उसमें रत्नात्रय आत्मा रह रही थी। परन्तु सांसारिक दृष्टि से मात्र स्नान कर लेना चाहिए।*_

_6⃣ कालसर्प योग कुछ नहीं होता, यह मात्र भक्तों को ठगने का एक तरीका है। आचार्य श्री कहते हैं *पाप घटाओ-पुण्य बढ़ाओ* यही एक मात्र समाधान हर एक दोष के निवारण का है।_

_7⃣ आज नारी के साथ जो कुछ भी हो रहा है उसकी जिम्मेदार स्वयं नारी है। नारी को स्वयं सुधारना होगा तभी वह बच पाएगी। सीता को मात्र कुछ देर के लिए अकेला छोड़ा गया, और कितनी बड़ी दुर्घटना हो गयी। *यदि नारी मर्यादित हो जायेगी, तो किसी पुरुष की मज़ाल नही, कि उसकी तरफ आँख उठा के देख भी सके।*_

_8⃣ *मन्दिरों में दिया गया कभी पाप में नही जाता, यह सदाबहार पूण्य का खाता है।* परमार्थ कार्यों की मनाही नहीं है, परन्तु आपके द्वारा की गयी सहायता से यदि किसी ने गलत कार्य किया तो, इसका पाप बन्ध आपको भी होगा।_

9⃣ _जो श्रावक इतना नियम ले, कि बिना मुनि को आहार कराये मुख में पानी की एक बूंद भी नही डालेगा, *ऐसे व्यक्ति इतना पूण्य बन्ध होगा कि वो किसी न किसी भव में साक्षात् तीर्थकर का आहार कराएगा।*_

_*नोट*- पूज्य गुरुदेव जिज्ञासाओं को समाधान बहुत डिटेल में देते हैं। हम यहाँ मात्र उसका सार ही देते हैं। किसी को किसी सम्बंध में कोई शंका हो तो कृपया सुधाकलश app या youtube पर आज का वीडियो देख कर अपना समाधान कर सकते हैं। *किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं।*_

_*📺पूज्य गुरुदेव का जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम प्रतिदिन लाइव देखिये - जिनवाणी चैनल पर*_
_*👉🏻सायं 6 बजे से, पुनः प्रसारण अगले दिन दोपहर 2 बजे से*

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आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन करते हुए पीठाधीश रविंद्र कीर्ति स्वामी जी, माँगीतुंग़ी से [ आर्यिका श्री ज्ञानमती माता जी का नमोस्तु लेकर ] @ सिलवानी:)) #AcharyaVidyasagar #AryikaGyanmati #Mangitungi

आचार्य देव श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के दर्शन करने आज सिद्धक्षेत्र मांगीतुंगी जी से स्वस्ति श्री रवीन्द्र कीर्ति स्वामी जी पधारे, स्वामी जी ने आचार्यश्री ससंघ के दर्शन किए व आर्यिका ज्ञानमति जी ससंघ की तरफ से आचार्यश्री ससंघ को नमोस्तु भी किया* साथ ही आचार्य श्री जी को मांगीतूंगी पधारने का निमंत्रण भी किया।आचार्य भगवन्त ने मुस्कुराते हुए स्वामीजी को आशीर्वाद दिया!!

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