31.01.2017 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 01.02.2017

News in Hindi

#इंचलकरणजी_दीक्षा_महोत्सव
#श्रुति_लुकंड़
#Ichalkarnji

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एक ऐसा जाट परिवार, जिसका हर सदस्य संत- साध्वी
एक तरफ जाट समुदाय आरक्षण के लिए आदोलन की तैयारी कर रहा है,

दूसरी तरफ एक ऐसा भी जाट परिवार है, जो इन इच्छाओं को बहुत दूर छोड़ आया है। #जैन_धर्म के प्रति इतनी श्रद्धा बढ़ी कि परिवार का हर सदस्य अब संत और साध्वी कहलाएगा। यहा की गाधी मंडी में एक फरवरी को जैन दीक्षा समारोह होगा, जिसमें चार वैरागन दीक्षा ग्रहण करेंगी। इनमें एक मा व बेटी हैं, जिनके परिवार से दो पुरुष और दो बेटिया पहले ही दीक्षा ले चुकी हैं।

साध्वी बनने से पहले वैराग्य धारण करने वाली युवतियों का एक धर्म परिवार बनता है, जो शादी की रस्में पूरी करता है। शादी की सभी परम्परा निभाई जाती है। आचार्य सुभद्र मुनि इन वैराग्य धारण करने तीन युवतियों सहित एक महिला वैरागी को दीक्षा ग्रहण करवाएंगे। 40 से अधिक जैन संत व साध्वी गाधी मंडी में पधार चुके हैं। 31 जनवरी को मेहंदी की रस्म होगी।

मां-बेटी एकसाथ बनेंगी साध्वी

पुष्करवाणी ग्रूप ने बोला की राजरानी चहल का जन्म स्थान जागसी सोनीपत है। उनका विवाह बड़ौदी (जींद) में हुआ। उनके पुत्र, दो पुत्रियों सहित पति ने पहले से ही साधु जीवन अपना लिया है। सबसे पहले उनके पुत्र ने दीक्षा ग्रहण की, जो आज श्रेयांस मुनि के नाम से जाने जाते हैं। इसके बाद उनकी दो पुत्रियों ने दीक्षा ग्रहण की। इन्हें साध्वी दक्षिता, साध्वी देवांशी के नाम से जाना जाता है। इसके बाद 2016 में राजरानी के पति ने भी दीक्षा ग्रहण कर ली। वे सुमेर मुनि के नाम से प्रसिद्ध हुए। अब राजरानी स्वयं तथा उनकी तीसरी पुत्री एकता चहल दीक्षा ग्रहण कर रही है। इनकी गुरुणी दक्षिता है।

पूनम जैन ने भी अपनाई राह

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डाहर वासी पूनम जैन पुत्री ओमप्रकाश जैन दीक्षा ग्रहण करेंगी। पूनम जैन दशवै कालिक सूत्र, प्रतिक्रमण सूत्र, 25 बोल, सहित विभिन्न स्त्रोत का अध्ययन कर चुकी है। उनकी गुरु शक्ति प्रभा हैं।

कोमल संयम पथ पर चली

सोनीपत वासी स्व. अशोक कुमार तोमर की पुत्री कोमल जैन भी संयम पथ पर चल रही हैं। एक फरवरी को कोमल जैन दीक्षा ग्रहण करेंगी। कोमल जैन दशवै कालिक सूत्र, आवश्यक सूत्र, वीरत्थुई, नमि पव्वज्जा, अनतगढ़ सूत्र, के तीन वर्ग, 25 बोल, 33 बोल, 67 बोल, 40 बोल, तीर्थकर प्राप्ति के 20 बोल, छ आरो का थोकड़ा, नवतत्व, मेरी भावना, बारह भावना, रत्नाकर पच्चीसी, लघु साधु वंदना, भक्तामर स्त्रोत, कल्याण मंदिर स्त्रोत,सोलह सति स्त्रोत, पद्मावती स्त्रोत, घंटा कर्ण स्त्रोत, उसग्गहरं स्त्रोत, पैंसठिया, महावीरष्टक स्त्रोत में पारंगत हो चुकी है। इनकी गुरुणी समता है।

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