Update
#बीनाबारह मे आचार्य श्री के मंगल सानिध्य पूज्य बड़े बाबा को नये मंदिर में विराजमान किया गया। #AcharyaVidyasagar
- - - - - - - www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse.
#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa
Source: © Facebook
जन-जन के कल्याण की भावना संजोए महान संत श्री विद्यासागर जी का हृदय पाश्चात्य संस्कृतिक के गर्त में समाती भारतीय संस्कृति को बचाने और भारत को वापस लौटाने के लिये तड़प उठा और उठाया उन्होंने बीड़ा और कर दिये कई अनोखे कार्य! #AcharyaVidyasagar
इंडिया का अर्थ ओल्ड फैशन है अर्थात् पुराने ढ़र्रे के विरोधी तत्व - अत: भारत को भारत कहें इंडिया नहीं । मातृभाषा हो भारतीय शिक्षा का माध्यम । हस्ताक्षर अभियान - हस्ताक्षर मातृभाषा में हो । दुकानों, कार्यालयों व सरकारी भवनों में लगे साइन बोर्ड हिन्दी में होना चाहिए ।
गाँव - गाँव की उन्नति के लिए ग्रामीण विकास योजनायें संचालित हों ।
वृद्ध, अनाथों, आश्रितों के लिए अनेक योजनायें - शांतिधारा दुग्ध योजना (गौसंवर्धन व ग्रामीण को रोजगार हेतु)
ग्रामीण क्षेत्रों से युवाओं के पलायन को रोकने व घर में रहकर स्वाभिमान से आय अर्जित करने के लिए जगह-जगह पर हथकरघा केंद्र खोले गये जिसमें अनेक इंजीनियर भाइयों ने अपने पैकेज छोड़कर इसमें योगदान देने का संकल्प लिया है
- - - - - - - www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse.
#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa
Source: © Facebook
Update
#AncientJainism #JainHeritage #AntiquityOfJainism While stepwell-hunting around Sabli village, Gujarat, stumbled upon two anonymous Jain temples. Late 15th century? Early 16th? You tell me! A family of kind cow-herds residing in one, along with their bovine fleet. A lovely, peaceful place, surrounded by lush field and rocky crags.
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
News in Hindi
संसार चक्र को भेदने,सिद्धचक्र है वीर ।
सिद्ध स्वरुपी ध्यान ही,मेंटे भव की पीर ।।
तीन लोक त्रिलोक में,जैन धर्म गंभीर ।
गुरुवर विद्यासागर जी,इस युग के महावीर ।।
Source: © Facebook
बचूँ अहित से हित करूँ, पर न लगा हित हाथ
अहित साथ न छोड़ता, कष्ट सहूँ दिन-रात #SumatiNathBhagwan
बिगड़ी धरती सुधरती, मति से मिलता स्वर्ग
चारों-गतियाँ बिगड़ती, पा अघ मति संसर्ग
सुमतिनाथ प्रभु! सुमति हो, मम मति है अति मंद
बोध कली खुल-खिल उठे, महक उठे मकरंद
तुम जिन मेघ मयूर मैं, गरजो-बरसो नाथ
चिर प्रतीक्षित हूँ खड़ा, ऊपर करके माथ ||
ओम् ह्रीं अर्हं श्री सुमतिनाथ जिनेंद्राय नमो नम: |
स्वयंभू स्तोत्र स्तुति आचार्य श्री विद्यासागर द्वारा रचित #AcharyaVidyasagar
- - - - - - - www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse.
#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa
Source: © Facebook