29.03.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 29.03.2017
Updated: 30.03.2017

Update

विशेष सूचना

👉 वयोवृद्ध शासन श्री मुनि श्री पानमल जी का 86 वर्ष की वय में भीनासर में सांय 6:35 पर देवलोक गमन हो गया है। निर्मल-सरल आत्मा के आद्यात्मिक उन्नयन की मंगल कामना।

👉 बैंकुठी यात्रा कल दिनांक 30-3-17 को प्रातः 9 बजे भीनासर से निकलेगी

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

Source: © Facebook

👉 मांडल(भीलवाड़ा) - जैन चरित्र आत्माओ का आध्यात्मिक मिलन
👉 अहमदाबाद - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
👉 दक्षिण हावडा - रजत जयंती समारोह का आयोजन

प्रस्तुति: 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

*विशेष सूचना*

👉 वयोवृद्ध शासन श्री मुनि श्री पानमल जी का 86 वर्ष की वय में भीनासर में सांय 6:35 पर देवलोक गमन हो गया है। निर्मल-सरल आत्मा के आद्यात्मिक उन्नयन की मंगल कामना।

👉 बैंकुठी यात्रा कल दिनांक 30-3-17 को प्रातः 9 बजे भीनासर से निकलेगी

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

Video

Source: © Facebook

दिनांक 29 - 03- 2017 के पूज्य प्रवर के प्रवचन का संक्षिप्त विडियो
प्रस्तुति - अमृतवाणी
सम्प्रेषण -👇

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 16* 📝

*आगम युग के आचार्य*

*श्रमण-सहस्रांशु आचार्य सुधर्मा*

*आगम-रचना*

गतांक से आगे...

*विआहपण्णत्ति (व्याख्याप्रज्ञप्ति)*

यह पांचवा अङ्गागम है। *भगवती* नाम से वर्तमान में इस आगम की प्रसिद्धि है। इसके मुख्य 41 शतक हैं। आवांतर शतकों की संख्या 67 है। कुल 138 शतक हैं। प्रथम 32 शतक एवं 41 वां शतक स्वतंत्र हैं। 33 से 39 शतकों में प्रत्येक के बारह-बारह आवांतर शतक हैं। इस आगम का 40 वां शतक 21 शतकों का समवाय है। उद्देश्यक संख्या 1923 है। प्रश्नोत्तर शैली में रचा गया यह आगम ज्ञान का महासागर है। समवायांग और नंदीसूत्र के अनुसार इस अगं के शताधिक अध्ययन दस हजार उद्देश्यक दस हजार समुद्देशक एवं छत्तीस हजार (36000) प्रश्नोत्तर थे। वर्तमान में आगम का यह रूप उपलब्ध नहीं है। इस का लघु रुप ही प्राप्त है, पर ग्यारह अंगों में आज भी यह आगम सर्वाधिक विशाल है। इसमें जैन-दर्शन सम्मत जीव-विज्ञान (जियोलॉजी) और परमाणु-विज्ञान का अत्यंत सूक्ष्म विवेचन है। यह अध्यात्म-विद्या का गंभीर ग्रंथ है।

ऐतिहासिक सामग्री की दृष्टि से भी यह ग्रंथ महत्त्वपूर्ण है। परिव्राजक स्कंदक का महावीर के पास दीक्षा ग्रहण, तुङ्गिया नगरी के श्रावकों की पार्श्वापत्यों से धर्म चर्चा, तामली तापस की साधना, शिवराजर्षी की प्रव्रज्या, श्रावक सुदर्शन, शंख-पोखली आदि के महत्त्वपूर्ण जीवन-प्रसंग, जयंती के प्रश्नोत्तर, गोशालक का विस्तृत जीवन परिचय आदि अनेक विशिष्ट व्यक्तियों का उल्लेख इसमें है।

वर्तमान में इस आगम का ग्रंथमान लगभग सोलह हजार (16000) पद्य परिमाण माना गया है।

इस आगम पर अभयदेवसूरि की विक्रम संवत 1128 में रचित 18616 श्लोक परिमाण विशाल संस्कृत टीका है। जयाचार्य रचित साठ हजार (60000) पद्य परिमाण भगवती जोड़ राजस्थानी भाषा का एक विशिष्ट व्याख्या ग्रंथ है।

*नायाधम्मकहाओ (ज्ञाताधर्मकथा)*

यह छठा अङ्गागम है। इसके *नाया और धम्मकहाओ* नामक दो श्रुतस्कंध हैं। दोनों का संयुक्त रूप *नाया-धम्मकहाओ* बनता है। आचार्य अकलंक ने प्रस्तुत आगम को *ज्ञाताधर्मकथा* एवं जय धवला टीका में नाहधम्म-कथा कहा है। टीकाकारों ने नाया का अर्थ उदाहरण और धर्मकथा का अर्थ धर्मप्रधान कथा किया है।

इस ग्रंथ में नाना प्रकार के उदाहरण, दृष्टांत और धर्म आख्यायिकाएं हैं। विषय वर्णन हृदयस्पर्शी है।

कथाओं के माध्यम से इस आगम ग्रंथ में तत्कालीन राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक अनेक प्रकार के बिंदु प्राप्त होते हैं।

इस आगम ग्रंथ की गणना धर्मकथानुयोग में की गई है। ग्रंथगत कथाएं सरस एवं शिक्षाप्रद हैं। कई कथाएं अत्यंत मार्मिक हैं। देश-देशांतर की प्रचलित नाना कथाओं के साथ इस आगम की कथाओं का तुलनात्मक रूप शोध का विषय है।

यह आगम जनसाधारण के लिए भी सुग्राह्य और उपयोगी है। इस आगम की प्रत्येक धर्मकथा में पांच-पांच सौ आख्यायिकाएं, प्रति आख्यायिका में पांच-पांच सौ उपाख्यायिकाएं थीं। यह ज्ञातासूत्र सार्धत्रय कोटी कथाओं का संग्रह था। वर्तमान में इस आगम का यह स्वरूप उपलब्ध नहीं है।

*सातवें से ग्यारहवें आगम* के बारे में विस्तार से जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢
आचार्य श्री तुलसी की कृति आचार बोध, संस्कार बोध और व्यवहार बोध की बोधत्रयी

📕सम्बोध📕
📝श्रृंखला -- 16📝

*आचार-बोध*

*उत्पादन-दोष*

लय- वन्दना आनन्द...

*46.*
धाय ज्यों बालक खिला
संवाद दूती ज्यों बता।
बोलकर भावी शुभाशुभ
और अपनी कुल-कथा।।

*47.*
वैद्य की ज्यों कर चिकित्सा
दिखा भिक्षुक दीनता।
क्रोध कर अभिमान माया
लोभ वश कर हीनता।।

*48.*
करे दाता की प्रशंसा
और विद्या योग से।
मंत्र का लेकर सहारा
चूर्ण दान प्रयोग से।।

*49.*
गर्भपातन आदि ये
उत्पादना के दोष हैं।
तजे सन्त सदोष भिक्षा
शास्त्र का उद्घोष है।।

*11. उत्पादन-दोष*

आहार की प्राप्ति में जो दोष होते हैं, उन्हें उत्पादन दोष कहा जाता है। ये दोष साधु से संबंधित हैं। ये सोलह प्रकार के हैं। पिण्ड-निर्युक्ति की दो गाथाओं में इनका समावेश है। उनका क्रम आचार-बोध के क्रम से थोड़ा-सा भिन्न है--

धाई दूइ निमित्ते, आजीव
वणीमगे तिगिच्छा य।
कोहे माणे माया लोभे य
हवंति दस एए।।408।।

पुव्विं पच्छा संथव विज्जा
मंते य चुन्न जोगे य।
उप्पायणाइ दोसा सोलसमे
मूलकम्मे य।।409।।

*उत्पादन के सोलह प्रकार के दोष* के बारे में विस्तार से जानेंगे-समझेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢

♻❇♻❇♻❇♻❇♻❇♻

*श्रावक सन्देशिका*

👉 पूज्यवर के इंगितानुसार श्रावक सन्देशिका पुस्तक का सिलसिलेवार प्रसारण
👉 श्रृंखला - 41 - *लौकिक उपक्रम व कार्यक्रम*

*स्टैचूआदि* क्रमशः हमारे अगले पोस्ट में....

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

👉 गदग - पच्चीस बोल लिखित परीक्षा का आयोजन
👉 आसीन्द - नव वर्ष मंगल पाठ समारोह
👉 फरीदाबाद - सास-बहू सम्मेलन कार्यशाला का आयोजन
👉 उत्तर हावड़ा (कोलकत्ता) - स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सुविधगृह का उद्घाटन
👉 आसीन्द - शिक्षा समिति शपथ ग्रहण समारोह

प्रस्तुति -🌻 *तेरापंथ संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

News in Hindi

Source: © Facebook

29 मार्च का संकल्प

तिथि:- चैत्र शुक्ला द्वितीया

ज्ञान व ज्ञानी की करें हरदम सादर उपासना ।
ज्ञानावरणीय कर्म का हेतु है इनकी आशातना ।।

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. अमृतवाणी
  2. आचार्य
  3. ज्ञान
  4. दस
  5. महावीर
Page statistics
This page has been viewed 441 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: