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भगवान् #महावीर*
*के पाँच नाम*
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(१) *सन्मति*-संजय और विजय नाम के 2 चारण मुनिराज के मन में संदेह उतपन्न हो गया कि जीव मारने के बाद दूसरी अवस्था में प्रवेश कर लेता है शंका लिए जाते समय रास्ते में जैसे उन दोनों मुनिराजों की दृष्टि बालक महावीर पर पड़ी तो शंका दूर हो गई,उसी समय दोनों चारण रिद्धि मुनिराजों ने बालक का नाम *सन्मति*रख्खा था।
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*महावीर नाम* -एक दिन स्वर्ग में चर्चा चल रही थी की भूमि गोचरी मनुष्य बालक वर्धमान के वीरता की प्रशंसा चल रही थी।
संगम नाम के देव मन में शंका हुई की बालक वर्धमान देवो से भी अधिक शक्तिशाली कैसे हो सकते संगम देव ने उनकी परीक्षा करने हेतु महाविकराल विशालकाय सर्प का रूप बनाकर उस वृक्ष से लिपट गया जहां बालक मित्रो के साथ खेल रहे थे सर्प को देख सभी मित्र डरकर भाग गए पर बर्धमान आगे बड़े और सर्प के फड पर खड़े होकर सर्प से क्रीड़ा करने लगे। तभी उस देख ने असली रूप प्रगट कर कहा वास्तव में आप वीर ही नहीं *महावीर* हो
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(३) *अतिवीर नाम* -बालक ने एक दिन सूना की एक मस्त हाथी प्रजा को कष्ट देता है बड़े बड़े महावत योद्धाओं को पाँव के नीचे कुचलकर मार देता है दयालु बालक भयानक हाथी के पास जाकर सूड़ पकड़कर ऊपर चढ़ गए बात ही बात में हाथी को बस में कर लिया इससे उनका नाम *अतिवीर* पड़ गया।
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(४) *वर्धमान नाम* -तीर्थंकर महावीर त्रिशला माँ के गर्भ में स्फटिक मणि के पिटारे सदृश मलादि रहित माँ गर्भ में वृद्धिंगत होने लगे ममतामयी माँ त्रिशला नेउगते सूर्य को तृप्त स्वर्ण आभा से युक्त बालक को जन्म दिया नित्य वृद्धिंगत देख बालक का नाम *वर्धमान* रखा।
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(५) *वीर नाम*- सर्वथा,निरीह वितरागी, संत मुनिराज विहार करते हुए उज्जैनी में पहुचे वहां अतिमुक्तक नाम श्यामसान में प्रतिमायोग धारण कर लिया।
पापकला में अत्यंत प्रवीण स्थानुरुद्र ने आकर उन पर घोर उपसर्ग किया किन्तु उनकी निर्भयता, वीरता,धैर्य, गंभीरता को देख उनका नाम *वीर* रखा।
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News in Hindi
सागर की गहराई से भी गहरा है जिनका ध्यान।
आकाश की ऊँचाई से भी ऊँचा है जिनका नाम।
घोर उपसर्ग, अपार कष्ट सहे समभावों से,
उन मृत्युंजयी कालजयी #महावीर को प्रणाम!
#MahavirJayanti
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