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26/5/2017
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तांत्रिक चंद्रास्वामी का निधन
वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. कहा जाता है कि वह नरसिम्हाराव के आध्यात्मिक गुरू थे.
1990 के दौर में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव के दौर में अचानक सुर्खियों में आए तांत्रिक चंद्रास्वामी का मंगलवार को निधन हो गया. वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. तांत्रिक चंद्रास्वामी के बारे में कहा जाता है कि वह नरसिम्हाराव के आध्यात्मिक गुरू थे. 1991 में जब पीवी नरसिम्हाराव देश के प्रधानमंत्री बने तो उसके तत्काल बाद चंद्रास्वामी ने दिल्ली में एक आश्रम बनाया. कहा जाता है कि इस आश्रम की जमीन इंदिरा गांधी ने दी थी. 1948 में जन्मे चंद्रास्वामी का असली नाम नेमिचंद था. जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेमिचंद बचपन में ही पिता के साथ हैदराबाद चले गए.
भक्तों की लंबी फेहरिस्त
वैसे तो बड़े-बड़े नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक तांत्रिक चंद्रास्वामी के भक्तों की लंबी फेहरिस्त थी लेकिन इनमें एक प्रमुख नाम ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का भी था. इस संबंध में पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब 'वॉकिंग विद लायन्स-टेल्स फ्रॉम अ डिप्लोमेटिक पास्ट' में लिखा है कि उनके माध्यम से 1975 में वह ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर से मिले थे और उस मुलाकात में ही यह घोषणा कर दी थी कि वह अगले तीन-चार साल में प्रधानमंत्री बनेंगी और यह बात सही साबित हुई.
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**जाको राखे सांइयाँ मार सके ना कोई*
करुणा के सागर...प्रज्ञा सागर..* अहिंसा पदयात्रा के नाम से तपोभूमि प्रणेता का मंगल विहार सूरत मुम्बई हाइवे पर चल रहा है...आज सुबह हाइवे पर एक कुत्ता जिसे एक ट्रक टक्कर मार के गया था..जैसे ही नज़र गयी की उसकी साँसे चल रही है तो बिना देर किये मुनिश्री प्रज्ञा सागर जी महाराज ने णमोकार मन्त्र उस मरणासन्न की अवस्था में पड़े कुत्ते को सुनाया और कमण्डल का पानी पिलाया तो देखते ही देखते उसने हलचल मचानी शुरू कर दी...गुरुदेव ने कहा इसे गाड़ी में रख लो और जब तक प्राण है जियेगा पर पता चला 8 km पर एक महावीर स्वामी पशु अस्पताल है तो गुरुदेव ने तुरंत ले जाने कहा.. *जाको राखे सांइयाँ मार सके ना कोई* और तुरंत उपचार मिलते ही डॉक्टर ने कहा सही समय पर ले आये...दो दिन में यह बहुत कुछ स्वस्थ हो जायेगा..और डॉक्टर ने कहा धन्य है महाराज साब जिन्होंने सही समय पर भेज कर एक मूक प्राणी के प्राणों को बचाया.. जय हो गुरुदेव...करुणा के सागर
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