News in Hindi
ये महावीर का जिनशासन ही है जिसने ऐसे पतित व्यक्ति को भी पावन और पूजनीय बना दिया
जीवंत उदाहरण: पूज्य आचार्य भगवंत श्री राजतिलक सुरिश्वर जी म.सा.
गुरुदेव श्री राज तिलक सुरिश्वर जी माः साः हैदराबाद मे किमस होस्पीटल मे भर्ती है
सम्पुर्ण जैन समाज उनके स्वास्थ्य की शीघ्र से शीघ्र स्वस्थ हो ऐसी परमात्मा से प्रार्थना करते है
ये वही आचार्य भगवंत हैं जो *मूल रूप से जैन नहीं हैं बल्कि आंध्र प्रदेश के तेलगू भाषी परिवार में जन्मे हैं और दीक्षा से पहले माँसाहारी थे । समुद्री जीवों को मसलकर-मारकर खाना, इनका शौक था।*
फिर इनका किसी जैन गुरु भगवंत से मिलने का संयोग हुआ और
शुभ निमित्त मिलने से ऐसा हृदय परिवर्तन और पश्चाताप हुआ कि 50 वर्ष की उम्र में संसार छोड़कर जैन दीक्षा ग्रहण कर ली और
फिर जबरदस्त कोटि का उत्कृष्ट संयम पालन करके कुछ वर्षों बाद आचार्य पदवी को भी ग्रहण किया।
अभी उनका लगभग 45 वर्ष का संयम पर्याय और 95 वर्ष की आयु हो चुकी है तथा जिन शासन के महान आचार्य भगवन्तो में इनका नाम आता है ।
ये प्रभु महावीर का जिनशासन ही है जिसने ऐसे पतित व्यक्ति को भी पावन और पूजनीय बना दिया
Source: © Facebook