28.05.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 28.05.2017
Updated: 29.05.2017

Update

#गुरुवयणं

त्यागी को रोग वैराग्य के लिए होता है और भोगी को रोग रोने के लिए होता है ।

Detached one suffers disease for renunciation whereas non-detached worldly person suffers disease to weep.

Source: © Facebook

Update

🤗मोदी सरकार का बड़ा कदम, बूचड़खाने के लिए मवेशियों की खरीद-बिक्री पर रोक🤗 #share_pls

_🚫मांस के लिए पशु बाज़ार में मवेशियों की बिक्री पर सरकार ने लगाई रोक, अंडरटेकिंग जरूरी 🤗*

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नई दिल्ली: पर्यावर्ण मंत्रालय ने पशु बाजार में जानवरों के कत्ल करने के मकसद से बेचे जाने को बैन कर दिया है. *यह नियम पूरे देश भर में लागू होगा.*

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इसके साथ ही अब मवेशियों को खरदीने वालों को अब एक घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बेचे जाने वाले जानवरों का कत्ल नहीं किया जाएगा. पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत पशु क्रूरता निरोधक नियम 2017 को अधिसूचित किया है.

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इस अधिसूचना के बाद अब पशु बाजार में समिति के सदस्य व सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि बाजार में कोई भी व्यक्ति अवयस्क पशुओं को बेचने के लिए बाजार न लेकर आए. साथ में किसी भी व्यक्ति को पशु बाजार में मवेशी लाने की इजाजत तब तक नहीं होगी जब तक कि उसके पास पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित यह लिखित घोषणा पत्र न दे.

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इस पत्र में मवेशी के मालिक का नाम और पूरा पता वो भी फोटे के साथ होना जरूरी होगा.इस अधिसूचना के मुताबिक पशु के मालिक के साथ यह भी तय करना होगा कि मवेशी को बाजार में बिक्री के लिए लाने के पीछे का उद्देश्य उसको मार देना नहीं होना चाहिए.

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इस नियम के बाद से सबसे ज्यादा असर बूचड़खानों पर पड़ने वाला है, क्योंकि बूचड़खानों में जाने वाले मवेशियों की जानकारी किसी को नहीं होती कि ये मवेशी कहा से और कैसे लाए जाते हैं.

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पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए यह नियम जारी किया गया है. इसलिए जानवर की खरीद करने वाले व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस जानवर को मारने के लिए नहीं बल्कि *कृषि उद्देश्य* के लिए खरीदा जा रहा है.

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*यानि अब बैल, गाय, भैंस, बछड़ों और ऊंट को खरीदने से पहले एक अंडरटेकिंग देनी होगी.*

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*इस नियम के तहत अब*

👉🏽मवेशिया खरीदने वाले को लिखित में पूरा ब्यौरा देना होगा। ब्यौरे में यह वादा करना होगा कि आप इसका इस्तेमाल क़त्ल करने के लिए नहीं खेती के काम के लिए करेंगे।

👉🏽अब विक्रेता और क्रेता को पहचान-पत्र सबूत के तौर पर दिखाना होगा।

👉🏽खरीदारों को बिक्री के सबूत से संबंधित दस्तावेज पशु चिकित्सा अधिकारी, स्थानीय राजस्व अधिकारी, पशु बाजार समिति और विक्रेता को देना पड़ेगा।

👉🏽इसके अलावा ये शर्त भी रखी गई है कि कोई भी मवेशिया खरीदार एक बार खरीदने के बाद उसको *छह महीने* तक नहीं बेच सकता है।

👉🏽इसके साथ साथ दूसरे राज्यों और सीमा पर मवेशियों की हत्या को रोकने के लिए भी कदम उठाया जिसमें राज्यों की सीमा से 25 किमी और अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी के भीतर पशु बाजार पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

Source: © Facebook

News in Hindi

गुरदेव तारादेही से विहार कर तेंदूखेड़ा पधारे,,नगर ऐसा अपने महा सौभग्य को मानता हुआ,,सजा एक नई नवेली दुल्हन की तरह,,माटी भी आज हल्की हल्की सुगंध को पूरे वातावरण में फैला कर सन्देश दे रही *मानो शबरी से,,अपने राम के आने का

गुरदेव का शनै शनै नगर प्रवेश,,घर घर सात रंगों की रंगोली,,उन रंगों में आज अद्भुत चमक,,जो पहले कभी न थी,,जैसे वो सार्थक मान रहे हो आज अपने जन्म को,,कुछ रंग उड़ रहे है जैसे उड़ उड़ कर देख रहे हो *अपने देवता को की कितनी दूर हो प्रभु,,,*
रास्ते में आरती,,उल्लास,,सभी जैन अजैन परिवार अपने अपने जोश के साथ विद्या-सागर मैं डुबकी लागते से,,🚶🏻🏃🏽🏃🏽🚶🏻🏃🏽
और व्यवस्था को बनाते चले जा रहे है जयकारों से गुंजित गली गली,,और समोशरण की रज पाकर,,महकती सी वो नगर की मंदाकिनी पवन धारा,,
अपनी अनोखी जादूगरी मुस्कुराहट के साथ,,लोगों को अचेत सम करते गुरुवर बढे जा रहे हैं श्री पारस नाथ जिनालय की ओर,,
*लो आ गए भगवान,,,भगवान के दरबार मैं,,*
किया दर्शन,,,निहारा पुरे जिनालय को और बढ़ चले है मंच की ओर,,
मंच पर विराजमान हुए गुरुदेव,, सामने है अपार जनसमूह
*भूख प्यास सब भूल कर*,,
कुछ अमृत
पाने की चाह लिए,,सामने अपने नयन रूपी दो कटोरों को खोले,गुरदेव् की छवि पाने की कुछ मांग को करते हुए,,और साथ ही खुले हैं दो कर्ण रूपी कुंभ,, कुछ अमृत वचनों से भरने को आतुर*,,
बस गुरदेव् की पावन रज प्राप्त एक महान पुण्यशाली परिवार को,,
और पूजन अपने रंग में भक्तों को रंगती सी पूर्ण,,,
और निवेदन मंच संचालक का गुरदेव्
से इन असंतृप्त आत्माओं को संतृप्त करने का,,
गुरदेव् अपने अंदाज में वही दिशाबोधकवाक्य को हास्य के रूप में परिणत करते हुए बोले की ये तेंदूखेड़ा है,,नहीं समझे,,अरे!खेरा है,,लेकिन अब खेरा नहीं कुछ आगे की सोचो,,
एकाग्रता और एकता,,के साथ किये गए कार्य निश्चित अविलंब पूर्णता को प्राप्त होते हैं ।।।

*अब पूर्ण प्रवचन को लिखना सम्भव नहीं है अतः संक्षेप में यही कहूंगा गुरदेव् ने स्थिरता और मैत्री भावों को प्रमुदित करते हुए लोगों के ह्रदय मैं स्थापित किया*,,
और बोले की चलो अब समय हो रहा है।,,
तो मेरी नजर अचानक दीवाल घड़ी की ओर गई,,चूँकि संचालन के बाद में घड़ी के सबसे पास था,,देखा की घड़ी अपने समय से 10 मिनिट आगे थी,,और उसी को देखकर गुरुदेव ने कहा था समय हुआ,,तो मैंने सोचा की इस घडी के कारण ये गुरुमुख से उद्वरित अमृत की बूंदे कहीं कम न हो जाए,,और गुरुदेव प्रवचन बंद न कर दें सो मैंने उस घड़ी को निकाल कर सही टाइम पर कर दिया,,
गुरु जी ने पुनः जब घड़ी की ओर देखा तो धारा प्रवाह प्रवचन में ही बोला की संचालक जी ने समय को बड़ा दिया है,,बहुत होशयार हो अभी से समय बढ़ाने लगे,,सोच रहे हो मैं देख नहीं रहा,,अरे यूँ समय को तुम घटा बढ़ा नहीं सकते,,कुछ पुरुषार्थ करो,समय तो अपने आप बढ़ता चला जा रहा है और बढ़ता रहेगा,,,
सारी सभा मैं तालियाँ और सबकी मुख मुद्रा आंनदित होती सी,,,और मैं वहीँ कोने मैं सहमा,,डरा सा दुबक गया,,।।
गुरदेव् ने फिर देखा मुस्कुरा के मेरी और,,तब आये इस देह में प्राण से,,,
*और फिर गुरुकृपा की वर्षा इस छोटे से नगर में 21 दिनों तक चली,,जो दो दिन की भी आशा नहीं थी,,बस गुरुदेव् के अनुसार पूरी समाज पुरुषार्थ करती रही,,और बस समय बढ़ता रहा*,,,
*गुरुदेव के हर शब्द में कुछ न कुछ छिपा होता है,,कुछ न भेद होता है,,कुछ होता है छुपा मार्ग,,,जो देख सकता है इन्ही से प्राप्त दिव्यज्ञान ज्योति धारक,,,,*।।।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

*इसके बाद संस्मरण और भी है,,सुनाने बैठ जाऊं तो जुबां नहीं थकती और लिखने बैठ जाऊं तो कलम,,न थकती* ।।।
*क्या करूँ गुरुदेव आप हो ही इतने विशाल,,,इन शब्दों में कभी आ सकते हो,,,कभी नहीं*
✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
लेखन:-संकलन:-आशीष सिंघई (श्री जी)

*☀🚩पुण्योदय विद्यासंघ🚩☀*

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