31.05.2017 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 01.06.2017
Updated: 02.06.2017

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आर्यिका ज्ञानमती माता जी.. भगवान पार्श्वनाथ जी को निहारती प्रसन्न मुद्रा में 🙂🙂

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दिन भर की जद्दोजहद के बाद 858 वर्ष प्राचीन मूर्ति जैन समाज को सौंपी गयी

बड़वानी 29 मई: जिले के सिलावद थाना क्षेत्र के पोखल्या में एक आदिवासी कृषक को खेत की जुताई के दौरान मिली जैन सम्प्रदाय के आठवें तीर्थंकर भगवान् चन्द्रप्रभु की 858 वर्ष प्राचीन प्रतिमा को आज दिन भर चली जद्दोजहद के उपरांत प्रशासन द्वारा हासिल कर बडवानी के दिगम्बर जैन समाज को सौंप दिया गया.

बड़वानी के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महेश बडोले ने बताया कि 27 मई को ग्राम पोखल्या के कृषक सेवा ने अपने खेत की जुताई के दौरान हल अटकने के चलते उस स्थान की खुदाई की. उसके आश्चर्य का ठिकाना उस समय न रहा जब उक्त स्थान से काले पाषाण की मनोज्ञ व अखंडित मूर्ति निकली.

ग्रामीणों ने उक्त मूर्ति की पूजा अर्चना आरम्भ कर दी और जब यह जानकारी कल सिलावद थाना पुलिस को प्राप्त हुई तब पुलिसकर्मियों ने वहां जाकर फोटो खींचे और इसे वाट्सएप पर शेयर कर दिया. उक्त पोस्ट वायरल होने पर जैन समाज के लोगों तक पहुँची और उन्होंने जानकारों के माध्यम से मूर्ति का अध्ययन करा इसे इस पर उत्कीर्णित अर्ध चन्द्र के निशान से जैन सम्प्रदाय के आठवें तीर्थंकर भगवान् चंद्रप्रभु की होना बताया. इस पर वीर संवत 1215 भी उत्कीर्णित होने पर इसे 858 वर्ष प्राचीन बताया गया.

आज जब जैन समाज के लोग अध्यक्ष ओमप्रकाश जैन, मुन्नालाल जैन, पूर्व सी एम ओ आरके जैन, जितेंद्र जैन,पद्म जैन, निमेष जैन, ऋषभ जैन दोषी, सुधीर जैन, देवेंद्र जैन, नीलेश, सिद्धार्थ, ऋषभ काला व, श्रीमती शर्मिला जैन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पोखल्या पहुंचे और उन्होंने इसे सौंपने का आग्रह किया तो ग्रामीणों ने वहां प्रकट होने की बात कहते हुए देने से इनकार कर दिया गया. इसके बाद जिला कलेक्टर तेजस्वी नायक ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महेश बडोले को समाधान हेतु वहां भेजा. उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी कि इस तरह की पुरातन सम्पदा पर शासन का अधिकार होता है और यह कलेक्टर तथा पुरातत्व विभाग के विवेकाधिकार पर निर्भर है कि इसे किसे सौंपा जायेगा.

ग्रामीणों ने श्री बडोले की दलील नहीं मानी और उन्होंने वहां से वापिस जिला मुख्यालय पहुँच घटनाक्रम कलेक्टर श्री नायक को बताया जिन्होंने पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे से चर्चा कर मूर्ति को आधिपत्य में लेने की कार्रवाई करने को कहा.

पुनः पुलिस दल के साथ पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की समझाया पर ग्रामीणों ने भरे मन से मूर्ति उन्हें सौंप दी. कलेक्ट्रेट परिसर में आज सायं लायी गयी मूर्ति के जैन समाज के महिला पुरुषों और बच्चों ने दर्शन किये और जिला कलेक्टर से उन्हें सौंपने का विधिवत आवेदन दिया.

जिला कलेक्टर तेजस्वी नायक ने पुरातत्व विभाग के साथ विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के उपरान्त उक्त मूर्ति जैन समाज को सौंपने के निर्देश दिये. जैन समाज को इसकी सुपुर्दगी नामा भी सौंपा गया.

घटनाक्रम से हर्षित जैन समाज ने मूर्ति को गाजे बाजे के साथ स्थानीय जैन मंदिर में विराजित कर दिया है.

बडवानी के समीप प्रसिद्ध जैन तीर्थ बावनगजा है जहां जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान् आदिनाथ की एक ही पहाड़ से काटी गयी 84 फीट ऊंची प्रतिमा सदियों से स्थापित है.j

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