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महावीर स्वामी बसो नयन मेरे, तेरा वंदन काटे भव बंधन मेरे 😍 भगवान महावीर स्वामी @ छपारा, सिवनी मध्य प्रदेश.. #BhagwanMahavira #LordMahavira #Tirthankara #Arihanta
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मरण से डरो नही, डरने से मृत्यु छुटेगी नही --मुनि समयसागर जी महाराज #MuniSamaysagar
मुनि श्री ने कहा कि स्वभाव सागर जी महाराज को आचार्य श्री के कर कमलों से सन तेरासी में मुनि श्री साधु सागर जी महाराज, समता सागरजी, समाधि सागर, सरलसागरजी के साथ मुनि श्री स्वभाव सागरजी ने दीक्षा ग्रहण की थी लगभग पैतीस वर्ष के साधना काल में उन्होंने वीतराग के पथ पर चलकर साधना की और आप सभी को ज्ञात है कि कल समाधि हो गई।श्रमण के मन में भी विकल्प तो आते है साधर्मी वियोग परिणामों को प्रभावित किये विना रह नहीं सकता साधना की पुणयता समाधि जिसे उन्होंने प्राप्त किया।
मृत्यु अनिवार्य तत्व है जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु होना निश्चित है मरने से डरो नहीं डरने से मृत्यु छूटेगी नहीं सूर्य निकलता है ढलने के लिए वह शनै शनै चढता जाता है और फिर ढलने की ओर वङते हुये अस्ताचल मैं समा जाता है इस जीव की भी यही स्थिति है आचार्य गुरु देव के चरणों में बैठकर जिनने सन तेरासी मे ईशरी मे दीक्षा ली ऐसे हमारे संघ के साधु मुनि श्री स्वभाव सागर जी की कल समाधि हो गई साथ के साधु के जाने पर विकल्प तो आता ही है उक्त आशय के उदगार मुनि श्री स्वभाव सागर जी महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए परम पूज्य मुनि श्री समयसागर जी महाराज ने सुभाष गंज मैदान में व्यक्त किए।
मुनि श्री ने कहा कि प्रातः कल की वेला में भी लाली हैं संध्या में भी लाली हैं एक सुलाती एक जगती कितनी अन्तर वाली है प्रातः कल की लाली हमें जगती हैं वहीं संध्या में भी लाली हैं जो हमें सुलाती है इसलिए जब तक जीवन चल रहा है कतवतकभी अस्थ हो सकता है अस्थ होने से पहले हमें अपना कल्याण कर लेना चाहिए निश्चित रूप से हम आचार्यश्री हम सब को चला रहे हैं निरन्तर प्रेरणा दे रहे हैं आप सब का भविष्य उज्ज्वल हो स्वभाव सागर जी भी आगे चलकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें ।
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#आचार्यविद्यासागर जी कहते हैं कुछ तथाकथित विद्वान यह कहते हुए पाये जाते है कि पंचम काल में यहाँ से किसी को मुक्ति नहीं मिलती इसलिए हम अभी मुनि नहीं बनते बल्कि विदेह क्षेत्र में जाकर मुनि बनेंगे इस प्रश्न का उत्तर देते हुए आचार्य श्री जी ने कहा कि-जो व्यक्ति यहाँ मुनि न बनकर विदेह क्षेत्र में जाकर मुनि बनने की बात करते है,वे ऐसे खिलाड़ी की तरह हैं जो अपने गाँव की पिच पर मैच नहीं खेल पाते एवं कहते है मैं तो विदेश में मैच खेलूंगा या सीधा विश्व कप में भाग लूँगा। #AcharyaVidyasagar #Digambara #Nirgrantha #Shramana
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