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तेरे चरणो की रज.. तेरे चरण रत्नत्रय से पवित्र 😊 #ShareMaximum
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Acharya Vidyasagar G Sasangh @ Ramtek 🙂 with 37 muniraaj ✌️😊
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बहुत ही रोचक प्रेरणा दायक संस्मरण॥ आचार्यविद्यासागर जी गुरु आचार्यज्ञानसागर जी तथा आचार्यधर्मसागर जी मिलन #AcharyaVidyasagar #AcharyaGyansagar #AcharyaDharmasagar
एक वार मुनि श्री ज्ञानसागर जी मंदिर जी में बैठे थे तभी उन्हे पता चला की आचार्यश्री 108 धर्मसागर जी ससँघ का नगर में आगमन हो रहा है तो मुनि श्री ने एक श्रावक से कहा समस्त समाज से कह दो हमे गुरुदेव की अगवानी में चलना है मुनि श्री ज्ञानसागर जी ने आचार्य श्री अगवानी की उनके चरण छुये उन्हे नमोस्तु किया आचार्यश्री ने उन्हे ह्रदय से लगा लिया।फिर क्या था दोनो मंदिर जी में आ गये प्रवचन का समय हुआ समाज के लोगों ने गुरुवर से प्रवचन करने के लिये निवेदन किया।उनका निवेदन सुनकर संघ सहित गुरुवर सभा भवन में गये अब मुनि श्री ज्ञानसागर जी के बगल में आचार्य श्री धर्मसागर जी बैठ गये आचार्य श्री ने मुनिश्री ज्ञानसागर जी से कहा आप सिंघासन पर बैठिये और प्रवचन कीजिये मुनि श्री ने तत्क्षण उनके पटले के नीचे बैठकर कहा आप आचार्य श्री है आप बैठिये तब आचार्य श्री ने कहा आप मुझसे उम्र में बड़े है मुझसे ज्ञान में बड़े पंडित भूरामल शास्त्री नाम से प्रसिद्ध है आप आसन स्वीकार कीजिये तब जो मुनिश्री ज्ञानसागर जी ने कहा वह इतिहास बन गया उन्होने बड़ी ही विनम्रता पूर्वक कहा हे गुरुदेव जैन धर्म में उम्र से कोई बड़ा छोटा नहीँ होता पर्याय से बड़ा छोटा होता है आपकी जगह अगर कोई 8 वर्ष अंतर महूर्त के बाल्यअवस्था के आचार्य श्री भी होते तो में उनको भी उच्चासन पर विराजमान करवाता क्योंकि आचार्यश्री तो आचार्यश्री ही होते है चाहे 9 वर्ष के हों या 90 वर्ष के जैसे श्री आदिनाथ स्वामी की 84 लाख पूर्व की आयु थी और श्री महावीर स्वामी की 100 वर्ष से भी कम आयु थी कद भी कम पर उनमे कोई बड़ा छोटा नहीँ है उसी प्रकार हे आचार्यश्री उच्चासन ग्रहण कीजिये* इतना सुनते ही आचार्यश्री 108 श्री धर्मसागर जी महाराज ने मुनिश्री ज्ञानसागर जी को ह्रदय से लगा लिया अहो धन्य हो गुरुदेव और धन्य है आपके इसीलिये तो आप आचार्य बने बा एक अनमोल दीपक को जगत को दे दिया उनका नाम आचार्यश्री विद्यासागर जी है जो आपके नाम की पताका युग युगांतक तक फहरायेँगे आपकी इस महान आगम सोच से ही समाज का उत्थान हो सकता है मत बटो रे जैन धर्म के बच्चो आचार्यश्री ज्ञानसागर जी के शिष्यों जो आओ आज हम संकल्प ले की *॥जो आचार्यश्री ज्ञानसागर जी ने कहा उसे हम सभी लोग अपनायेंगे-णमो लोयसब्ब्साहुणम कहके धर्म ध्वज
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Original Pravachan: https://www.youtube.com/watch?v=YyrKXSvbeMQ
क्या है चमड़ा या leather: मुनि श्री सुधासागर जी. #MuniSudhasagar
Mr Abdul Aziz Rajput is Muslim by birth, but he is doing wonderful work for our old Jina temples.:) अब्दुल अजीज राजपूत, एक व्यक्तित्व जो जुड़ा है पुरातत्व से, कुछ दिनों से ये गुलबर्गा जिले में जैन मंदिरो के दौरे पर हैं | भंकुर गाँव में एक ग्रामीण के घर में पार्श्वनाथ भगवान जी की प्रतिमा घर की दीवार में चुनी देख तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने उस ग्रामीण से बहुत मिन्नत की, पहले भी बहुत लोग प्रयास कर चुके थे लेकिन उस ग्रामीण ने किसी को भी वो प्रतिमा नहीं लेने दी, अब्दुल जी के कहने पर वो एक छोटा सा मंदिर बनवाने तैयार हो गया |
अब्दुल जी से बात की तो उन्होंने बताया की, इतनी सुन्दर प्रतिमा जी की इतनी बुरी दशा देखकर आंसू आ गए | उन्होंने अपने मुसलमान भाइयों से निवेदन किया कि, जात-पात भूलकर अपने पूर्वजों की सम्पदा बचाओ | उन्होंने काफी जैन संगठनो से संपर्क किया, लेकिन निराशा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा | कल रात को उन्हें नींद नहीं आ रही थी, सोच रहे थे मंदिर बनवाने के लिए आर्थिक इंतजाम कैसे करेंगे, इसी बीच आज सुबह मैंने उन्हें फ़ोन करके हमारे समूह की तरफ से १ लाख रुपये एक छोटे मंदिर निर्माण के लिए कह दिए तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा | यहाँ तक की उनके मुसलमान संप्रदाय के किसी कार्यक्रम में उन्होंने छोटे जैन मंदिर के लिए पैसा इकठ्ठा करने की सोच ली थी | उनको बोल दिया है की इस मंदिर या किसी भी और जैन मंदिर के लिए कुछ जरुरत पड़े तो हमारे समूह को बिना विकल्प के याद कर लीजिये |
Mr Abdul Aziz Rajput is Muslim by birth, but he is doing wonderful work for our old Jina temples across Gulbarga - Karnataka. In one of the village - Bhankur, he saw an idol in a village home, he tried to persuade him to built a small shelter for the idol, but villager was adamant. Somehow Abdul ji persuaded him. Soon a shelter will be built. Abdul ji initially wept by seeing the condition of the idol, he was trying very hard to save the idol and in fact he was asking the money for temple in his own community. He said that he talked to many Jain community but they are not having any interests.
Our group finally told him that we will provide 1 lac rs for this place and whenever required. -Jain Sangh Pune
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News in Hindi
आज शांति जिनेश्वर भगवान शांतिनाथ जी का गर्भ कल्ल्यांक हैं:) LIVE CLICK दर्शन कीजिये रामटेक में विराजमान श्री शांतिनाथ भगवान और पंचमकाल के भगवान आचार्य विद्यासागर जी के:)) #Ramtek
आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज (ससंघ) श्री शांतिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र रामटेक (महाराष्ट्र) में विराजमान हैं। यहां आचार्यश्री (ससंघ) का 50वां चातुर्मास । रामटेक नागपुर से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर है। आचार्य श्री ११ जुलाई २०१७ अपने बालयति मुनिसंघ के साथ लगभग 182 किमी का लंबा पदविहार करके मात्र 9 दिन में नागपुर जिले के ऐतिहासिक व पौराणिक धर्मनगर रामटेक पधारे। रामटेक में पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद से बालिका गुरुकुल प्रतिभास्थली खुला है, जिसमें भारत भर की जैन-अजैन बालिकाएँ प्राचीन गुरुकुल पद्धति के अनुसार शिक्षा ग्रहण करती है एवं इसके पूर्व पूज्य आचार्य श्री ने यहाँ वर्ष 1993, 1994, 2008 व 2013 में चातुर्मास भी किया है। गुरुवर्यश्री की ही निर्देशन से रामटेक में लाल पाषाण का भव्य जिनालय का निर्माण हुआ है। यही वह पावन भूमि है जहाँ आचार्य श्री ने 24 मुनि दीक्षाएँ व 2 आर्यिका दीक्षाएँ प्रदान की थी व 2013 में आचार्य श्री के शिष्य पूज्य मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने 20 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद गुरुदेव के दर्शन किए थे। #AcharyaVidysagar #MuniSudhasagar
श्री जिनेन्द्र जैन लालाजी (रामटेक क्षेत्र अध्यक्ष): +91-9225211744
श्री सनत जैन {ट्रांसपोर्ट} (आवास व्यवस्था): +91-9373582422
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