Update
If U have anything to say about page that has 72,000 likes.. your feedback.. words welcome and important for me to make a better platform to provide and share best content. click on 'send message' and express yourself. 🤔
-Nipun Jain 📚 www.jinvaani.org
Update
जिनके दर्शन को तरसते यहाँ लाखों नयन मेरे गुरुदेव तुमको शत बार नमन #AcharyaVidyasagar
जहां भगवान राम ने जिन मंदिर बनवाया था, पद्मपुराण ग्रंथ के अनुसार ऐसे रामटेक के शांतिनाथ के श्री चरणों में शांति पथ-प्रदर्शक आचार्य श्री विद्यासागरजी अपने 38 शिष्यों सहित विराजमान हैं यहां आचार्यश्री 5 वीं बार चातुर्मास कर रहे है... बालिका गुरुकुल प्रतिभास्थली खुला है जिसमें भारतभर की जैन-अजैन बालिकाएं प्राचीन गुरुकुल पद्धति के अनुसार शिक्षा ग्रहण करती हैं एवं पूज्य आचार्यश्री ने यहां पूर्व में वर्ष 1993, 1994, 2008 व 2013 में चातुर्मास भी किया है... गुरुवर्यश्री के ही निर्देशन से रामटेक में लाल पाषाण का भव्य जिनालय बना है। यही वह पावन भूमि है, जहां आचार्यश्री ने 24 मुनि दीक्षाएं व 2 आर्यिका दीक्षाएं प्रदान की थीं व 2013 में आचार्यश्री के शिष्य पूज्य सुधासागरजी महाराज ने 20 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद गुरुदर्शन किए थे... यह वही पवित्र भूमि है, जहां चौथे काल में भगवान राम ने अपने चरण टिकाए थे फलत: यह भूमि ‘रामटेक’ नाम से सार्थक हुई। अब यहां की ऊर्जावान मूक माटी को चंदन सम महकाने पुन: गुरुवर पधारे हैं.. हम सब आशा करते हैं कि 4 माह तक गुरु भगवंत की पदरज से यहां की मूक माटी भी चंदन सम बने व सदियों तक अपनी सौंधी सुंगध से जन-जन को अपनी ओर आकर्षित करे! आप सभी भी सपरिवार अपने मित्रों के साथ गुरुदेव के दर्शन कर अपने जीवन धन्य कर ले..
🎧 e-Storehouse • www.jinvaani.org 📚 Have Rational Insight/Knowledge...
Source: © Facebook
News in Hindi
जैन धर्मं का अनूठा ग्रन्थ श्री-भूवलय जो आचार्य कुमुदेन्दु द्वारा 1400 वर्ष पहले लिखा गया हैं, जिसे शब्दों में नहीं बल्कि अंको में लिखा गया हैं.. जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में आजकल मशीन लैंग्वेज और कंप्यूटर कोडिंग की जाती हैं ऐसे.. जिसको 718 भाषा में डिकोड किया जा सकता हैं.. ग्रन्थ बहुत गहन हैं जिसको सही से आज तक डिकोड नहीं जा जा सका हैं इस पर आचार्य श्री विशुद्धसागर जी के सनिध्य में कुंद कुंद ज्ञानपीठ इन्दोर द्वारा एक पहल 🙂
Siribhuvalaya workshop 2017 happenings with the blessings of Acharya Sri Vishuddasagara Maharaj & guidance of Sri Lakshmisena Bhattrakaru on 13th & 14th Sep in Indore. Siribhuvalaya is literature work written in 9th century by Acharya Sri Kumudendu muni in numerical coding, just like machine language used in computers & it can be decoded into 718 languages, its a unique of its kind. The information covers past, present & future modern science, technology, medicine, Jain philosophy & many more. #SiriBhoovalaya #SiriBhuvalaya #AcharyaVishuddhasagar #AcharyaKumudendu
Wiki @ https://en.wikipedia.org/wiki/Siribhoovalaya
Website @ http://siri-bhoovalaya.org/introduction-to-siribhoovalaya/
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook