Update
👉 कांटाबाजी - महाराजा अग्रसेन जयंती कार्यक्रम में मुनि श्री अर्हत कुमार जी का प्रेरणादायी उद्बोधन
👉 अभातेयुप अधिवेशन में तेयुप, मैसूर संगठन के क्षेत्र में द्वितीय स्थान पर सम्मानित
👉 उत्तर हावड़ा - महिला मण्डल की साप्ताहिक संगोष्ठी का आयोजन
👉 जयपुर - अभातेयुप के नव निर्वाचित अध्यक्ष श्री कटारिया व टीम की संगठन यात्रा
👉 जयपुर - नववधू सम्मेलन का आयोजन
👉 जोधपुर - जैन संस्कार विधि के बढते चरण
👉 नोहर - आवश्यकताओं का अल्पीकरण सुख की खान - डा. मुनि मदन कुमार
प्रस्तुति -🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙
📝 *श्रंखला -- 160* 📝
*अक्षयकोष आचार्य आर्यरक्षित*
*जीवन-वृत्त*
गतांक से आगे...
इधर दशपुर में रुद्रसोमा को पुत्र की स्मृति बाधित करने लगी। उसने सोचा, घर से दीपक की तरह प्रकाश करने वाला पुत्र चला गया। इससे सारा वातावरण अंधकारमय हो गया है। सोमदेव से परामर्श करके रुद्रसोमा ने कनिष्ठ पुत्र फल्गुरक्षित से कहा "पुत्र! मेरा संदेश लेकर ज्येष्ठ भ्राता के पास जाओ। उनसे कहना भ्रात आपने संसार का मोह त्याग दिया है, परंतु माता-पिता का आपके प्रति मोह है। जननी रात-दिन आपको याद करती है। उन्होंने आपके लिए संदेश भेजा है। तीर्थंकर महावीर ने मातृ भक्ति को प्रधान माना था। उन्होंने गर्भावास में ही माता-पिता के रहते हुए दीक्षा न लेने की प्रतिज्ञा कर माता के प्रति अपूर्व भक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया। संत श्रेष्ठ! आपका घर से अनुबंध नहीं है पर मां के द्वारा किए गए उपकार का स्मरण करते हुए आप एक बार अवश्य दशपुर पधारें। पिता के सम्मुख कृतज्ञ भाव प्रकट करें और माता का आशीर्वाद लें।"
फल्गुरक्षित मां का आदेश प्राप्त कर कहां से चले। मुनि रक्षित के पास पहुंचे। मां की भावना को उनके सम्मुख रखते हुए बोले "मुने! मां आपके वियोग में दुःखी है। आपके दर्शनों के लिए लालायित है। सोते-जागते, उठते-बैठते आपके नाम का स्मरण करती है। उन्होंने आपको बुलाया है। आप घर चलें और जननी की भावना को पूर्ण करें। आपके दर्शन से मां को, पिताजी को और परिवार वालों को असीम खुशी होगी। आपका उपदेश सुनकर वे भी इस पथ का अनुसरण कर सकते हैं। मुनि बनने के लिए एक भी व्यक्ति तैयार हुआ तो यह उपकार का काम होगा।"
बंधु की बात सुनकर मुनि रक्षित शांत और धीमी स्वर में बोले "फल्गुरक्षित! मोह बंधन का कारण है। बंधन दुःख है। बंधनमुक्त होने के लिए अध्यात्मपथ का अनुसरण करना आवश्यक है। तुम्हारा मेरे प्रति मोह है और सच्चा प्रेम है तो मेरे पथ का अनुसरण करो। माता-पिता के दीक्षित होने की बात कहते हो तो पहले तुम मुनि बन जाओ।"
मुनि रक्षित के उपदेश से फल्गुरक्षित दीक्षित हो गए। मुनिचर्या के नियमों का सजगता से पालन करते, जब वे दोनों बंधु एकांत में मिलते, मुनि फल्गुरक्षित जननी को दर्शन देने की बात मुनि रक्षित को याद करा देते थे। बंधु द्वारा बार-बार मां की प्रार्थना सुनने से मुनि रक्षित के विचारों में मोड़ आया। चिंतन की धारा बदली। दशपुर जाने की भावना बन गई।
*मुनि रक्षित दशपुर गए या वहीं रहकर वज्रस्वामी से पूर्वों का ज्ञान ग्रहण किया...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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News in Hindi
*अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण द्वारा उद्घोषित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह*
दिनांक 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2017
*सभी अणुव्रत समितियो से अनुरोध अपने क्षेत्र में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का आयोजन करे। जहा पर अणुव्रत समितियां नही है वहा पर अनुरोध है सभा, तेयुप व महिला मंडल ओर संघ की अन्य धार्मिक संस्थाये इस कार्यक्रम को अवश्य आयोजित करे। पूज्यवरो द्वारा उद्घोषित अणुव्रत केे इस मिशन में सहयोगी बनकर अणुव्रत को भी व्यापकता प्रदान करे।*
प्रस्तुति -🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻
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*प्रेक्षाध्यान जिज्ञासा समाधान श्रृंखला*
उद्देश्य - साधकों के मन में उठने वाली जिज्ञासाओं का समाधान ।
*स्वयं प्रेक्षा ध्यान प्रयोग से लाभान्वित हो व अन्यो को भी लाभान्वित करे ।*
🙏🏼
*प्रेक्षा फाउंडेशन*
*प्रसारक - तेरापंथ संघ संवाद*
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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ
प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:
👉 *विषय - चित्त शुद्धि और समाधि भाग 4*
👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*
*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482
संप्रेषक: 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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