14.11.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 14.11.2017
Updated: 16.11.2017

Update

👉 अणुव्रत महासमिति असम संगठन यात्रा
📍 बोड़ो कॉउंसिल मुख्यालय कोकड़ाझाड़ में समिति गठन
👉 हुबली: ज्ञानशाला के वार्षिकोत्सव और तेरापंथ समाज के 12वें दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन
👉 कोयम्बतूर: तेरापन्थ महिला मण्डल द्वारा "निर्माण प्रोजेक्ट" के अंतर्गत स्कूल में कार्यक्रम
👉 बड़ोदा - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम
👉 बालोतरा - जैन संस्कार विधि के बढते चरण
👉 डोम्बिवली, मुम्बई - "संकल्प" संघीय दायित्व एवं संस्था संचालन कार्यशाला
👉 सेलम: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा “निर्माण-एक नन्हा कदम स्वचछता की ओर” प्रोजेक्ट के अंतर्गत “सिंधी हिंदी मट्रिक्युलेशन स्कूल” में कार्यक्रम का आयोजन
👉 हिसार - विभिन्न सिंघाड़ों का आध्यात्मिक मिलन
👉 राजराजेश्वरी नगर, बेंगलुरु: ते यु प द्वारा मेगा डायबिटिक और नेत्र जांच के साथ ब्लड प्रेशर जांच शिविर का आयोजन
👉 यशवंतपुर, बेंगलुरु: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा “निर्माण - एक कदम स्वच्छता की ओर” प्रोजेक्ट के अंतर्गत "श्री दीन दयाल प्राइमरी स्कूल” में अभियान का शुभारंभ

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

*15/11/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी* के आज्ञानुवर्ति *मुनि श्री सुव्रत कुमार जी ठाणा २*का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*गॉधीनगर बैगलौर*
☎,8105066401
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Gherilal Ji Katariya*
Nakoda nivas
Gannagara Street
Pandavpura taluk
Mandya Dist
☎9964524973
,8792614459
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*Jain terapanth bhawan*
Chitappa avenue
Rayapuram extn
*Tirupur -1*
☎ 8107033307,
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*वानरोड* से विहार करके *वलाजावाद* पद्यारेगे
☎9500300212
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Jain terapanth bhawan*
Chitappa avenue
Rayapuram extn
*Tirupur -1*

T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*महावीर जी धोका*
*वसन्तनगर* बैगलौर
☎8890788494,9844375544
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*Amar Chand Ji Chajjer*
Payal palace apartment
Flat no. AB003
Next to total gas station
Opposite bansuri sweets,basveshwar nagar
☎7075252916
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*R. k. steel factory*
*मेडतल*
☎9290087648
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*गोतमचन्द जी खिंवेसरा*
उलार अमन कोइल स्ट्रीट
चिन्नमा मार्केट के पास
*चेन्नैइ*
☎ 9840640405
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*नौरतनमल डागा* का निवास स्थान
४५, वैलायुदम रोड(VSV नगर)
मेहता स्कूल के पास,
*सिवाकासी*
☎91 9443327831
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धीश्री जी ठाणा 3* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*हिरियुर*
T++++++++++S+++++++++S
*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*सिंघनुर*
☎7230910977,8830043723
T++++++++S+++++++++++S
*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*मल्लीकाअर्जुनपुरा*
*स्कुल*
☎7798028703
T+++++++++S++++++++++S

*TSS वाट्स अप गुप से जुडने के लिए निचे दिए link पर click करे*
https://chat.whatsapp.com/ApZntfrpqQoI9ryaliWTWJ

प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

WhatsApp Group Invite
Follow this link to join

🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 21* 📝

*विजयचंदजी पटवा*

*रात्रि जागरण*

विजयचंदजी पटवा पाली (मारवाड़) के निवासी थे। वे पोरवाल जाति के थे। पाली उस समय मारवाड़ के बड़े नगरों में गिना जाता था। राज्य का वह एक प्रमुख व्यापार केंद्र था। वहां अनेक धनिक परिवार रहते थे। पटवाजी उन सबमें अग्रिम श्रेणी में आने वाले थे। धार्मिक भावना में भी वे अग्रिम ही थे।

एक बार जब स्वामीजी का पाली में पदार्पण हुआ तब पटवाजी उनके संपर्क में आए। समाज भय से दिन में स्वामीजी के पास आने का साहस वे नहीं कर पाए। रात को भी वे वहां तक पहुंचे जब व्याख्यान समाप्त हो चुका था और लोग अपने-अपने घर जा चुके थे। उनके साथ उनके मित्र वर्धमानजी श्रीश्रीमाल भी थे। पटवाजी स्थानकवासी समाज के अग्रणी थे तो श्रीश्रीमालजी मंदिर मार्गी समाज के।

एक प्रहर के लगभग रात्रि व्यतीत हो चुकी थी। स्वामीजी तथा अन्य साधु सोने की तैयारी कर रहे थे। जब स्वामीजी ने उन दोनों नवागंतुकों को देखा तो संतो से कहा— "तुम लोग सो जाओ, मैं अभी कुछ देर इन लोगों से बातचीत करूंगा।" स्वामीजी अपने आसन पर बैठ गए और वे दोनों दुकान के चबूतरे के नीचे खड़े रहे। कुछ मुनि सो गए, कुछ धर्म चर्चा सुनने को पास में बैठ गए। बातचीत प्रारंभ हुई तो आगे से आगे बढ़ती ही गई। पास में बैठे मुनि झोंकड़ी लेने लगे तब स्वामीजी ने उन्हें भी सो जाने को कहा। वे सो गए और स्वामीजी चर्चा करते रहे। बातचीत काफी लंबी होती चली गई। निष्कर्ष में पहुंचने में जब काफी समय लगने की संभावना लगी तब आगंतुक दोनों ही भाई चबूतरे पर स्वामीजी के निकट बैठ कर बात करने लगे। वे दोनों प्रश्न करते गए और स्वामीजी उत्तर देते गए। कभी-कभी स्वयं स्वामीजी ने ही प्रश्न उठाया और समाधान भी किया। रात बीतती रही और चर्चा चलती रही। धीरे-धीरे पश्चिम रात्रि का समय हो गया। पूर्व दिशि में रक्तिमां छाने लगी। प्रतिक्रमण का समय होने को हुआ तब कहीं वह चर्चा समाप्त हुई। दोनों ही व्यक्तियों ने एक ही रात्रि में तत्त्व को पूर्ण रूप से समझ लिया। करबद्ध खड़े होकर दोनों ने तब स्वामीजी के पास सम्यक्त्व दीक्षा ग्रहण कर ली। स्वामीजी ने उनके लिए रात्रि जागरण का जो श्रम उठाया था, वह सफल हो गया। विजयचंदजी तथा वर्धमानजी को भी वह श्रम सम्यक् दृष्टि की प्राप्ति के रूप में अमृतोपम प्रतीत हुआ। उन्होंने बड़े कृतज्ञ भाव से स्वामीजी के चरणों में वंदन किया और अपने-अपने घर चल दिए।

स्वामीजी ने तब संतो को जगाते हुए कहा— "उठो प्रतिक्रमण का समय हो गया है।"
संत उठे और स्वामी जी से पूछने लगे— "आप कब जागे?"
स्वामीजी ने स्मयमान मुद्रा में कहा— "पहले यह तो पूछो कि आप कब सोए?"
चकित होते हुए संतों ने पूछा— "तो क्या सारी रात आप चर्चा ही करते रहे?"
स्वामीजी ने सहज भाव से कहा— "उपकार होता हो तो तब रात्रि जागरण भी कष्टदायक न होकर आनंददायक ही होता है। दोनों व्यक्ति सम्यक् श्रद्धा ग्रहण करके गए हैं।" पूरी बात सुनकर सभी संत आह्लादित हुए। कालांतर में पटवाजी तथा श्रीश्रीमालजी की पत्नियां तथा पुत्र भी श्रद्धालु बन गए।

*जब लोगों को विजयचंदजी पटवा के तेरापंथी बनने का समाचार मिला तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 197* 📝

*विमल विचारक आचार्य विमल*

आचार्य विमल उच्च कोटि के कवि, दिग्गज विद्वान् और प्राकृत वाङ्गमय में चरित्र काव्य के श्रेष्ठ रचनाकार थे। साहित्यिक भाषा में गुम्फित 'पउमचरिय' (जैन रामायण) आचार्य विमल की उत्तम पद्यमयी रचना है जो उनकी कुशल कवित्व शक्ति का परिचय है।

*गुरु-परंपरा*

पउमचरिय कृति की प्रशस्ति में आचार्य विमल की गुरु परंपरा उपलब्ध है। इस प्रशस्ति के अनुसार आचार्य विमल नाइल कुल के आचार्य राहु के प्रशिष्य और आचार्य विजय के शिष्य थे। नाइल कुल, नागिल कुल, नागेंद्र गच्छ एक ही हैं। प्रारंभ में कुल संज्ञा से प्रसिद्ध गण कालांतर में गच्छ कहलाने लगे। नाइल कुल या नागेंद्र कुल का संबंध वज्रसेन के शिष्य नागेंद्र (नाइल) नाम से था। अतः आचार्य विमल की गुरु परंपरा वज्रसेन शाखीय सिद्ध होती है।

उनके ग्रंथ में श्वेतांबर और दिगंबर दोनों मान्यताओं का वर्णन देखकर विमलाचार्य को यापनीय संघ का माना गया है।

जीवनवृत्त आचार्य विमल प्रज्ञा के स्वामी थे। उनके वंश, परिवार, माता-पिता के संबंध में सामग्री उपलब्ध नहीं है। आचार्य विमल द्वारा रचित पउमचरिय ग्रंथ उनके व्यक्तित्व की झांकी प्रस्तुत करता है। इस ग्रंथ के अनुसार आचार्य विमल उदार विचारों एवं समन्वयात्मक वृत्ति के परिपोषक थे। उनमें मौलिक चेतना का विकास था। अपने काव्य में उन्होंने कपोल-कल्पित कल्पनाओं को विशेष प्रश्रय नहीं दिया किंतु यथार्थवाद को उभारा है और देववाद को समर्थन न देकर माननीय पक्ष को उजागर किया है।

वाल्मीकि रामायण जैसे अद्भुत और विस्मयकारक प्रसंग पउमचरिय काव्य में नहीं हैं। न इस काव्य में स्वर्ण मृग का वर्णन है और न दशकंधर सहोदर कुंभकरण को षण्मासशायी बताया है और न उद्दाम वीचियों से उद्धृत सागर पर वानर सेना द्वारा पुल निर्माण का प्रकरण है।

पउमचरिय के अनुसार सीता का जन्म भूखनन के समय हल की नोक से नहीं हुआ, वह मिथिला की राजकुमारी थी और जनक की प्यारी सुता थी।

लंका प्रवेश के समय अंजनी सुत ने लंका सुंदरी के साथ युद्ध किया। वह लंका सुंदरी देवी नहीं, मानव पुत्री थी और वज्रमुख उसका पिता था। वह दुर्ग रक्षक विभाग से संबंधित था।

लंका विजय के लिए प्रस्थित राम के मार्ग को रोकने के लिए किसी प्रकार की देव शक्ति समुद्र के रूप में प्रकट नहीं हुई अपितु वह लंका की सीमा पर लंकेश द्वारा नियुक्त समुद्र नाम का राजा था।

लक्ष्मणजी के चिकित्सा के लिए पवन पुत्र द्वारा पर्वत को ही कंधे पर उठा लाने के घटना प्रसंग पर विमलाचार्य ने कुशल चिकित्सक महिला विशल्या का उल्लेख किया है।

इंद्र, सोम, वरुण, मेघवाहन, दशानन, सुग्रीव, हनुमान, विराधित आदि मुख्य या गौण पात्र पउमचरिय के अनुसार न देव थे, न दैत्य थे और न वानर वंशज थे। सभी मानव पुत्र थे और समाज के सुसंस्कारित शिष्ट व्यक्ति थे।

आचार्य विमल ने प्रस्तुत महाकाव्य में यथार्थ बुद्धिवाद की प्रतिष्ठापना और मानव संस्कृति का समीचीन पल्लवन किया है। ये सारे बिंदु आचार्य विमल के व्यक्तित्व की ऊंचाई और चिंतन की गहराई को प्रकट करते हैं।

*आचार्य विमल द्वारा रचित साहित्य* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*

👉 *सद्भावना का संदेश देते अहिंसा यात्रा पहुंची कुलगरिया हाई मदरसा*

👉 *-वर्धमान जिले में प्रवर्धमान अहिंसा यात्रा लोगों की अहिंसक चेतना को कर रही है जागृत*

👉 *-मंगलवार की प्रातः आलमगंज से शांति राइस मिल से अहिंसा यात्रा का हुआ प्रस्थान*

👉 *-लगभग 15 किलोमीटर का विहार कर कुलगरिया गांव स्थित हाई मदरसे में हुआ आचार्यश्री का पावन पदार्पण*

👉 *-मदरसा प्रबन्धन से जुड़े लोगों ने आचार्यश्री का किया स्वागत*

👉 *-अहिंसा, नैतिकता के भाव हों जागृत तो जीवन बन सकता है अच्छा: आचार्यश्री महाश्रमण*

👉 *-आचार्यश्री के स्वागत में मदरसा प्रबन्धन से जुड़े मौलाना आबु शाहीद ने दी भावाभिव्यक्ति*

दिनांक 14-11-2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*

👉 *शांति राइस मिल से शांतिदूत ने दिया शांति का संदेश*

👉 *-प्रवर्धमान अहिंसा यात्रा शक्तिगढ़ से आगे बढ़ती पहुंची आलमगंज*

👉 *-लगभग बारह किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री पहुंचे शांति राइस मिल*

👉 *-मिल मालिक सहित कर्मचारियों ने आचार्यश्री का किया हार्दिक अभिनन्दन*

👉 *-महावीर के प्रतिनिधि आचार्यश्री महाश्रमणजी ने भगवान महावीर के दीक्षा दिवस पर दिया पावन संबोध*

👉 *-श्री दिलीप अग्रवाल सहित सहित परिजनों ने व्यक्त की हर्षाभिव्यक्ति, वर्धमान कन्या मंडल ने दी भावपूर्ण प्रस्तुति*

👉 *-आचार्यश्री की पावन प्रेरणा से अग्रवाल परिवार के लोगों ने स्वीकार की अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी*

दिनांक - 13-11-2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

Video

Source: © Facebook

https://youtu.be/qDgQB_oQQiY

दिनांक 14-11-2017 का पूज्य प्रवर के आज के विहार और प्रवचन का संक्षिप्त विडियो..

प्रस्तुति - अमृतवाणी

सम्प्रेषण -👇
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

Update

👉 बेहाला - तेरापंथ युवक परिषद, बेहाला, कोलकाता द्वारा सेवा कार्य
👉 तिरुपुर: तेयुप द्वारा "प्रेक्षा ध्यान शिविर एवं हास्य योग कार्यशाला" का आयोजन
👉 उधना, सूरत - तेरापंथ भवन में संपन्न हुआ सामायिक का महायज्ञ
👉 उत्तर दिल्ली - दम्पति कार्यशाला का आयोजन
👉 अहमदाबाद - आध्यात्मिक मिलन
👉 हिसार - आध्यात्मिक मिलन
👉 पाली - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम
📍 700 बालिकाओं को दिलाई गई स्वच्छता की शपथ
👉 भवानीपटना - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

News in Hindi

Source: © Facebook

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. Mandya
  2. Nakoda
  3. Terapanth
  4. अमृतवाणी
  5. आचार्य
  6. दर्शन
  7. भाव
  8. महावीर
  9. राम
  10. सम्यक्त्व
  11. सागर
Page statistics
This page has been viewed 397 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: