10.12.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 10.12.2017
Updated: 12.12.2017

Update

https://chat.whatsapp.com/HKVhoc7aZdS6J1WZvK3WTu

*11/12/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द व समणी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
T+++++++++Sb++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*G.K School*
*Krishnagiri*(तमीलनाडु)
After tall 1km
☎9443435633,9003789485
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*कन्नैयालाल जी राकेश कुमार जी पितलिया*
# 793, 8 व क्रास, रामानुज रोड, के आर मोहल्ला, अग्रहार, *मैसूर*
☎9880743891,9845892404
(कर्नाटक)
9901135937,9448385582
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* प्रवास
*प्रेमचंद जी सुराणा*
C-2. G -4
रोहिणी गार्डन एन्क्लेव
तेनुर *तिरची (तमिलनाडु*)
☎ 8107033307,9443815904
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*जैन भवन*
*तिरूकलीकुन्ड्रम* (पक्षीतीर्थ)
☎9786805285,9443247152
(तमिलनाडु)
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Rajesh Kumar baid*
27/585A Heera-Sadan
Near kuttiravattam Mental hospital
*Calicut*(केरला)
☎ 7200690967,9672039442 9447606040
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*इन्द्रचन्द जी घर्मीचन्द जी घोका होसकोटे के निवास स्थान से लगभग 8km का विहार करके *ATTUR GOVT SCHOOL* कोलार की तरफ पधारेगे
https://goo.gl/maps/4QqhnZCwrQn
(कर्नाटक)
☎8890788494,
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर बैगलौर*
☎080-22912735
(कर्नाटक)
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*नरेगगोड़ा*
सुर्या फक्शन हाल
*हैदराबाद- नागपुर रोड*
(तेलंगाना)
☎9959037737
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*मिंजुर*
(तमिलनाडु)
☎9444726501,9884200325

T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*जतनलालजी डागा* के निवास स्थान पर
*कोविलपट्टी*
(तमिलनाडु)
☎ 9443031462,9443120339
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धीश्री जी ठाणा 3* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*हिरियुर* (कर्नाटक)
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*सिंघनुर*(कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*नागती हली गाँव स्कूल मे*
श्रवणबेलगोला - बैगलोर रोड (कर्नाटक)
☎7798028703
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमणजी* *की सुशिष्या* *समणी निर्देशिका चारित्रप्रज्ञाजी* *एवं सहवर्तिनी समणीवृन्द का प्रवास*
*Shri Deepak Tatia*
*39, Ethiraj Lane*
*Egmore, Chennai -8*
*Street next to DLF*
T++++++++S+++++++++++S

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प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

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Update

*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*

👉 *अपने प्रणेता संग अहिंसा यात्रा पुनः पहुंची बंग धरा पर*

👉 *-महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमण ने फिर किया लगभग 19 किमी का प्रलंब विहार*

👉 *-झारखंड के बोकारो से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला महातपस्वी के ज्योतिचरण से हुआ पावन*

👉 *-प्रलंब विहार कर पुरुलिया के बेलाकुड़ी स्थित रामकृष्ण विवेकानंद मिशन गर्ल्स स्कूल पहुंचे आचार्यश्री*

👉 *-स्वाध्याय की बाधाओं को पार कर ज्ञान सम्पन्न बनने की आचार्यश्री ने दी पावन प्रेरणा*

👉 *-बदला मौसम का मिजाज कल से छाए बादलों से आज हुई हल्की बूंदाबांदी*

दिनांक - 10-12-2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 216* 📝

*सरस्वती-कंठाभरण आचार्य सिद्धसेन*

*जीवन-वृत्त*

गतांक से आगे...

आचार्य सिद्धसेन जैन धर्म का जन-जन को बोध प्रदान करते हुए गांवों, नगरों, राजधानियों में विहरण करते रहे। आचार्य सिद्धसेन की कुशल वाग्मिता से उनकी यशःज्योत्स्ना विश्व में प्रसारित हुई। मुख-मुख पर उनका नाम गूंजने लगा।

आचार्य सिद्धसेन संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान् थे। उस समय संस्कृत भाषा का प्रचलन बढ़ रहा था। प्राकृत भाषा ग्रामीण भाषा समझी जाने लगी थी। जैनेतर विद्वान् अपने-अपने ग्रंथों का निर्माण संस्कृत में करने लगे थे। आगमों को विद्वद्भोग्य बनाने के लिए सिद्धसेन ने आगम ग्रंथों को प्राकृत से संस्कृत में अनूदित करना चाहा। उन्होंने यह भावना गुरुजनों के सामने प्रस्तुत की। उस समय स्थितिपालक मुनियों द्वारा नवीन विचारों के लिए समर्थन पाने का मार्ग सरल नहीं था। संघ ने आचार्य सिद्धसेन का विरोध किया।
श्रमण बोले

"किं संस्कृतं कर्तुं न जानन्ति श्रीमन्तः तीर्थंकराः गणधराः वा यदधर्ममागधेनागमानकृषत? तदेवं जल्पतस्तव महत् प्रायश्चित्तमापन्नम।" तीर्थंकर और गणधर संस्कृत नहीं जानते थे। उन्होंने अर्धमागधी भाषा में आगमों का प्रणयन क्यों किया? अतः आगमों को संस्कृत भाषा में अनूदित करने का विचार करना ही प्रायश्चित्त का निमित्त है।

संघ के इस अंतर्विरोध के फलस्वरूप आचार्य सिद्धसेन को मुनिवेश बदलकर बारह वर्ष तक गण से बाहर रहने का कठोर दंड मिला। इस पारांचित नामक दशवें प्रायश्चित्त को वहन करते समय आचार्य सिद्धसेन के लिए एक अपवाद था, बारह वर्ष की इस अवधि में उनसे जैनशासन की महनीय प्रभावना का कार्य संपादित हो सका तो दंड काल की मर्यादा से पूर्व भी उन्हें संघ में सम्मिलित किया जा सकता है।

संघमुक्त आचार्य सिद्धसेन मुनिवेश परिवर्तित कर सात वर्ष तक विहरण करते रहे। तदनंतर उनका आगमन अवंति में हुआ। अवंति नरेश विक्रमादित्य की सभा में पहुंचकर सिद्धसेन ने राजा की स्तुति में चार श्लोक बोले

*'अपूर्वेयं धनुर्विद्या भवता शिक्षिता कुतः।*
*मार्गणौधः समभ्येति गुणो याति दिगंतरम्।।1।।*
*अमी पान कुरंकाभाः सप्तापि जलराशयः*
*यद्यशो राजहंसस्य पंजरं भुवनत्रयम्।।2।।*
*सर्वदा सर्वदोऽसीति मिथ्या संस्तूयसे बुधैः।*
*नारयो लेभिरे पृष्ठं न वक्षः परयोषितः।।3।।*
*भयमेकमनेकेभ्यः शत्रुभ्यो विधिवत्सदा।*
*ददासि तच्च तेनास्ति राजंश्चित्रमिदं महत्।।4।।'*

*इन श्लोकों का राजा विक्रमादित्य पर क्या प्रभाव हुआ...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 40* 📝

*सवाईरामजी ओस्तवाल*

*पशु और चारा*

सवाईरामजी ओस्तवाल बूंदी के निवासी थे। स्वामी भीखणजी एक बार बूंदी पधारे तब उनके संपर्क में आने वाले अनेक जिज्ञासुओं में एक सवाईरामजी भी थे। वे वहां के एक प्रमुख और तत्त्वज्ञ श्रावक माने जाते थे। स्वामीजी से उन्होंने साध्वाचार के विषय में बहुत सारे प्रश्न पूछे। स्वामीजी के सम्मुख एक-एक करके अपने प्रश्न रखते चले गए और स्वामीजी उनको क्रमशः समाहित करते चले गए। समय बहुत हो गया था। परंतु प्रश्नों का क्रम फिर भी समाप्त नहीं हो पा रहा था। स्वामीजी ने कुछ समय तक उनके प्रश्नों का फिर भी समाधान किया।

इसी बीच सवाईरामजी ने कुछ ऐसे प्रश्न भी कर डाले, जिससे स्वामीजी को यह आशंका होने लगी कि ये इतने प्रश्न केवल जिज्ञासावश ही कर रहे हैं या कोई वितंडा के लिए। यद्यपि किसी भी वितंडता को शांत करना भी स्वामीजी को खूब आता था, परंतु उन्हें उस समय और अधिक समय लगाना इष्ट नहीं था, अतः बात को समाप्त करने की दृष्टि से उन्होंने सवाईरामजी से कहा— "गाय भैंस के सामने एक बार में ही बहुत सारा चारा डाल दिया जाता है तब वह उसे बिखेर कर यों ही खराब कर डालती है। कहीं हमारी तत्त्वचर्चा के विषय में भी वही बात घटित न हो जाए। इसलिए उचित होगा कि आज जितने प्रश्न चले हैं पहले उन पर अच्छी तरह से मनन कर लो, उसके बाद जो प्रश्न शेष बच जाएं उन पर कल बात कर लेना।"

स्वामीजी के इस कथन सवाईरामजी को बड़ी निराशा हुई। वे कुछ अप्रसन्न होकर बोले— "आपने जब मुझे पशु ही बना दिया है तब फिर कल के लिए बात करने का तो मार्ग ही अवरुद्ध हो गया। पशु से बात करने में लाभ भी क्या है?"

स्वामीजी ने तत्काल उनकी मन स्थिति को भाँप लिया। अतः उनके मन पर लगी चोट को सहलाते हुए तथा अपने कथन के तात्पर्य को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा— "तुम मेरी बात को अन्यथा समझ गए हो। उपमा देने मात्र से यदि तुम पशु बन जाते हो तो यह भी सोचो कि उस स्थिति में मेरा ज्ञान भी तो चारा बन जाता है।"

स्वामीजी की इस बात ने उनको फिर से प्रसन्न कर लिया। स्वामीजी के ज्ञान रुपी चारे को चरने के लिए उन्हें पशु बनने में कोई आपत्ति नहीं रही। उसके बाद उन्होंने अनेक दिनों तक स्वामीजी से खुलकर बातचीत की और पूर्ण रूप से तत्त्व को समझा। जब उनके सभी प्रश्नों का यथेष्ट समाधान हो गया तब उन्होंने अविलंब स्वामीजी को गुरु के रुप में स्वीकार कर लिया।

*तत्त्वज्ञ श्रावक सवाईरामजी के तेरापंथी बन जाने से विरोधी लोगों की बोलती कैसे बंद हो गई...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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News in Hindi

👉 *"अहिंसा यात्रा"*के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "बेलकुड़ी" पधारेंगे

👉 आज का प्रवास - *बेलकुड़ी*

दिनांक: 10/12/2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

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🔹 *श्री राम निवास गोयल* 🔹
*अध्यक्ष, विधान सभा*
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
आपको
*अणुव्रत प्रवर्तक*
*आचार्य श्री तुलसी*
की 104वीं जयंती के
उपलक्ष्य में आयोजित
*अणुव्रत संगोष्ठी*
में सादर आमंत्रित करते हैं
🔅
*मुख्य अतिथि*
श्री सत्येंद्र जैन
मंत्री, लोक निर्माण विभाग
🔅
*मुख्य वक्ता*
समणी निदेशिका कुसुमप्रज्ञा
🔅
*स्वागताध्यक्ष*
श्री अशोक संचेती
अध्यक्ष, अणुव्रत महासमिति
🔅
*स्थान*
विधानसभा
पुराना सचिवालय प्रांगण
🔅
*समय*
अपराह्न 4.00 बजे
सोमवार, 11 दिसंबर, 2017
🔅
*विशेष ज्ञातव्य*
प्रवेश निमंत्रण-पत्र द्वारा
🎖‼❕‼❕‼🎖

प्रस्तुति - अणुव्रत सोशल मीडिया

प्रसारक - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

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  4. ज्ञान
  5. तीर्थंकर
  6. दर्शन
  7. भाव
  8. राम
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