14.12.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 14.12.2017
Updated: 15.12.2017

Update

https://chat.whatsapp.com/HKVhoc7aZdS6J1WZvK3WTu

*15/12/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द व समणी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
T+++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*Telugu chettiyar mandapam* से विहार करके *Soluchana Arjun Mahal*
Main Road, *Velkalnatham*
(कृष्णगिरी से 26 km) हाइवे पर (तमीलनाडु)
☎9003789485,9366111160
9443235611
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*नारायणलाल जी चोधरी* का मकान
*बिलगेरे* हासन रोड
(कर्नाटक)
☎9901135937,9448385582
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* प्रवास
*ओशो ध्यान आश्रम*
तुआकुड़ी
*तिरची तंजावुर रोड (तमिलनाडु* 620017)
☎ 8107033307
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*जैन भवन*
*तिरूकलीकुन्ड्रम* (पक्षीतीर्थ),(तमिलनाडु)
☎9786805285,9443247152
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Sevati Appointment*
Near Jalaram Mandir
Gujarati Street,South Beach Road
*Calicut*(केरला)
☎9672039432,9447606040
9847303267
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*आनंद जी बाठिया*
*भिक्षु सदन*
गणेश होस्पीटल के आगे
गोरीपेट *कोलार* (कर्नाटक)
☎8890788494,9845280407
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*Prakashchand Rajesh Kumar Bhansali*
#9, Appajappa Agrahara Near Prakash cafe 1st main road Chamrajpet Bangalore (कर्नाटक)
☎41169636,42135241
9916378129
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*गुडीहतनुर शंकर मन्दिर*से विहार करके *सीतागोड़ी* सरकारी स्कुल पधारेगे
*हैदराबाद- नागपुर रोड* (तेलंगाना)
☎9959037737
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*मिंजुर* (तमिलनाडु)
☎9444726501,9884200325
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*कोलपट्टी लक्ष्मीफ्लोर मील*
कोविलपट्टी- तिरुनेलवेली हाइवे *. DURAYUR*
(तमिलनाडु)
☎ 9443031462,9443120339
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धीश्री जी ठाणा 3* का प्रवास
जैन एंटरप्राइसस से विहार कर *डी- फैब्रि इंडिया प्रिमिसिस* में पधारेंगे
*हिरियुर* (कर्नाटक)
☎9601420513
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*सिंघनुर*(कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*अांजनिया भवन*
*कसंनहली गॉंव* पधारेगे
श्रवणबेलगोला - बैगलोर रोड (कर्नाटक)
☎7798028703
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमणजी* *की सुशिष्या* *समणी निर्देशिका चारित्रप्रज्ञाजी* *एवं सहवर्तिनी समणीवृन्द का प्रवास*
*BHAWARLAL MARLECHA*
T.V ROAD, NEAR SHRI MITHAI
*CHETPET* *CHENNAI - 600031*
*☎: 9840092161, 28362162*
T++++++++S+++++++++++S

*TSS वाट्स अप गुप से जुडने के लिए दिए link पर click करे*

प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

WhatsApp Group Invite
Follow this link to join

News in Hindi

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 219* 📝

*सरस्वती-कंठाभरण आचार्य सिद्धसेन*

*जीवन-वृत्त*

गतांक से आगे...

जीवन के संध्याकाल में आचार्य सिद्धसेन प्रतिष्ठानपुर पृथ्वीपुर पहुंचे। आयुष्यबल को क्षीण जानकर आचार्य सिद्धसेन ने अपने योग्य शिष्य को पद पर नियुक्त किया और स्वयं अनशन ग्रहण किया। परम समाधि में आचार्य सिद्धसेन दिवाकर का स्वर्गवास हुआ।

एक समर्थ कवि, मधुर वक्ता, महान् धर्मोपदेशक, चिंतनशील, गंभीर विचारक, जैन शासन के अतिशय प्रभावी आचार्य के चले जाने से लोगों के हृदय में आघात लगा। संयोग से एक वैतालिक चारण कवि विशाला गया। वह आचार्य सिद्धसेन की भगिनी साध्वी सिद्धश्री से मिला। उस समय चारण को आचार्य सिद्धसेन की याद आ गई। वह उदास मन से श्लोक का अर्धांश बोला—

*'स्फुरंति वादिखद्योताः सांप्रतं दक्षिणापथे'*

इस समय दक्षिण में वादी रूपी जुगनू चमक रहे हैं।

साध्वी सिद्धश्री आचार्य सिद्धसेन की भांति बुद्धि की धनी थी। वैतालिक चारण की कविता सुनकर वह समझ गई अब विद्वान् बंधु आचार्य सिद्धसेन संसार में नहीं रहे। उसने वाग्मी चारण द्वारा उच्चारित श्लोक का उत्तरांश पूर्ण करते हुए कहा

*'नूनमस्तंगतो वादी, सिद्धसेनो दिवाकरः'।।174।।*
*(प्रभावक चरित्र, पृष्ठ 61)*

आचार्य सिद्धसेन दिवाकर निश्चय ही अस्त हो गए हैं।

साध्वी सिद्ध श्री में भाई के स्वर्गवास से विशेष वैराग्य उदय हुआ। नश्वर धर्मा इस शरीर की अंतपरिणति समझ कर उसने अनशन ग्रहण किया। गीतार्थ श्रुतधर मुनियों के निर्देशन में अपने चारित्ररत्न की सम्यग् आराधना करती हुई वह भी सद्गति को प्राप्त हुई।

आचार्य सिद्धसेन ने अपने प्रभाव से अनेक राजाओं को बोध दिया। सात राजाओं अथवा अठारह राजाओं को आचार्य सिद्धसेन द्वारा बोध देने की बात विश्रुत है। प्रभावक चरित्र एवं प्रबंधकोश में राजाओं की संख्या का उल्लेख नहीं है।

आचार्य सिद्धसेन का युग आरोहण और अवरोहण का युग था। संस्कृत भाषा का उत्कर्ष एवं प्राकृत भाषा का अपकर्ष हो रहा था। पुस्तकों के केंद्रीकरण की प्रवृत्ति आरंभ हो चुकी थी। श्रमण जीवन में शिथालाचार प्रवेश कर रहा था। राजसम्मान प्राप्त जैनाचार्यों की दृष्टि में व्यक्तित्व प्रभावना का लक्ष्य प्रमुख एवं साधुचर्या की बात गौण हो गई थी। श्रमणों द्वारा गज और शिविका आदि विशेष वाहनों का उपयोग भी उस युग में होने लगा था।

आचार्य सिद्धसेन का जीवन इन सारे बिंदुओं का संकेत है।

*साहित्य के क्षेत्र में आचार्य सिद्धसेन का अवदान अनुपम था। आचार्य सिद्धसेन द्वारा रचित साहित्य* के बारे में संक्षेप में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 43* 📝

*मानोजी सुराना*

*धनी और मानी*

श्रावक मानोजी सुराणा ईड़वा के निवासी थे। वे अपने आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध तथा प्रभावशाली व्यक्ति थे। आर्थिक दृष्टि से भी वे अत्यंत संपन्न व्यक्तियों में से थे। संपन्नता के साथ-साथ उदारता या दानशीलता का संयोग बहुधा कठिनता से ही मिल पाता है परंतु उनमें मणि-कंचन की तरह वह संयोग अपनी पूर्ण महत्ता के साथ विद्यमान था।

मानोजी पहले स्थानकवासी संप्रदाय के सुप्रसिद्ध आचार्य जयमलजी के अनुयायी थे। परंतु बाद में उनका झुकाव स्वामी भीखणजी की ओर हो गया। तत्त्व श्रद्धा और आचार संबंधी बातें अच्छी तरह से समझ लेने के पश्चात उन्होंने स्वामीजी को गुरु धारण कर लिया।

*चार में से एक*

आचार्य जयमलजी मानोजी को अपने संप्रदाय के प्रमुख चार दानी व्यक्तियों में से एक गिना करते थे। उन्होंने एक पद्य में उन चारों व्यक्तियों का नामोल्लेख किया था। जिसे वह बहुधा लोगों को सुनाया करते थे। वह पद्य इस प्रकार है—

"सोजत बगड़ी में लालो बींजो, बलूंदा में फत्तो।
ईड़वा में मानो सुराणो, यामें दान रो गुण छत्तों।।"

*पांती के अधिकारी*

मानोजी के तेरापंथी बन जाने के बाद कुछ समय पश्चात् आचार्य जयमलजी का ईड़वा में आगमन हुआ। श्रावक मानोजी जब उनके पास गए तो उपालंभ देते हुए उन्होंने कहा— "माना! तुमने यह क्या कर डाला? मैं तो तुम्हारा नाम समाज के चार उत्कृष्ट दानियों में गिनता रहा हूं और तुमने इस प्रकार धोखा दे दिया।"

मानोजी ने उत्तर देते हुए कहा— "नहीं महाराज! मैंने कोई धोखा नहीं दिया है। आपने मुझे दानियों में गिनाया है तो मैंने भी देने में न कभी पहले संकोच किया और न आज ही कर रहा हूं। इस कार्य में आपने मेरे में कोई कमी देखी हो तो फरमाइए।

आचार्य जयमलजी बोले— "हमें छोड़कर अब तूने तेरापंथ की श्रद्धा ग्रहण कर ली है यह धोखा नहीं है तो और क्या है?"

मानोजी ने कहा— आप अनेक बार कहते रहे हैं कि सच्चा व्यापारी वही होता है जो हर वस्तु की परख कर ले। मैंने तो उसी कथन के अनुसार कार्य किया है। दान की बात तो ऐसी है कि गृहस्थ के पास यदि कुछ देने योग्य होगा तो यथावसर वह संसार पक्ष में भी दिया जाएगा और धर्म पक्ष में भी। परन्तु श्रद्धा तो ऐसी वस्तु नहीं हो सकती कि उसे यथावसर ग्रहण या परित्याग किया जा सके। वह तो जो सत्य होगी उसे ही ग्रहण किया जाएगा। मुझे परखने पर जो सत्य प्रतीत हुआ मैंने वही ग्रहण किया है।"

आचार्य जयमलजी ने उनकी वह दृढ़तापूर्वक बात सुनी तो हंसकर कहने लगे— "ठीक है, ठीक है! भीखणजी कोई दूसरे थोड़े ही हैं। वह भी कम से कम एक पांती के अधिकारी तो हैं ही। तुमने उसकी पूर्ति कर दी है तो यह कोई बुरी बात नहीं है।"

*तत्त्व जिज्ञासु श्रावक गुमानजी लुणावत के प्रेरणादायी व्यक्तित्व* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

https://goo.gl/maps/DU1EWGux5eH2

👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "रघुनाथपुर" पधारेंगे

👉 आज का प्रवास - *रघुनाथपुर*

दिनांक: 14/12/2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. Bangalore
  2. Mandir
  3. अनशन
  4. आचार्य
  5. दर्शन
  6. भाव
  7. श्रमण
Page statistics
This page has been viewed 303 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: