26.12.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 26.12.2017
Updated: 28.12.2017

Update

👉 कालू - जीवन को संवारे व्यक्तित्व को निखारें कार्यशाला आयोजित
👉 केलवा - स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता अभियान आयोजित
👉 विशाखापत्तनम - स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित
👉 कालीकट - सामूहिक सामायिक साधना का आयोजन
👉 साउथ हावड़ा - maximise minimise maintain कार्यशाला का आयोजन

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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*27/12/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द व समणी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
T+++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*चन्द्रप्रकाश जी दुगड़* के निवास स्थान पर
Flower bazaar opp.Head post office
*Vaniyambadi*
(तमीलनाडु)
☎9003789485,9366111160
9443235611
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Bansilal ji Pitaliya* के निवास स्थान पर
BPL SHOW ROOM
K.R Nager (कर्नाटक)
☎9901135937,9448385582
9886872447,9886872448
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*MP jewellery*
Harishji rajeshji sethiya 32 big street
*Kumbakonam*
(तमिलनाडु* 620017)
☎ 8107033307,9842420774
9443415708
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*दुगड फार्म हाऊस*
बडकडुम्बाडीकुट रोड
नियर महाबलीपुरम *कारने*
(तमिलनाडु)
☎9786805285,9443247152
9566296874
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Sevati Appointment*
Near Jalaram Temple
*Calicut*(केरला)
☎9672039432,9447606040
9847303267
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*KGF* (कर्नाटक)
☎8890788495
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
https://maps.google.com/?q=12.956870,77.558029
*Rajan ji Vikram'Ji Rishabh Sethiya*
Sethiya Nivas 23/1 5th main 9th cross
Near Azad Nagar T.R.Mill Circle *Chamrajpet* Bangalore 560018 कर्नाटक
☎9845120940,9448767555
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या शासन श्री साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*पेट्रोल पम्प के पास चिकलु*
हैदराबाद - नागपुर रोड (तेलंगाना)
☎9959037737
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*मदनलाल जी डागा के निवास स्थान*
*No 2 Rajaji Street*
*रेडिल्स*
☎9884200325,9840131331
8428020772,26418440
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*जैन भवन*
114/48, Big Street (Periya Teru),
Vadivishwaram,
*Nagercoil* - 629001.
(तमिलनाडु)
☎9629840537
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*घनंजय रेडी जी के निवास स्थान पर*
*सोमसमन्दर*
सिघनुर- बेल्लारी रोड
(कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*तिरेकेरे से विहार करके बडकन्नहल्ली पधारेंगे*
हिरियूर - मैसूर रोड कर्नाटक
☎9601420513,9845001099
T+++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*Yantganhalli Govt PU College*
श्रवणबेलगोला - बैगलोर रोड (कर्नाटक)
☎7798028703
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमणजी* *की सुशिष्या* *समणी निर्देशिका चारित्रप्रज्ञाजी* *एवं सहवर्तिनी समणीवृन्द का प्रवास*
*Shantilalji Deepak ji Dugar*
Jain stores
No.48,bazaar street
*Sholinghur*
☎9444243025,9994738848
T++++++++S+++++++++++S

*TSS वाट्स अप गुप से जुडने के लिए दिए link पर click करे*

प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

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Update

27 दिसंबर का संकल्प

*तिथि:- पौष शुक्ला नवमी*

शब्दों का हो सदुपयोग ।
तो रहे हर - पल शुभ योग।।

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

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*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*

👉 *ज्ञान का प्रकाश और सदाचार के सौरभ से परिपूर्ण हो जीवन: आचार्यश्री*

👉 *-जंगली रास्ते पर लगभग 15 किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री पहुंचे जशीपुर*

दिनांक - 26-12-2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

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👉 जयपुर - प्रसिद्ध गायक श्री अनूप जी जलोटा शासन स्तंभ श्रद्धेय मंत्री मुनि श्री के दर्शनार्थ पधारे
👉 जोधपुर - स्वच्छ भारत अभियान का कार्यक्रम
👉सोलापुर - स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्यक्रम
👉सोलापुर - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
👉 मुंबई - नये युग मे बढते कदम का आयोजन
👉 मुंबई - नये युग मे बढते कदम कार्यशाला का आयोजन
👉 आमेट- स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कार्यक्रम

प्रस्तुति - 🙏तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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News in Hindi

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 226* 📝

*महाप्राज्ञ आचार्य मल्लवादी*

*जीवन-वृत*

मल्लवादी का परिवार जैन धर्म के प्रति आस्थाशील था। मल्लवादी की जननी दुर्लभदेवी जैन धर्म की उपासिका थी। उनके मामा जिनानंदसूरि थे। वे भरुंच में विराजमान थे। एक बार शास्त्रार्थ में बौद्ध भिक्षु बुद्धानंद से पराजित होने के कारण उन्हें भरुंच छोड़ना पड़ा। उस समय वे वल्लभी में आए। उन्होंने वल्लभी की जनता को मंगलकारी धर्मोपदेश दिया। दुर्लभदेवी भी अपने तीनों पुत्रों के साथ भ्राता जिनानंदसूरि का उपदेश सुनने के लिए वहां उपस्थित थी। उनसे प्रेरणादायी उद्बोधन सुनकर दुर्लभदेवी और तीनों पुत्र वैराग्य को प्राप्त हुए। उन्होंने संसार की असारता को समझा। जननी सहित तीनों ने जिनानंदसूरि के पास दीक्षा ग्रहण की। गुरु से लक्षणादि शास्त्रों का गंभीर अध्ययन कर वे तीनों भाई प्रख्यात विद्वान् बने। तीनों भाइयों में मल्लमुनि सबसे अधिक विद्वान् थे। जिनानंदसूरि स्वयं विविध विषयों के गंभीर अध्येता थे। पूर्वाचार्यों द्वारा 'ज्ञानप्रवाद' नामक पंचम पूर्व से उद्धृत नयचक्र नाम का ग्रंथ उनके पास था, जिसका अध्ययन अध्यापन विशेष विधिपूर्वक ही किया और करवाया जा सकता था। एक बार तीर्थ यात्रा पर जाते समय गुरु ने सोचा 'बाल सुलभ चपलता के कारण कुशाग्रमति महाप्राज्ञ मल्लमुनि द्वारा इस ग्रंथ को पढ़ लिए जाने पर अनिष्ट की संभावना हो सकती है, अतः इस संबंध में स्पष्ट निषेधात्मक निर्देश देकर मेरा तीर्थ यात्रा के लिए जाना उचित है।' इतना चिंतन कर सूझबूझ के धनी, अनुभवी, दूरदर्शी जिनानंदसूरि ने साध्वी दुर्लभदेवी के सामने मल्लमुनि को बुलाकर कहा "प्रिय शिष्य! मैं तीर्थ यात्रा पर जा रहा हूं, मन लगाकर अध्ययन करते रहना पर ध्यान रखना इस 'नयचक्र' ग्रंथ को भूल से भी नहीं पढ़ना है, अन्यथा उपद्रव हो सकता है।" शिष्य मल्लमुनि एवं साध्वी दुर्लभदेवी को सारी बात पूरी तरह से समझा कर गुरु ने प्रस्थान किया।

यह मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि निषिद्ध की हुई बात को जानने का आकर्षण अधिक होता है। मल्लमुनि का मन भी नयचक्र को पढ़ने के लिए आतुर हो गया। गुरु द्वारा ग्रंथ को पढ़ने के लिए पूर्णतः निषेध किए जाने पर भी बाल मुनि मल्ल अपनी इच्छा को रोक नहीं सके। उन्होंने साध्वी दुर्लभदेवी का बिना निर्देश प्राप्त किए ग्रंथ खोलकर पढ़ना प्रारंभ कर दिया। ग्रंथ का आदि श्लोक था

*विधिनियमभङ्गवृत्तिव्यतिरिक्तत्वादनर्थकमवोचत्।*
*जैनादन्यच्छासनमनृतं भवतीति वेधर्म्यम्।।21।।*
*(प्रभावक चरित्र, पृष्ठ 77)*

श्लोक का अर्थ समझने का मल्लमुनि प्रयत्न कर ही रहे थे, अचानक शासनदेवी ने आकर ग्रंथ को छीन लिया। इससे मल्लमुनि का मन खिन्न हो गया। सारे संघ में महत्त्वपूर्ण ग्रंथ के खोने की चिंता व्याप्त हो गई पर उसे प्राप्त करने का कोई उपाय नहीं था। गहरे अनुताप से तापित होकर मल्लमुनि गिरि खंड की गुहाओं में विशेष साधना करने लगे और उन्होंने घोर तप प्रारंभ किया। वे निरंतर षष्ठम भक्त तप (दो दिनों का उपवास) करते एवं पारणक के दिन रुक्ष भोजन लेते थे। चातुर्मासिक पारणक के दिन संघ की प्रार्थना पर उन्होंने श्रमणों द्वारा आनीत स्निग्ध भोजन ग्रहण किया था।

*क्या मल्लमुनि इस घोर तपःसाधना द्वारा नयचक्र ग्रंथ को वापस प्राप्त कर पाए...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 50* 📝

*केसरजी भण्डारी*

*सामयिक सेवा*

गतांक से आगे...

महाराणा से मिलने का अवसर तो उन्हें सहज ही प्राप्त था, परंतु एकांत के बिना वैसी बात करना उचित नहीं था। उसके लिए उन्हें थोड़ा ध्यान रखना पड़ा। एकांत प्राप्त होते ही उन्होंने नम्रतापूर्वक महाराणा से कहा— "जो संत चींटी को भी नहीं सताते उनको अपने नगर से निकाल दिया। अब सुनता हूं कि मेवाड़ से निकाल देने का विचार किया जा रहा है। आपको यह क्या सूझा है? आपकी आज्ञा न होगी तो वे देश छोड़कर भी चले जाएंगे, परंतु आप इस बात की गांठ बांध ले कि जिस राज्य में संतजनों को सताया जाता है, प्रकृति उसे कभी क्षमा नहीं करती। संतो को नगर से निकाल देने के पश्चात् यहां जो अप्रिय घटनाएं घटी हैं, वह प्रकृति के रोष का ही परिणाम है। अब देश से निकाल देने का परिणाम क्या आएगा, यह तो भगवान् ही जाने।"

महाराणा ने जो भ्रांतिपूर्ण बातें सुन रखी थीं, उन्हीं के आधार पर कहा— "केसर! तू नहीं जानता वे नगर में रहने योग्य थे ही नहीं। उनके यहां रहने से दुष्काल की संभावना थी। वे वर्षा को रोक देते हैं। ऐसे संतों को यहां रहने देकर मैं सारी प्रजा को दुःखी कैसे होने देता?"

केसरजी ने तब महाराणा की सारी भ्रांतियों का निराकरण किया और तेरापंथ के उद्भव तथा उसके प्रति होने वाले विरोध आदि के इतिहास से भी उन्हें अवगत कराया। सत्य को पहचान लेने पर महाराणा ने पश्चात्ताप के स्वर में कहा— "केसर! यह तो बहुत बुरा हुआ। मुझे इन सब बातों की गहराई का कोई पता नहीं था, पर अब यह बतलाओ कि इसे सुधारा कैसे जा सकता है? क्या वे हमारे निमंत्रण पर वापस आएंगे?"

केसरजी ने कहा— "सन्यासियों के आने या न आने के विषय में निश्चयपूर्वक तो क्या कहा जा सकता है, पर मेरा विचार है कि आप निवेदन करेंगे तो वे उस पर अवश्य ध्यान देंगे।"

महाराणा ने तब सम्वत् 1875 आषाढ़ कृष्णा 3 को अपने हाथ से एक पत्र लिखकर आचार्यश्री भारमल जी को प्रार्थना की कि आप दुष्टता करने वाले उन दुष्टों की ओर न देखें। मेरी तथा नगर की प्रजा की ओर देख कर दया करें और आने में विलंब न करें। हरकारा पत्र लेकर राजनगर पहुंचा और भंडारीजी द्वारा बताए गए पते पर पत्र दिया तो पहले पहल उसे 'मेवाड़ छोड़ देने का आदेश' ही समझा गया, परंतु जब खोलकर पढ़ा तो सभी हर्षातिरेक से नाच उठे। उन लोगों ने आचार्यश्री को पत्र निवेदित किया और प्रार्थना की कि अब आपको उदयपुर पधारने की कृपा करनी चाहिए। आचार्यश्री ने कहा— "वृद्धावस्था में अब पुनः पहाड़ों को रौंदता हुआ कौन वहां जाए?" वे नहीं पधारे तब सवा छह महीनों के बाद सम्वत् 1876 पोष कृष्णा 11 को दूसरा पत्र लिखकर महाराणा ने उन्हें उदयपुर पधारने की फिर प्रार्थना की। प्रार्थना पर आचार्यश्री स्वयं तो नहीं पधारे, परंतु हेमराजजी आदि 13 साधुओं को वहां भेजा। उदयपुर वासियों के लिए संत समागम का वह मासिक काल अत्यंत लाभदायक रहा। महाराणा भीमसिंहजी ने उस प्रवास काल में 11 बार संतों के पास जाकर सत्संग तथा धर्म चर्चा का लाभ लिया।

*जो व्यक्ति तेरापंथियों को मेवाड़ से निकलवा देना चाहते थे, उन पर महाराणा की भी संतों में विशेष रुचि लेने का क्या प्रभाव हुआ...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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👉 मोमासर - अणुव्रत समिति द्वारा सम्मान प्रदान
👉 चेन्नई: कन्यामण्डल " personality Development work shop" का आयोजन
👉 जयपुर - स्वच्छता अभियान
👉 तिरूकलीकुण्ड्रम - "नये युग में बढे कदम" कार्यशाला का आयोजन
👉 केसिंगा - स्वच्छता अभियान

प्रस्तुति: 🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "जसीपुर हाईस्कूल" पधारेंगे

👉 आज का प्रवास - जसीपुर हाईस्कूल, जिला - मयूरभंज (ओड़िशा)

दिनांक: 26/12/2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

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