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आज प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ-ऋषभदेव भगवान् का मोक्ष कल्याणक है... आज के दिन उनको मोक्ष हुआ था! #BadeBaba • #Kundalpur
हे जिनेश्वर आप...कही गए नहीं बस...आज से करोडो वर्ष पहले.. आठो कर्मो को तोड़.....सिद्ध शिला पर अनंत काल के लिए विराजमान हो गए...आप इस युग की अपेक्षा से सर्व प्रथम थे हर बात में चाहे जनता को जीना सिखाना हो..उनको मोक्ष मार्ग दिखाना हो.... सबसे पहले केवलज्ञान रूपी ज्योति आपको ही आदिदेव श्री वृषभदेव स्वामी को प्राप्त हुई..क्योकि उनसे पहले तो मुनि परंपरा थी ही नहीं..उनको केवलज्ञान हुआ...फिर उनके उपदेश से जीवो ने मुनि पद को अंगीकार किया... आदिनाथ भगवान का प्रथम आहार राजा श्रेयांस के यहाँ पर हुआ था..आदिनाथ भगवान् 6 महीने के बाद तो आहार के लिए निकले..लेकिन...आहार विधि कोई नहीं जाने के कारण उनका आहार 7 महीने 8 दिन के बाद ही हुआ...कारण - उनका पूर्व कृत कर्म उदय जो उन्होंने गाय के मुख पर छींका बाँधने का उपदेश दिया था...जिसके कारण से गाय को भूखा रहना पड़ा था....तो आपने तप व् सहन शक्ति का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया और साथ में कर्म कितने कठोर हो सकते है की आपको भी नहीं छोड़ा...सन्देश किया...हे ऋषभदेव आप तो अनंत गुण के धारक हो...कहा तक कहू मैं आपके गुण...बस आपके जैसा होना चाहता हूँ...
मुझे भी शक्ति मिले.....और आपके पद-चिन्हों पर चल पडू....और ऐसा चलू की बस चलता रहू....और आपके पास आ जाऊ..अनंत काल के लिए....आप साथ सिद्ध शिला पर..... और आपका परिवार तो और भी कमाल था...एक बेटा कामदेव बाहुबली...चक्रवर्ती को ही हरा दिया.....एक वर्ष तपस्या खड़े होकर तप...वाह! दूसरा बेटा और भी कमाल...चक्रवर्ती भरत...सिर्फ 48 मिनट में केवलज्ञान!! सारे पुत्र केवलज्ञान धारी हो मोक्ष चले गए...! आपके पोत्र और भी कमाल..मतलब भरत चक्रवर्ती के 623 पुत्र सीधा निगोद से आये और बोले ही नही..और चल दिए....मोक्ष.....आपकी पुत्री...ब्राह्मी और सुंदरी....भी कमाल आर्यिका दीक्षा लेली...आपका परिवार एक से बढ़कर एक महान व्यक्तियों के गुणों से भरा पड़ा है.....ऐसा परिवार तो इतिहास के पन्नो में देखने में नहीं आया....जय हो....
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प्रश्न - यदि कोई कहता है कि मैं प्रवचन या किसी धार्मिक शास्त्र को चरितार्थ नहीं कर पाता तो उनके सुनने या पढ़ने का कोई मतलब नहीं है, तब उसके समक्ष इसका उत्तर किस प्रकार रखना चाहिए
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#श्रवणबेलगोला: #महामस्तकाभिषेक के लिए इस बार बनेगा 12 करोड का मंच
महामस्तकाभिषेक के लिए इस बार जर्मन तकनीक से 12 करोड की राशि से चार मंजिला मंच बनाया जाएगा। कर्नाटक में हो रहे गोम्मटेश्वर भगवान बाहुबलि स्वामी के महामस्तकाभिषेक के लिए इस बार जर्मन तकनीक से 12 करोड की राशि से चार मंजिला मंच बनाया जाएगा।
अभिषेक के लिए श्रद्धालुओं को भगवान के मस्तक तक पहुंचने के लिए इसमें दो लिफ्ट लगाई जाएगी। इसके अलावा एक अतिरिक्त लिफ्ट अभिषेक की सामग्री लाई जाएगी। एक लिफ्ट से एक बार में छह से आठ लोगों को लाया जाएगा। इस मंच के निर्माण में आयरन राड का इस्तमाल होगा।
57 फीट उंची और 26 फीट चौड़ी भगवान की प्रतिमा के एक हजार साल के इतिहास में पहली बार जर्मन तकनीक से 100 बाय 60 वर्गफीट का मंच का निर्माण कार्य अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में शुरू गया। इसे पूरा करने के लिए 2 माह का लक्ष्य रखा गया है।
मस्तकाभिषेक महोत्सव समिति के मुताबिक महोत्सव आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक समय में 30 हजार लोगों के लिए आवास की व्यवस्था भी की जाएगी। अलग-अलग स्थानों पर 17 भोजन शाला बनाई जाएगी। संरक्षक अशोक बड़जात्या ने बताया कि इन भोजनशालाओं में हर दिन करीब एक लाख लोगों का भोजन बनेगा। इसके साथ ही जैन समाज के आठ तीर्थक्षत्रों की प्रतिकृति भी यहां बनाई जाएगी ताकि दुनियाभर के लोगों को जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ क्षेत्र की पूरी जानकारी मिल सके।
2 लाख से अधिक लोगों के लिए चंद्रगिरि पर्वत पर दर्शन की व्यवस्था, बसाएंगे 12 नगर
- इस बार समिति द्वारा मस्तकाभिषेक के बाद 200 बैड का मल्टी स्पेशलिटि अस्पताल बनाने की योजना है। इससे पहले हुए महास्तकाभिषेक के बाद 55 करोड की राशि से चिल्ड्रन हॉस्पिटल बनाया गया था।
- भगवान बाहुबलि के महामस्तकाभिषेक विंध्यगिरि पर्वत पर होगा जबकि सामने स्थित चंद्रगिरि पर्वत पर महामस्तकाभिषेक दर्शन के लिए 3 लाख लोगों की बैठक व्यवस्था की जाएगी। इस पहाडी पर चैयर, एलईडी स्क्रीन और दूरबीन लगाई जाएगी। इसके साथ ही चिकित्सा सुविधा भी रहेगी।
- *लोगों के आवास के लिए 12 नगर बसाए जाएंगे, जिसमें लोगों के रहने के लिए अस्थाई रूप से रहने की व्यवस्था की जाएगी।*
- आयोजन की व्यवस्थाओं के लिए करीब 36 समितियों बनाई गई है। व्यवस्थाओं के संचालन में 5 हजार पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न समाजिक संगठनों के कार्यकर्ता भी भागीदारी करेंगे।
- हजारों लीटर दूध,दही, केसर व अन्य सामग्री से भगवान का अभिषेक होता है। इससे प्रतिमा को किसी तरह का नुकसान न हो इसलिए पुरातत्व विभाग ने विशेष रसायन की परत भी चढाई है।
- श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेन देश के विभिन्न शहरों से चलाई जाएगी।
महामस्तकाभिषेक में शामिल होंगे 80 लाख लोग
12 साल बाद हो रहे महामस्तकाभिषेक का मुख्य महोत्सव 7 से 26 फरवरी तक होगा। पहले 20 दिनों में 35 लाख और बाद के छह महीनों करीब 45 लाख लोग आएंगे। एक समय में 30 हजार लोगों के लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी। महोत्सव के माध्यम से मानव सेवा के विभिन्न कार्य किए जाएंगे। इसमें एक सुपर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल खोला जाएगा। प्राकृत भाषा को विलुप्त होने से बचाने के लिए प्राकृत विश्वविधालय भी प्रस्तावित है
#BahubaliBhagwan
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