16.01.2018 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 16.01.2018
Updated: 17.01.2018

News in Hindi

एक विनम्र आग्रहरू
ठण्ड है आप सभी से विनम्रता पूर्वक निवेदन है कि आप जब भी रात्रि में अपनी कार या अन्य वाहनों से निकले तो अपने पुराने ऊनी कपडे और कम्बल वगैरह साथ रख लें! रास्ते में आप को जहाँ भी कोई बच्चाए बुज़ुर्ग या असहाय ठण्ड से ठिठुरता मिले तो आप उस जऱुरतमंद को वह दे दें। आपका यह एक कदम उठाने से जहाँ किसी की जान बचेगी वहीं आपके परिवार पर ईश्वर की कृपा होगी।
एक और निवेदन रू कृपया यह संदेश अपने सभी सहजनों व स्वजनों तक प्रसारित कर मानव सेवा में अपना योगदान अवश्य दें!!

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भगवान महावीर के पश्चात इस परंम्परा में कई मुनि एवं आचार्य हुये हैं -
भगवान महावीर के पश्चात 62 बर्ष में तीन केवली (527-465 B.C.)
आचार्य गौतम गणधर (607-515 B.C.)
आचार्य सुधर्मास्वामी (607-507 B.C.)
आचार्य जम्बूस्वामी (542-465 B.C.)
इसके पश्चात 100 बर्षो में पॉच श्रुत केवली (465-365 B.C.)
आचार्य नन्दी या विष्णु कुमार
आचार्य नन्दिमित्र या नन्दिपुत्र
आचार्य अपराजित्
आचार्य गोवर्धन्
आचार्य भद्रबाहु- अंतिम श्रुत केवली (433-357)
इसके पश्चात 183 बर्षो में (११ अंग १० पूर्व के ज्ञाता) ग्यारह आचार्य (365-182 B.C.)
आचार्य बिशाख
आचार्य प्राष्ठिल्ल्
आचार्य छत्रिय
आचार्य जयसेन
आचार्य नागसेन्
आचार्य सिद्दार्थ्
आचार्य घृतसेन्
आचार्य विजय
आचार्य बुद्दिल
आचार्य गंगदेव्
आचार्य सुधर्मस्वामी
इसके पश्चात 220 बर्षो में पॉच आचार्य (182 B.C.-38 A.D.)
आचार्य नक्षत्र
आचार्य जयपाल
आचार्य पाण्डू
आचार्य धुरबसेन
आचार्य कंस
इसके पश्चात 118 बर्षो में चार आचार्य (
आचार्य सुभद्र
आचार्य यशोभद्र
आचार्य यशोंबाहु
आचार्य लोहाचार्य
एवम अन्य आचार्य
आचार्य अह्द्रबलि
आचार्य माघनन्दि
आचार्य धरसेन
आचार्य पुष्पदंत
आचार्य भूतबली
आचार्य जिनचन्द
आचार्य कुन्दकुन्द स्वामी (8 ई.पू.-44 ई.)
आचार्य उमास्वामी (
आचार्य समन्तभद्र (120-185 ई.)
आचार्य शिवकोटि
आचार्य शिवायन
आचार्य सिद्धसेन दिवाकर
आचार्य पुज्यपाद (474-525)
आचार्य अकलंकदेव (720-780)
आचार्य वीरसेन (790-825)
आचार्य जिनसेन (800-880)
आचार्य नेमिचन्द
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