20.01.2018 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 20.01.2018
Updated: 21.01.2018

Update

Jain Vishva Bharati online Books Store
books.jvbharati.org

आज की ebook है

*आचार्य श्री महाप्रज्ञजी की कृति -
* *आहार ओर अध्यात्म*

इस पुस्तक में:-
💧संतुलित आहार
💧भोजन अभोजन की अनिवार्यता
💧भोजन का कार्य
💧आहार विवेक
💧आहार और निहार
💧आहार शुद्धि का रूपांतरण
💧मांसाहार का निषेध
💧करना ओर शाकाहार
💧रात्रि भोजन का निषेध क्यों
💧भोजन ओर रोग
💧आहार विजय
💧भोजन ओर ब्रह्मचर्य

👉 *ओर भी है इसमें.......पढ़ेंगे तो ही जान पाएँगे.... जान पाएँगे तो कर पाएँगे.... कर पाएँगे तो हो पाएँगे तनाव मुक्त*।

आप भी लाभान्वीत होईये अन्यो को भी लाभान्वीत करे ।

*प्रेक्षा फ़ाउंडेशन*
Helpline no. 08233344482

Books available at
http://books.jvbharati.org

*वर्ष में एक बार प्रेक्षा ध्यान शिविर में ज़रूर भाग लेकर देखे - जीवन बदल जाएगा । जीने का दृष्टिकोण बदल जाएगा ।*

🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

Jain Vishva Bharati Online Book Store

https://www.facebook.com/TerapanthSanghSamwad/

*21/01/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री धर्मरूचि जी ठाणा 4* का प्रवास
*Naresh kumarji Kothari*
Kothari Nivas
49-20-10 lalitha nagar *VISAKHAPATNAM* 530016
☎8890269128,9848582010

TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास *Shree Jain Swetamber Terapanth sabha*
No 5 Thalayattam Bazzar
Near police station *Gudiyattam* Tamilnadu
☎9003789485,9150179971
9488921371
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*दुर्गाराम जी सिरवी के निवास स्थान पर*
*कम्पलापुर*
मैसुर - मैगलौर रोड (कर्नाटक)
☎9448385582
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*वनियर तिरुमण निलयम*
*(बड़े मन्दिर के पास)*
*ईस्ट पोंड़ी रोड,विलियानूर*
(पॉन्डिचेरी से विल्लीपुरम मार्ग पर) (तमीलनाडु)
☎8107033307,9894155195

https://maps.google.com/?q=11.915930,79.756416
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*वनियर तिरुमण निलयम*
*(बड़े मन्दिर के पास)*
*ईस्ट पोंड़ी रोड,विलियानूर*
(पॉन्डिचेरी से विल्लीपुरम मार्ग पर) (तमिलनाडु)
☎9786805285,9566296874
9442833407,9629349678

https://maps.google.com/?q=11.915930,79.756416
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Jain Bhawan*
TD Road Near Convent in
*ERNAKULAM* (केरला) ☎9672039432,7907269421
92469989090
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
*जैन स्थानक भवन*
*सदाशिवनगर बैलगॉव* (कर्नाटक)
☎7821050720,9558651374
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*KGF* (कर्नाटक)
☎8890788495
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*कॅदवलसा गॉव से 13 किमी का विहार करके नाथवलसा गांव पधारेंगे*
Bhubaneswar se Visakhapatnam highway
☎7297958479,9025434777
7044937375
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर बैगलौर*
☎7624946879,22912735
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*North Town Apartment*
Binny Mill Villa No 10
*Chennai*
☎9962649649,9380361000
9841036201
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*जैन भवन*
114/48, Big Street (Periya Teru),
*Vadivishwaram,Nagercoil*
(तमिलनाडु)
☎9629840537
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*बल्लारी* (कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*तेरापंथ सभा भवन*
*हासन*
☎9601420513,
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*जसवन्त राज जी गादिया के निवास स्थान पर नेहरू नगर बैगलौर*
(कर्नाटक)
☎7798028703,9448119484
TSS++++++++++TSS++++++++++TSS

*TSS फेशबुक से जुडने के लिए दिए link पर click करे*

प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Terapanth Sangh Samvad
News, photos, posts, columns, blogs, audio, videos, magazines, bulletins etc.. regarding Jainism and it's reformist fast developing sect. - "Terapanth".

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 242* 📝

*दिव्य विभूति आचार्य देवनन्दी (पूज्यपाद)*

*जीवन-वृत्त*

गतांक से आगे...

आचार्यजी का जीवन विविध गुणों का समवाय था। उनके पास कई चमत्कारिक शक्तियां थीं। श्रवणबेलगोला के नंबर 108 के शिलालेख के आधार पर उन्हें अद्वितीय औषध ऋद्धि प्राप्त थी। एक बार उनके चरण प्रक्षालित जल से छूने मात्र से लोहा सोना बन गया। उनके 'विदेहगमन' की बात भी इसी शिलालेख में है।

आचार्य देवनन्दी के जीवन की प्रभावकता चमत्कारिक प्रसंगों से नहीं अपितु ज्ञानादि गुणों के कारण से है। ये चमत्कारिक प्रसंग यथार्थ की अपेक्षा प्रशंसात्मक अधिक होते हैं।

चंद्रय्य नामक कवि द्वारा कन्नड़ भाषा में रचित 'पूज्यपाद-चरिते' ग्रंथ में पूज्यपाद की जीवन सामग्री उपलब्ध है। उसका संक्षिप्त सार इस प्रकार है—

पूज्यपाद की जननी का नाम श्रीदेवी था। पिता का नाम माधव भट्ट था। वे कर्नाटक निवासी थे। श्रीदेवी की प्रेरणा से माधव भट्ट ने जैन धर्म स्वीकार किया। श्रीदेवी के भाई का नाम पाणिनि था। श्रीदेवी ने उनको भी जैन बनने की प्रेरणा दी पर उन्होंने जैन धर्म स्वीकार नहीं किया। वे मंडीगुंडी गांव में वैष्णव संन्यासी बन गए।

पूज्यपाद की छोटी बहन का नाम कमलिनी था। उसकी शादी गुणभट्ट नामक ब्राह्मण विद्वान के साथ हुई। कमलिनी के पुत्र का नाम नागार्जुन था।

पूज्यपाद बचपन से ही धार्मिक वृत्ति के थे। उन्होंने एक बार सांप के मुंह में फंसे मेंढक को देखा। उनको वैराग्य हो गया। परिवार के मोह बंधन को त्यागकर जैन मुनि बन गए।

एक बार विद्वान पाणिनि व्याकरण ग्रंथ की रचना कर रहे थे। उन्हें अपनी आसन्न मृत्यु का आभास हुआ। उन्होंने पूज्यपाद से कहा— "मैं अधिक दिन तक जीवित नहीं रह सकूंगा। व्याकरण ग्रंथ रचना का कार्य अधूरा है। तुम मेरे अवशिष्ट व्याकरण ग्रंथ के रचना कार्य को पूरा कर देना। पूज्यपाद ने पाणिनि के कथन को स्वीकार कर लिया।

पूज्यपाद दृढ़ संकल्पी थे। पाणिनी की मृत्यु के बाद उनके अधूरे व्याकरण ग्रंथ रचना के कार्य को संपन्न कर उन्होंने अपना वचन पूरा किया।

पिता गुणभट्ट की मृत्यु के बाद अतिशय दरिद्रावस्था में नागार्जुन पूज्यपाद के पास पहुंचा। पूज्यपाद ने उसे 'पद्मावती मंत्र' दिया और सिद्ध करने की प्रयोग बताए। 'पद्मावती देवी' ने नागार्जुन को सिद्धरस की वनस्पति का बोध दिया। सिद्धरस की ज्ञान प्राप्ति से नागार्जुन को सोना बनाने की कला हाथ लग गई। इस विद्या को प्राप्त कर नागार्जुन घमंडी हो गया। उसके घमंड को दूर करने के लिए पूज्यपाद ने साधारण सी वनस्पति से कई घड़े परिमाण सिद्धरस निष्पन्न कर दिखाया। पूज्यपाद की विद्याशक्ति के सामने नागार्जुन का गर्व विगलित हो गया। उसने पद्मावती के कहने से इस विद्या का उपयोग धर्म प्रेरक प्रवृत्तियों में किया।

कन्नड़ कवि द्वारा वर्णित पूज्यपाद का उक्त जीवन प्रसंग विशेष विमर्शनीय है। ऐतिहासिक संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता नहीं। पाणिनि और पूज्यपाद के मध्य कई शताब्दियों का लंबा अंतराल है।

*नगरतालुका शिलालेख में इस संदर्भ में क्या वर्णित है...?* बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 66* 📝

*चैनजी श्रीमाल*

गतांक से आगे...

सूरिजी ने आगमज्ञ तथा चर्चावादी यतियों को बुलाया और आगमिक आधार पर आश्रव के जीव होने विषयक निर्णय करने के लिए कहा।

यथेष्ट निरीक्षण के पश्चात् विद्वान् यति वर्ग ने निष्कर्ष की भाषा में सूरिजी से निवेदन करते हुए कहा— "सूत्र-न्याय से तो आश्रव जीव ही ठहरता है।"

सूरिजी ने पक्ष तथा विपक्ष सभी प्रसंगों को ध्यानपूर्वक सुनना और हृदयंगम किया। स्वयं के मनन द्वारा उन्हें विद्वानों का निष्कर्ष उचित लगा। सूरिजी एक आत्मार्थी व्यक्ति थे। सत्य के विषय में उनका अपना कोई पूर्वाग्रह नहीं था। उन्होंने तत्काल श्रावक चैनजी को बुलवाया। उनके उपस्थित होने पर उन्होंने अत्यंत स्पष्टता के साथ कहा— 'उस दिन मैंने आश्रव को अजीव कहा था और तुमने जीव। आगम निरीक्षण से तुम्हारा कथन ही सत्य सिद्ध होता है। मैं अपने असत्य के लिए "मिच्छामी दुक्कडं" लेता हूं और तुम्हारी धारणा को गलत कहा था, उसके लिए क्षमा याचना करता हूं।

श्रावक चैनजी सूरिजी की आत्मार्थिता और उदारता से अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने भी तत्काल चालू व्याख्यान में प्रश्न पूछने तथा अपनी बात पर बल देने में किसी भी प्रकार के हुए अविनय के लिए क्षमा याचना की। उसके पश्चात् वे ज्यों ही जाने के लिए उठे तो सूरिजी ने कहा— 'अभी तो मैंने केवल औपचारिक रूप से तुम्हें यह कहा है। मूलतः इस विषय का सारा स्पष्टीकरण तथा क्षमापन तो कल प्रातःकालीन परिषद् में ही करूंगा।

अपने कथन के अनुसार दूसरे दिन व्याख्यान में सूरिजी ने पिछली सारी बात का स्पष्टीकरण करते हुए अपनी धारणा को गलत तथा चैनजी की धारणा को सही स्वीकार किया और सरलतापूर्वक उनसे पुनः क्षमा याचना की। अपने आप को इस प्रकार लघु मानकर सत्य को महत्त्व देने के कारण सभी लोगों के मन में सूरिजी की महत्ता चमक उठी।

चैनजी की तत्त्वज्ञता भी जन-जन में एक आह्लादकारी चर्चा का विषय बन गई। श्रावकों में ऐसा निर्णायक तत्त्वज्ञान एवं असंदिग्ध आत्मविश्वास प्रायः विरल मिलता है। उन्होंने तेरापंथ के श्रावक वर्ग की महत्ता के कीर्ति ध्वज को एक उच्चतर स्थिति प्रदान की।

*दबंग श्रावक विरोधोजी कोठारी के प्रेरणादायी जीवन-वृत्त* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

News in Hindi

Video

Source: © Facebook

*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:

👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*

*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482

संप्रेषक: 🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻
https://www.facebook.com/TerapanthSanghSamwad/

Source: © Facebook

👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके " विशाल मेगा मार्ट, बी के रोड़, कटक (ओड़िशा)" पधारेंगे

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. Bhubaneswar
  2. Jain Vishva Bharati
  3. Jainism
  4. Preksha
  5. Sangh
  6. Sangh Samvad
  7. Terapanth
  8. Terapanth Sangh Samvad
  9. Visakhapatnam
  10. आचार्य
  11. आचार्य महाप्रज्ञ
  12. ज्ञान
  13. दर्शन
  14. पद्मावती
  15. भाव
Page statistics
This page has been viewed 719 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: