05.02.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 05.02.2018
Updated: 07.02.2018

Update

आज की Picture @ रायपुर..:)

आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज ने कहा कि मोक्षमार्ग पर चलना आसान हो सकता है परंतु संभलना भी जरूरी होता है। जब इस मार्ग पर चलने में पसीना बहता है तो पोंछने के लिए तौलिया भी उपलब्ध नहीं होती है। जब हम संभल संभल कर मोक्ष मार्ग की तरफ बढ़ते हैं तो सम्यक ज्ञान की प्राप्ति संभव हो जाती है उन्होंने कहा कि हम जब पानी बाले नारियल को बजाते हैं तो उसमें से पानी की आवाज आती है और सूखे नारियल (खोपरा) को बजाते हैं तो उसमें से गोले की आवाज आती है, जो बनने की प्रक्रिया में होता है। ऐंसे ही हमारे भावों में जो गीलापन है उसे खोपरे की तरह सुखा बनाने के लिए अपनी खोपड़ी में से संसार की माया को विलुप्त करना पड़ेगा और इसके लिए पुरुषार्थ करना आवश्यक है।

Update

आचार्य श्री वर्धमानसागर जी @ #श्रवणबेलगोला ने केशलुंचन किया, इसलिये उनका उपवास् रहा.. दिगंबर मुनि अपने बालो को कम से कम 2 महीने और ज्यादा से ज्यादा 4 महीने में अपने हाथो से उखाड़ लेते हैं, वे कटवाते नहीं हिं क्योकि उनके पास ना तो कैची हैं और श्रावक से कभी कुछ मांग नहीं सकते हैं... अपरिग्रह का आजीवन पालन करते हैं.. मयूर के पंख की बनी पिंची रखते हैं जिससे उठाते बैठते चलते कोई जीव आगे आजाये तो उसको हटा दे क्योकि मयूर की पंख सबसे कोमल होते हैं.. एक जल का कमण्डलु रखते हैं उसमे पानी पिने के लिए नहीं बल्कि लघुशंका/ हाथ धोने आदि के लिए करते हैं.. ओर वो जल रोज़ श्रावक लोग अच्छे से छान कर ओर गरम करके उनके कमंडलु में भर देते हैं और ग्रन्थ रखते हैं पढने और स्वाध्याय के लिए:)

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

News in Hindi

Exclusive today pic from Raipur!! देश का नाम भारत ही लिखा एवं बोला जाना चाहिए: #आचार्यविद्यासागर जी • #ऽharePls

विश्व विख्यात जैन संत आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने देश का नाम इंडिया बोलने के ऊपर सवाल उठाया है। अत: भारत और इंडिया को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। उन्होंने जानना चाहा कि इंडिया कहां से आया और भारत कहां विलुप्त हो गया? आचार्य ने इंडियन्स की परिषाभा बताते हुए कहा कि इंडियन का मतलब है ऑल्ड फैशन्ड एंड क्रिमिनल पिपल। यानी पिछड़े और घिसे-पिटे विचारों वाले अपराधी लोग। आचार्य ने अपने उद्बोधन से इंडिया का नाम भारत करने के लिए आवाज उठाई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, भूटान और पाकिस्तान जैसे सभी देशों का प्रत्येक भाषा में एक ही नाम बोला और लिखा जाता है तो भारत को इंडिया क्यों? इस मुददे पर आचार्य कहते हैं कि इंडियन शब्द हमें पाश्चात्य संस्कृति की ओर खींचना है और हमें हमारी अपनी संस्कृति से दूर करता है। उन्होंने उदाहरण स्वरूप बताया कि जब छोटा सा देश सीलोन से अपना नाम बदलकर श्रीलंका कर सकता है तो इंडिया का नाम भारत क्यों नहीं हो सकता?

Source: © Facebook

Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Digambar
      • Acharya Vidya Sagar
        • Share this page on:
          Page glossary
          Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
          1. Raipur
          2. आचार्य
          3. ज्ञान
          Page statistics
          This page has been viewed 364 times.
          © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
          Home
          About
          Contact us
          Disclaimer
          Social Networking

          HN4U Deutsche Version
          Today's Counter: