13.02.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 13.02.2018
Updated: 14.02.2018

Update

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*14/02/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*के.वी. कुप्पम*
गुडियातम-वैलुर रोड
☎9003789485
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*महावीर भवन*
*श्रीरंगपटना* (कर्नाटक)
☎9448385582
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*U Ramesh Chand*
24 Rajaji street *Tindivanam*
☎8107033307
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*श्री सुसवाणी माता मंदिर भवन* *विलिपुरम*
☎9566296874
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के*
*सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*ज्ञान भारती स्कूल*
*इच्छापुरम्*
भुवनेश्वर -विशाखापट्नम् रोड
☎8085400108
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Sree Agastiya Temple*
No ER -391/91
Pudiyagoan
Tirupunitra(केरला) ☎9672039432,7907269421
9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
*DWARALU SCHOOL MYE*
(कर्नाटक)
हिरियुर - बैगलौर हाईवे
☎7821050720,9558651374
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*कूतकोइल गॉव से 10 km का विहार करके चन्द्रप्रकाश जी दुगड Flower Bazaar Opp Head Post Office वानियमवाडी पधारेगे* (तमिलनाडु)
कृष्णगिरी - गुडियातम हाईवे
☎8890788494,9443235611
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*राजमुंदरी*
विशाखापट्नम् - चेन्नैइ रोड
☎7297958479,9025434777
7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 6* का प्रवास
*अर्हम भवन विजयनगर बैगलौर*
(कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 19* का प्रवास
*HIGH SCHOOL*
*कोरलम्‌*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*North town*
*Chennai* (तमिलनाडु)
☎9884901680,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4 का प्रवास*
*CHAVARA* *से 15 km का विहार करके ऊॅकारम् भवन*
*होसिरा पधारेगे* (केरला)
कोलम से कायाकुलम रोड
☎8875762662
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*संघ संवाद+ संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4 का प्रवास*
*दानापुर हाईस्कूल से 11 km का विहार करके भारत गेस गोडाऊन पदातुमलम् बाई पास रंजनी इन्टरप्राइजेज अदाेनी पधारेगे*
बेलारी- रायचुर रोड
☎9845123211
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*संघ संवाद+संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*लादुलाल जी दक के निवास स्थान पर*
*के आर पेट* (कर्नाटक)
हासन - मैसुर रोड
☎9601420513,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*Laduram Ji Dungarwal*
Abhay Niwas
No 68/13 1st Main
Krishnappa Block
Seshadripuram Bangalore (कर्नाटक)
☎7798028703
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sangh Samvad
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👉 अहमदाबाद - तिविहार संथारा प्रत्याख्यान

प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

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News in Hindi

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 257* 📝

*जिनागम सिन्धु आचार्य जिनभद्रगणी*

गतांक से आगे...

*जीवन-वृत*

क्षमाश्रमणजी के गुणानुवाद में सिद्धसेन की जीतकल्प चूर्णि के तीन चयनित पद्य इस प्रकार हैं—

*1. नमह य अणुओगधरं*
*जुगप्पहाणं पहाणंनाणायमयं।*
*सव्व-सुइ-सत्थ-कमलं*
*दंसण-नाणोवओगमग्गम्मि ठियं।।*

*2. ससमय पर-समयागम-लिवि-*
*णिगय-छन्द-सद्दनिम्माओ।*
*दससु वि दिसासु जस्स*
*य अणुओगे (अणुवमो) भणइ जसपडहो।।*

*3. परसमयागम-निउणं सुसमिय-*
*सुसमण-समाहिमग्गणमयं।*
*जिणभद्द खमासमणं*
*खमासमणाणं निहाणमिव एकं।।*

मुनि चंद्रसूरि ने वीर वचनों के प्रति अगाध निष्ठाशील जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण को जिनमुद्रा के समान माना है।

*"वाक्यैः विशैषातिशयैर्विश्वसन्देहहारिभिः।*
*जिनमुद्रं जिनभद्रं किं क्षमाश्रमणं स्तुवे।।"*
*(अममचरित्र मुनिचंद्र सूरि)*

टीकाकार मलयगिरि ने जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण को ज्ञान का समुद्र कहा है। उन्होंने लिखा है—

*तं नमत बोधजलधिं गुणमन्दिरमखिलवाग्मिनां श्रेष्ठम्।।*
*(वृहत्क्षेत्र समास-वृत्ति)*

जिनभद्रगणी आगम के अद्वितीय व्याख्याता थे। आचार्य हेमचंद्र ने 'उपजिनभद्रक्षमाश्रमणाः व्याख्यातारः' (शब्दानुशासन, सूत्र 39) कहकर जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण के प्रति विशेष आदर भाव प्रकट किया है एवं व्याख्याकार आचार्यों में उनको उत्कृष्ट बताया है।

*भाष्य एवं भाष्यकार*

आगमों के व्याख्या ग्रंथों में निर्युक्ति के बाद भाष्य का क्रम आता है। निर्युक्तियों की भांति भाष्य पद्यबद्ध प्राकृत में है। निर्युक्तियां सांकेतिक भाषा में निबद्ध हैं। पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या करना उनका मुख्य प्रयोजन है। निर्युक्ति की अपेक्षा भाष्य अर्थ को अधिक स्पष्टता से प्रस्तुत करते हैं। बहुत बार आगमों के गूढ़ार्थ को समझने के लिए निर्युक्ति एवं निर्युक्ति को समझने के लिए भाष्य का सहारा लेना पड़ता है। निर्युक्ति के पारिभाषिक शब्दों में गुंफित अर्थ बाहुल्य के प्रकाशनार्थ भाष्य की रचना हुई, पर वे भी कहीं-कहीं संक्षिप्त होकर निर्युक्ति के साथ एक हो गए। अनेक स्थलों पर दोनों को पृथक् करना असंभव सा लगता है।

वर्तमान में दो भाष्यकारों के नाम उपलब्ध होते हैं—
*(1)* संघदासगणी *(2)* जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण

स्वर्गीय मुनिश्री पुण्यविजयजी ने चार भाष्यकारों के होने का अनुमान किया है। उनके अभिमत से संघदासगणी और जिनभद्रगणी इन दो भाष्यकारों के अतिरिक्त तृतीय भाष्यकार व्यवहार भाष्य आदि के प्रणेता और चतुर्थ भाष्यकार वृहत्कल्प वृहत् भाष्य के प्रणेता हुए हैं।

*अब तक दस भाष्य उपलब्ध हैं। उन भाष्य ग्रंथों* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 81* 📝

*शोभाचंदजी बैंगानी (प्रथम)*

*दुगोली काण्ड*

एक बार दुगोली के ठाकुर जोधसिंहजी का कोई आदमी बीदासर आया। बाजार से आवश्यक सामान खरीदता हुआ वह शोभाचंदजी की दुकान पर पहुंचा। वहां से अमल खरीदने लगा तो किसी बात को लेकर परस्पर कहासुनी हो गई। आगंतुक ने आवेश में आकर कुछ अपशब्द भी कह दिए। बैंगानीजी के आदमियों ने तब उसे धकेलकर दुकान से बाहर कर दिया और कहा— 'पहले बोलने की शिष्टता सीखकर आओ, पीछे यहां से माल खरीदना।'

उसने दुगोली जाकर ठाकुर को ऐसा सुलगाया कि उसके अपमान को उन्होंने अपना अपमान समझा और शोभाचंदजी से उसका बदला लेने को उद्यत हो गए।

एक दिन अचानक ही उन्होंने नई पोल पर धावा बोल दिया। शस्त्र-सज्ज कुछ व्यक्ति पोल के अंदर आए शोभाचंदजी के विषय में पूछने लगे। शायद वे उनका अपहरण करना चाहते थे। सौभाग्य से शोभाचंदजी घर पर नहीं मिले। उनके परिवार का अन्य कोई आदमी भी वहां नहीं मिला। घर पर केवल स्त्रियां ही थीं। वे उस स्थिति को भांप नहीं पाईं। खाली लौटने की अपेक्षा उन लोगों ने स्त्रियों का अपहरण कर लेना ही उचित समझा। स्त्रियों को जब स्थिति का पता चला तो उन्होंने घर के खंभों से बाथ भर ली। आक्रमणकारी उन्हें सहजतया वहां से हटा नहीं सके। तब अंगुलियों पर तलवार के मूठे मार-मार कर उन्हें खंभा छोड़ने को बाध्य किया। कुछ क्षणों में ही सारा काम हो गया। अड़ोस-पड़ोस को पता लगे उससे पूर्व तो वह उन्हें बलात् उठाकर ले ही गए। जाते समय चुनौती देते गए कि बैंगानियों की मूंछ में बल हो तो दुगोली अगर अपनी स्त्रियों को ले जाना। वहां आने पर हम उन्हें बोलने की शिष्टता भी अच्छी तरह से सिखा देंगे।

शोभाचंदजी को स्त्रियों के अपहरण का पता लगा तो वे क्रोध से भन्ना उठे। उन्होंने प्रतिज्ञा की कि जब तक दुगोली के गढ़ पर गधों से हल नहीं चलवा दूंगा तब तक अन्न का दाना भी मुंह में नहीं डालूंगा। उन्होंने उसी समय तेज से तेज वाहन पर अपने आदमी को चिट्ठी देकर बीकानेर नरेश के पास भेजा और सैनिक सहायता की मांग की। नरेश उन्हें मित्रवत् माना करते थे, अतः जितने सैनिकों की उन्होंने मांग की उतने ही पूरी शस्त्र-सज्जा सहित तत्काल वहां से रवाना कर दिए। उन्हें साथ लेकर शोभाचंदजी ने तीसरे ही दिन दुगोली को घेर लिया। गढ़ के सामने तोपें लगवाकर उन्होंने ठाकुर से कहलवाया कि या तो तत्काल गढ़ को खाली कर दो अन्यथा उसका दुष्परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ।

*क्या शोभाचंदजी दुगोली गढ़ पर गधों से हल चलवाने की अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण कर पाए...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sources

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  5. Terapanth
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