15.02.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 15.02.2018
Updated: 16.02.2018

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प्रश्न - क्या बाहुबली भगवान के शल्य थी? today picture:) live

उत्तर - शल्य नहीं थी, क्योंकि शल्य सहित मुनि के मन:पर्ययज्ञान व ऋद्धियाँ नहीं हो सकती हैं। बाहुबली स्वामी ध्यान में लीन थे, वे भावलिंगी मुनि थे, आदिपुराण भाग-२, पृ. २१३ से लेकर पृ.२१७ तक उनके ऋद्धियों का वर्णन है। हाँ, उनके किंचित् विकल्प कभी-कभी हो जाता था कि मेरे भाई को मुझसे क्लेश हो गया अत: यह सौहार्द भाव मन में आ जाता था, यही कारण है उनके निर्विकल्परूप शुक्लध्यान नहीं हो पाया था। श्री भरत के आते ही तथा निर्विकल्प ध्यान होते ही उन्हें केवलज्ञान प्रगट हो गया था।

-श्लोक-

संक्लिष्टो भरताधीश: सोऽस्मत्त इति यत्किल।

हृदस्य हार्दं तेनासीत् तत्पूजाऽपेक्षि केवलम्।।१८६।।
अर्थ - वह भरतेश्वर मुझसे संक्लेश को प्राप्त हुआ है अर्थात् मेरे निमित्त से उसे दुख पहुँचा है यह विचार बाहुबली के हृदय में विद्यमान रहता था, इसलिए केवलज्ञान ने भरत की पूजा की अपेक्षा की थी। अर्थात् उनके हृदय में भाई भरत के प्रति सौहार्द-स्नेहभाव आ जाता था।

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ऑस्टेलिया सरकार ने जैन समाज के सबसे प्रसीद तीर्थ पालीताना पर सिक्का जारी किया है जिस की कीमत 128 डॉलर है । ये लिमिटिड एडिशन कॉइन है जैनम जयति शासनं

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Sallekhana of Muni Sri 108 ShreySagar Ji

बाहुबली गोमटेश्वर भगवन #SharePls LIVE CLICK..

बाहुबली स्वामि, जगके नी स्वामि ॥
शान्तिय मुरुतिये, नमिपेवु अनुदिनवु॥
आदिनाथ-कुवरा,भरतन सोदरा ।
सोदरन गेद्देयल्ला,राज्यवन्ने कोटेयल्ला॥1॥
नोडे नी किरियव,आदे नी हिरियव ।
विवेक निन्नदागे,ताळमेय बाळागे॥2॥
शान्तिय वदना,कान्तिय निलवु ।
विश्वके आदर्शा,निन्नय दर्शनवु ॥3॥
बेळगुळ राजा,अगणित तेजा।
अरळिद कमलगळा, निन्नय पदयुगला ॥4॥

बाहुबली स्वामी जगत के स्वामी, शान्ति के मूर्ति, हर दिन आपको नमस्कार करते
आदिनाथ के लाडले, भरत के भाई, भाई को जीता, सारा राज्य वापिस दिया
देखो तुम थे छोटे, लेकिन होगये बड़े, आप में ही विवेक है, सब्र से जिए
शांति का सूचक है आप, पूराशरीर कांति का,विश्व में आदर्श है, आपका दर्शन
बेलगुल के राजा, अगणित आपका तेज, खिले हुए कमल पुष्प, आपके चरणों में अर्पित है!

O lord Bahubali, master of the world.
You are the personification of peace.
I bow to you everyday.

Your are the son of Adinatha,
Brother of Bharata,
(Defeated your brother, gave up your kingdom?) ॥1॥

Your face radiates peace,
Loveliness and beauty take refuge in you.
You are the ideal of the world.
I crave your darshana ॥3॥

You are the ruler of (Shravana) Belagola
Your lustre is immeasurable.
I wish to lay my head at your feet. ॥4॥

This is my rough translation based on guesswork. If any correction required, you are welcome!u

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