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*18/02/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2
का प्रवास
*तेरापंथ भवन के.वी. कुप्पम से 7 km का विहार करके जैन स्कूल विरीदीपुरम् पधारेगे*
गुडियातम-वैलुर रोड
☎9108075693
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*पुष्पाश्रय मे*
*दुबनकेरे* (कर्नाटक)
Mysore - Bangalore Road
☎9448385582
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*U Ramesh Chand*
24 Rajaji street *Tindivanam*
☎8107033307
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*श्री सुसवाणी माता मंदिर भवन* *विलिपुरम*
☎9566296874
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के*
*सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*इग्लिश मिडियम स्कूल*
*प्लासा*
भुवनेश्वर -विशाखापट्नम् रोड
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Sree Agastiya Temple*
No ER -391/91
Pudiyagoan
Tirupunitra(केरला) ☎9672039432,7907269421
9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
*Dhawspet School*
(कर्नाटक)
हिरियुर - बैगलौर हाईवे
☎7821050720,9558651374
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*शुगरमिल के पास छत्रम मे*
*वडपुदुपेट* (तमिलनाडु)
बैगलोर - चेन्नेइ हाईवे
☎8890788494
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*गोरीपटना से 12.5 km का विहार करके पंचायत भवन अर्चनापाल्यम् पधारेगे*
विशाखापट्नम् - चेन्नैइ रोड
☎7297958479,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 6* का प्रवास
*Maloo Apartment* *Rajarajeshwarinagar*
Bangalore (कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 19* का प्रवास
*नंदीग्राम से 11 कि.मी. विहार कर टेकाली पधारेंगे*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Binny Mills Villa No 10 North Town*
*Chennai* (तमिलनाडु)
☎8428020772,9444052840
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*वल्लवनाड मन्दिर*
*कन्नीकुई*
कोलम से कायाकुलम रोड
☎8875762662
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*मलेपलि से 11 km का विहार करके मधोवरम स्कूल में पधरेंगें*
बेलारी- रायचुर रोड
☎9845123211
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*संघ संवाद+संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*लादुलाल जी दक के निवास स्थान पर*
*डण्डीगीली से 8 km का विहार करके शिनकुली पधारेगे*
(कर्नाटक)
पाण्डुपुरा - मैसुर रोड
☎9601420513,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*पारसमल जी गादिया*
No 18 Kamal Kunj
1st main 1st cross
Sri Puram Extn
*Seshadripuram* Bangalore (कर्नाटक)
☎7798028703
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प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻
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Sangh Samvad
News, photos, posts, columns, blogs, audio, videos, magazines, bulletins etc.. regarding Jainism and it's reformist fast developing sect. - "Terapanth".
👉 जयपुर - शासन स्तंभ श्रद्धेय मंत्री मुनि श्री एवं शासन श्री साध्वी श्री मंगल प्रभाजी का आध्यात्मिक मिलन
👉 विजयनगर (बेंगलोर) - "प्रतिक्रमण जागरूकता कार्यशाला" आयोजित
👉 उधना, सूरत - मुनि श्री कमलकुमार जी, शासन श्री साध्वी श्री मधुबाला जी व शासन श्री साध्वी श्री सरस्वती जी का आध्यात्मिक मिलन
👉 उधना (सूरत) - शासन श्री साध्वी श्री मधुबाला जी एवं शासन श्री साध्वी श्री सरस्वती जी का आध्यात्मिक मिलन
👉 नागपुर - प्रतिक्रमण जागरूक कार्यशाला
प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙
📝 *श्रंखला -- 261* 📝
*जिनागम सिन्धु आचार्य जिनभद्रगणी*
*साहित्य*
गतांक से आगे...
*जीतकल्प भाष्य* इस भाष्य की रचना जीतकल्प सूत्र पर हुई। जीतकल्प सूत्र की रचना भी स्वयं जिनभद्रगणी ने की है। सूत्र की गाथाएं 103 और भाष्य की गाथाएं 2606 हैं। भाष्य के प्रारंभ में आगम, श्रुत, आज्ञा, धारणा और जीत इन पांच व्यवहारों का विस्तृत वर्णन है।
प्रायश्चित्त विधि का प्रतिपादन मुख्यतः जीत व्यवहार के आधार पर किया गया है। भाष्य में भाष्यकार का नाम नहीं है पर विषय को विस्तार से जानने के लिए भाष्यकार ने *'हेट्ठावस्सए भणियं'* इस पद में 'आवश्यक' की सूचना दी है। इससे विशेषावश्यक के भाष्यकार ही इस भाष्य के रचनाकार सिद्ध होते हैं।
टीकाकार तिलकाचार्य का उल्लेख है
*जिनभद्रगणिं स्तौमि क्षमाश्रमण मुत्तमम्।*
*यः श्रुताज्जीतमुद्दध्रे शौरिः सिन्धोः सुधामिव।।*
(आवश्यकवृत्ति, तिलकाचार्य)
वृहत्कल्प भाष्य, व्यवहार भाष्य, पंचकल्प भाष्य गाथाओं का संग्रह ग्रंथ यह जीतकल्प भाष्य है। जिनभद्रगणी ने जो भाष्य लिखे थे। उनका यह दूसरा भाष्य है।
*वृहत् संग्रहणी* इसमें जैन दर्शन सम्मत जीवों की गति, स्थिति, देव-नारकों के उपपात-विमान-भवन, अवगाहन एवं मनुष्य तथा तिर्यंचों की आयु आदि का वर्णन है। यह एक तात्त्विक रचना है। ग्रंथकार ने इस कृति का नाम संग्रहणी लिखा है। कई जैनाचार्यों ने इस प्रकार की संग्रहणी कृतियों की रचना की है। उनकी अपेक्षा से यह ग्रंथ पद्य परिमाण में विस्तृत है। इस हेतु इस ग्रंथ की प्रसिद्धि वृहत् संग्रहणी नाम से है।
इस ग्रंथ पर आचार्य मलयगिरि की टीका है। टीका के प्रारंभ में जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण को नमस्कार किया गया है। मलयगिरि के अनुसार इस ग्रंथ की मूल गाथाएं 353 हैं।
इस ग्रंथ पर आचार्य हरिभद्र की टीका भी है। यह जैन दर्शन की भूगोल-खगोल विषयक मान्यताओं का वर्णन करने वाला उत्तम संग्रह ग्रंथ है।
*वृहत् क्षेत्र समास* इस ग्रंथ के पांच प्रकरण एवं 656 गाथाएं हैं। जंबूद्वीप, लवण समुद्र, धातकीखंड, कालोदधि, पुष्करार्ध इन पांच प्रकरणों में जैन मान्यतानुसार द्वीपों तथा समुद्रों का वर्णन है। विषय के साथ गणितानुयोग भी चर्चित है। मलयगिरि आदि आचार्यों की इस पर टीकाएं हैं। क्षेत्र समास नाम की कई कृतियां हैं, उनमें वृहत् क्षेत्र समास नाम से प्रसिद्ध कृति निर्विवाद रूप से जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण की है। ग्रंथकार ने अपने इस ग्रंथ का नाम 'समय क्षेत्र समास' अथवा 'क्षेत्र समास प्रकरण' रखा पर अन्य कृतियों से वृहत् होने के कारण इस कृति की प्रसिद्धि 'वृहत् क्षेत्र समास' नाम से है।
*आचार्य जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण द्वारा रचित शेष साहित्यों* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।
📙 *'नींव के पत्थर'* 📙
📝 *श्रंखला -- 85* 📝
*लिछमणदासजी खारड़*
*दो भाई*
लाला लिछमणदासजी श्रीमाल जाति में खारड़ गोत्र के थे। उनके पिता का नाम जीवसुखराजजी था। उनके पूर्वज हरियाणा में रोहतक के पास मेहम गांव से उठकर जयपुर में बस गए थे। वे जवाहरात का काम किया करते थे। लिछमणदासजी के एक छोटे भाई हुकमचंदजी थे, जो कि षष्ठाचार्य माणकगणी के पिता थे। हुकमचंदजी अपने बड़े भाई के प्रति बहुत विनीत थे। शरीर संपदा उन्होंने बहुत अच्छी पाई थी। मल्लविद्या में विशेष रुचि रखते थे। अतः प्रतिदिन अखाड़े में जाकर बल आजमाया करते थे। कभी-कभी बाहर से आए हुए पहलवानों के साथ दंगल में भी भाग लिया करते थे। वे यह सब अपने बड़े भाई से छिपकर ही किया करते थे।
*हम जौहरी हैं*
एक बार फतह टीबा के मैदान में कोई दंगल हुआ। हुकमचंदजी भी उस में सम्मिलित हुए। लाला लिछमणदासजी को किसी के कहने से उक्त बात का पता लग गया। वे तत्काल वहां गए और उन्हें पुकारते हुए बोले— 'हुकमजी! अखाड़े से बाहर आ जाओ।'
हुकमचंदजी किसी पहलवान के साथ कुश्ती लड़ रहे थे। ज्योंही बड़े भाई के शब्द कानों में पड़े वे कुश्ती छोड़ कर बाहर आ गए। इस प्रकार मैदान छोड़ने से लोगों द्वारा किए गए व्यंगों की उन्होंने परवाह नहीं की।
लिछमणदासजी ने मीठा सा उपालंभ देते हुए कहा— 'हम जौहरी हैं। हमारा काम जवाहरात का है कुश्ती लड़ने का नहीं।' वे उन्हें अपने साथ ही शहर में ले आए। आगे के लिए उन्होंने विशेष सावधानी भी बरती कि उन्हें दंगल में भाग लेने का अवसर ही न मिले। वे उन्हें व्यापार के निमित्त बम्बई, सूरत आदि दूर के क्षेत्रों में भेजते रहते थे।
*छोटे भाई की मृत्यु*
संवत् 1914 में हुकमचंदजी को कार्यवश बम्बई भेजा गया। वहां से कार्य संपन्न कर वे जयपुर लौट रहे थे। जयपुर के समीपस्थ नगर सांगानेर तक वे सकुशल पहुंच भी चुके थे। परंतु वहां नदी के किनारे पर वे भील डाकुओं द्वारा लूट लिए गए और मार डाले गए। लिछमणदासजी को छोटे भाई की असामयिक मृत्यु से बहुत दुःख हुआ पर वे कर भी क्या सकते थे। दोनों परिवारों का समग्र भार उन्हें अकेले ही संभालना पड़ा। उन्होंने उस कर्त्तव्य को बहुत अच्छी तरह से निभाया। छोटे भाई के बाल-बच्चों का पालन-पोषण उन्होंने अपने बच्चों की तरह ही किया। माणकगणी को जो कि पिता की मृत्यु के समय लगभग दो वर्ष के ही थे, उनका विशेष प्यार प्राप्त हुआ। बड़े होने पर जब माणकगणी ने दीक्षित होने का विचार किया तब उन्हें लालाजी की आज्ञा बड़ी कठिनता से प्राप्त हुई थी। स्वयं जयाचार्य को उसमें अनेक प्रकार की प्रेरणा करनी पड़ी थी।
*धर्म प्रसारक*
लाला लिछमणदासजी बहुत अच्छे तत्त्वज्ञ श्रावक थे। उनकी धर्मनिष्ठा बहुत तीव्र थी। साधु-साध्वियों तथा आचार्यश्री की सेवा के प्रत्येक अवसर का वे अच्छा लाभ उठाया करते थे। प्रतिवर्ष जयाचार्य के दर्शनार्थ जाते और काफी लंबे समय तक सेवा में रहा करते। धर्म प्रसार में भी वे बहुत निपुण थे। जवाहरात का व्यापार होने के कारण बम्बई तथा सूरत आदि क्षेत्रों में उनका विशेष जाना आना रहता था। वहां वे अपने परिचित व्यक्तियों में न केवल व्यापारिक चर्चा ही किया करते थे अपितु अवसर मिलते ही धर्म चर्चा भी छेड़ देते। उन्होंने गुजरात के अनेक व्यक्तियों को समझाया था। आनंद भाई जो की सुप्रसिद्ध श्रावक मगन भाई के दादा थे, उन्हीं के समझाए हुए थे। गुजरात में तेरापंथ के स्थायित्व का आदि बीज श्रावक लिछमणदासजी ने बोया था। धर्म प्रसारक श्रावकों में उनका नाम अग्रस्थानीय कहा जा सकता है।
*विरागी श्रावक किशनलालजी पाटणी के प्रेरणादायी जीवन-वृत्त* के बारे में पढ़ेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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👉 फारबिसगंज - अभातेमम की संगठन यात्रा के अंतर्गत कन्या सुरक्षा सर्कल का उद्घाटन
👉 दक्षिण हावड़ा - प्लास्टिक फ्री इन्वायरमेंट
👉 इरोड - प्रतिक्रमण जागरुकता कार्यशाला का आयोजन
👉 धुलाबारी (नेपाल) - संगठन यात्रा
👉 अररिया - संगठन यात्रा
👉 दक्षिण हावड़ा - निर्माण--एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर
👉 पुणे - निर्माण एक नन्हा सा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम
👉 उधना, (सूरत) - करे दोषों का उच्छेदन, हो आत्म संशोधन विषयक कार्यशाला
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👉 अणुव्रत महासमिति द्वारा
अणुव्रत समितियो के लिए
*फरवरी माह का प्रकल्प*
🌀 प्रकल्प आयोजित करने का
सघन प्रयास काम्य है।
🍥 प्रस्तुति 🍥
*अणुव्रत सोशल मीडिया*
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News in Hindi
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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:
👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*
*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482
संप्रेषक: 🌻 *संघ संवाद* 🌻
👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ
प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम
👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "खारी" पधारेंगे
👉 आज का प्रवास - हाइस्कूल, खारी जिला - सुवर्णपुर (ओड़िशा)
प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*
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*चतुर्मास घोषणा*
👉 *आचार्य श्री महाश्रमण जी* ने महती कृपा करके *मुनि श्री विनय कुमार जी ‘आलोक’* का 2018 का चतुर्मास *'चंडीगढ़'* फरमाया है।
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