22.02.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 22.02.2018
Updated: 23.02.2018

Update

*सूरत में विराजित चरित्र आत्माओ के सम्भावित विहार/प्रवास सम्बन्धित सूचना -*

*दिनांक 23-02-2018*

*मुनि श्री संजयकुमारजी, मुनि श्री प्रसन्नकुमार जी* आदि ठाणा-4 A-201, रॉयल रिजेंसी, जूनी पानी की टंकी के पास (व्हाइट लोटस स्कूल के सामने) वेसु विराज रहे है।

*प्रातः कालीन: प्रवचन का समय: 9:15 से 10:15 बजे*

संपर्क सूत्र: क़ासिद: 74868 35128



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*मुनि श्री कमल कुमार जी* ठाणा 3 तेरापंथ भवन, सिटी लाइट विराज रहे है।

प्रवचन समय - प्रातः 9:00 से 10:15

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🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
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*'शासनश्री' साध्वी श्री सरस्वतीजी* आदि ठाणा 4 दिनांक 23 फरवरी 2018 शुक्रवार को सुबह 8 बजे मॉडल टाउन से विहार करके श्रीमान सम्पतजी खटेड H -1/103 नेचर वैली, कड़ोदरा रोड पधारेंगे।

*सुबह एवं शाम दोनो समय यथासंभव 9 से 10 प्रवचन होगा।*

संपर्क: नारायण क़ासिद 9408835666

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*'शासनश्री' साध्वी श्री पदमावतीजी* आदि ठाणा-4 दिनांक 23 फरवरी 2018 को प्रातः 8 बजे श्री चंपक भाई मेहता, नम्बर 30, आदर्श सोसाइटी, सेवंथ डे स्कूल के सामने, अठवा लाइन्स, सूरत से विहार करके श्री किशनलाल जैन, 204, धर्म पैलेस, सरगम शॉपिंग सेंटर के सामने, पारले पॉइंट, सूरत विराजेंगे।

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*'शासनश्री' साध्वी श्री मधुबालाजी* आदि ठाणा 5 तेरापंथ भवन, बसेरा सोसाइटी, कामरेज विराज रहे है।

संपर्क: 81284 81090

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*शासन श्री साध्वी ललीतप्रभाजी* ठाणा -4 महावीरजी कोठारी के नए घर 35, श्रीजी रो-हाउस, L.D.HIGH SCHOOL के सामने, सचिन विराज रहे है।

प्रवचन का समय - रात्रि 9 से 10

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🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
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प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

https://www.facebook.com/SanghSamvad/

*23/02/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2
का प्रवास
*S.S Jain Sthanak*
Beri Bakkali Street, *VELLORE*
बेगलौर- चेन्नैइ रोड
☎9108075693,9894694199
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*महावीर भवन*
*मधुर* (कर्नाटक)
Mysore - Bangalore Road
☎9448385582,9900946634
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*Esur village School*
*Center way to*
*Karunghuzhi*
*Thirukalikundram Road*
☎8107033307,9840130409
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Jain Prayer Hall*
72 Market Street, *Tirukkoyilur* 605757
☎9566296874
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के*
*सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*टोल नाका से विहार करके उत्तम जी के घर पर श्रीकाकुलम पधारेगें*
भुवनेश्वर -विशाखापट्नम् रोड
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Agastiya Hospital Tirupunitra se RAJESH Ji BHANDARI ke Ghar Eroor Ernakulam padharenge*
(केरला) ☎9672039432,7907269421
9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
*तेरापंथ भवन*
*होसुर* (तमिलनाडु)
☎7821050720,9558651374
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*ऊसूर गॉव से विहार करके गोल्डन टेंपल के पास गेस्ट हाऊस मे श्रीरामपुरम् वेलुर पधारेगे*
(तमिलनाडु)
बैगलोर - चेन्नेइ हाईवे
☎8890788494
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*गोविन्दपुर से 10.5 km का विहार करके इलुरगॉव आश्रम मे पधारेगे*
विशाखापट्नम् - चेन्नैइ रोड
☎7297958479,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*धनराज जी टाटीया के निवास स्थान पर*
*Maloo Apartment*
G-1 *Rajarajeshwarinagar*
Bangalore (कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*अरविन्द आश्रम से 13.5 km का विहार करके वाणी श्री विद्या पीठ बहमपुर बोर्डर पद्यारेगे*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎8917477918,9959037737
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 19* का प्रवास
*Z.P.H Budumuru High school से 14.कि.मी.विहार कर राधा गोविंद मंदिर रनस्तलम मे पधारेंगे*
भुवनेश्वर- विशाखापट्नम् रोड
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Binny Mills Villa No 10 North Town*
*Chennai* (तमिलनाडु)
☎8428020772,9444052840
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*Mattancherry se jain Bhavan TD Road Near convent junction* *Ernakulam padharenge*
☎8875762662,9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*पारस गार्डन रायचुर*
☎9845123211
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*संघ संवाद+संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*आलगुपे से 6 km का विहार करके वृन्दावन गार्डन KRS नगर पधारेगे* (कर्नाटक)
☎9601420513,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर Bangalore* (कर्नाटक)
☎7798028703
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sangh Samvad
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News in Hindi

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प्रस्तुति: *तेरापंथ नेटवर्क*

संप्रसारक: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 265* 📝

*पुण्यश्लोक आचार्य पात्रकेशरी (पात्रस्वामी)*

*जीवन-वृत्त*

पात्र केशरी वैदिक दर्शन के प्रकांड विद्वान् थे। अहिच्छत्र नगर में उस समय अवनिपाल का राज्य था। नरेश अवनिपाल के राज्य में वेद वेदांत के ज्ञाता, राज्य कार्य में सहयोग करने वाले 500 विद्वान् रहते थे। उनके अध्यक्ष पात्रकेशरी थे। वे ब्राह्मण परंपरा में प्रचलित संध्या वंदना आदि क्रियाओं को निरंतर निष्ठा से संपादित करते थे। अवनिपाल के राज्य में विप्र वंशाग्रणी पात्रकेशरी की नियुक्ति संभवतः महामात्य पद पर थी। ब्राह्मण समाज के सम्मानित एवं अहंकारी विद्वान् होते हुए भी स्थानीय पार्श्वनाथ मंदिर में उनका आवागमन था। एक दिन उन्होंने पार्श्वनाथ के चैत्यालय में चारित्रभूषण मुनि के मुख से समंतभद्र द्वारा विरचित देवागम स्तोत्र का पाठ सुना। उन्हें पाठ अत्यंत रुचिकर लगा। उन्होंने चारित्रभूषण मुनि से स्तोत्र पाठ का अर्थ जानना चाहा, पर अर्थ समझाने में चारित्रभूषण मुन्नी असमर्थ थे। शीघ्रग्राही बुद्धि के कारण उनसे एक बार पुनः स्तोत्र पाठ सुनकर पात्रकेशरी ने उसे कंठस्थ कर लिया। स्तोत्र गंभीर था। उस पर पात्रकेशरी एकाग्रता से चिंतन करने लगे। जैसे-जैसे उन्हें स्तोत्र पाठ का अर्थ बोध होता गया, वैसे-वैसे जैन धर्म के प्रति उनकी आस्था दृढ़ होती गई। स्तोत्र पाठ का संपूर्ण अर्थ जान लेने के पश्चात उन्हें जैन धर्म का सम्यक ज्ञान हुआ, पर अनुमान विषयक हेतु लक्षण में वे उलझ गए। पुनः-पुनः उसे समझने का प्रयत्न किया पर यथार्थ बोध नहीं हुआ। पैर में चुभे कांटे की तरह हेतु लक्षण संबंधी संदिग्धता उन्हें खलने लगी एवं उनके दिल को कचोटने लगी। चिंतन करते-करते वे नींद में सो गए। रात्रि के समय पद्मावती देवी ने प्रकट होकर कहा— "पंडितवर्य! खिन्न मत बनो। तुम्हारी शंका का समाधान तुम्हें कल चैत्यालय में प्राप्त होगा।" देवी अदृश्य हो गई। प्रभात के समय पंडित पात्रकेशरी उठे। चैत्यालय में गए। उन्हें पार्श्वनाथ मूर्ति के फण पर एक कारिका लिखी मिली। वह इस प्रकार थी—

*"अन्यथानुपपन्नत्वं यत्र तत्र त्रयेण किम्।*
*नान्यथानुपपन्नत्वं यत्र तत्र त्रयेण किम्।।"*

इस कारिका को पढ़ लेने के पश्चात् हेतु के लक्षण का स्वरूप सम्यक् प्रकार से उनकी समझ में आ गया। जैन दर्शन के प्रति उनके हृदय में अगाध आस्था भाव जगा। विप्रवंशाग्रणी विद्वान् पात्रकेशरी द्वारा जैन धर्म स्वीकार करने पर ब्राह्मण समाज में ऊहापोह होना स्वाभाविक था, वह हुआ। चर्चाएं चलीं। जैन धर्म की वैज्ञानिक व्याख्या से पात्रकेशरी ने उनको निरुत्तर कर दिया। महामात्य पद का परित्याग कर पात्रकेशरी जैन मुनि बने एवं द्रमिल संघ के प्रभावक आचार्य हुए।

आचार्य जिनसेन ने आचार्य पात्रकेशरी की योग्यता को भट्ट अकलङ्क के समकक्ष माना है। उन्होंने आदि पुराण में लिखा है—

*भट्टाकलङ्कश्रीपालपात्रकेशरिणां गुणाः।*
*विदुषां हृदयारूढा हारायन्तेऽतिनिर्मलाः।।153।।*

भट्ट अकलंक, श्रीपाल और पात्रकेशरी इन आचार्यों के निर्मल गुण विद्वज्जनों के हृदय पर हार की तरह सुशोभित होते हैं।

कुछ वर्षों पूर्व विद्यानंद का ही दूसरा नाम पात्रस्वामी या पात्रकेशरी समझा जाता था। परंतु वर्तमान में इतिहास गवेषक पंडित जुगलकिशोरजी मुख्तार ने 'विद्यानंद और पात्रकेशरी' निबंध में दोनों की भिन्नता को विविध युक्तियों से साधार प्रमाणित किया है।

*पुण्यश्लोक आचार्य पात्रकेशरी (पात्रस्वामी) द्वारा रचित साहित्य* के के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 89* 📝

*पनराजजी लूणिया*

*श्मशान में*

कुछ दिन सेवा कर लेने के पश्चात् जब वे पुनः जयपुर पहुंचे तब उनके सम्मुख यह बात एक समस्या के रूप में खड़ी हो गई कि वे अब अपने मित्रों से क्या कहें? उन्होंने एक उपाय निकाला। जब मित्रों के आगमन का समय हुआ तब उससे पूर्व ही श्मशान भूमि में जाकर उन्होंने सामायिक ग्रहण कर ली और ध्यानस्थ हो गए। कुछ दिन तक ऐसा करते रहने से उस मित्र मंडली ने अपनी बैठक कहीं अन्यत्र जमा ली। फलतः वे उस संगत से सहज ही मुक्त हो गए।

*मौन ही श्रेयस्कर*

एक बार वे श्मशान भूमि में सामायिक ग्रहण कर ध्यानस्थ बैठे थे। उसी समय एक जुआरी मित्र वहां आया। वह जुए में सब कुछ खो चुका था। उसे तत्काल रुपयों की आवश्यकता थी, पर स्थिति यह थी कि उसे कोई उधार देने तक को उद्यत नहीं था। अनन्योपाय होकर ही वह वहां आया था। उसने उनकी अंगुली में पहनी हुई हीरे की अंगूठी निकाल ली। जाते समय उन्हें धर्म और गुरु की सौगंध दिला दी कि यह बात किसी तीसरे व्यक्ति के सम्मुख मत कहना। वह व्यक्ति वहां से जोधपुर चला गया। पनराजजी भी सामायिक आने पर ध्यान पार कर चुपचाप घर वापस आ गए। उन्होंने अंगूठी की कहीं कोई चर्चा नहीं की। किंतु वह छिपने वाली बात थोड़ी ही थी। घरवालों ने जब उनकी अंगुली में अंगूठी नहीं देखी तो चट से पूछ लिया कि आज अंगूठी कहां गई? पनराजजी लाठी और भींत के बीच में आ गए। वे यह निर्णय नहीं कर पाए कि उस विषय में क्या कहा जाए और क्या नहीं? आखिर उन्होंने मौन रहना ही श्रेयस्कर समझा।

घरवालों ने उनके मौन का अर्थ लगाया कि अवश्य ही आज उन्होंने जुआ खेला है और अंगूठी हार आए हैं। अंगूठी बीस हजार की थी अतः पुत्र और मुनीम आदि सभी चिंतित हो गए।

एकांत अवसर मिलते ही पत्नी ने भी पनराजजी से वही बात पूछी। विवशता वश वहां भी उन्हें मौन रहना पड़ा। जुआ खेलने का संदेह तब विश्वास में परिणत हो गया।

*पनराजजी पर से घरवालों का यह संदेह कैसे दूर हुआ...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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Video

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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:

👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*

*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482

संप्रेषक: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

https://goo.gl/maps/ovsMw8LE4j52
👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "धुबालपारा" पधारेंगे

👉 आज का प्रवास - यू.जी.एम.ई. स्कूल, धुबालपारा जिला - बलांगीर (ओड़िशा)

प्रस्तुति - *संघ संवाद*

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*प्रेक्षाध्यान जिज्ञासा समाधान श्रृंखला*

उद्देश्य - साधकों के मन में उठने वाली जिज्ञासाओं का समाधान ।

*स्वयं प्रेक्षा ध्यान प्रयोग से लाभान्वित हो व अन्यो को भी लाभान्वित करे ।*

🙏🏼
*प्रेक्षा फाउंडेशन*

प्रसारक - *संघ संवाद*

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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sources

Sangh Samvad
SS
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  2. Jainism
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