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ॐ अर्हम
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📣 #कांटाबांजी पदार्पण पर #भव्य_स्वागत
#अहिंसा_यात्रा प्रणेता #आचार्य_श्री_महाश्रमण जी का होली चातुर्मास हेतु तीन दिवसीय प्रवास के लिए कांटाबांजी (#ओडिशा) में मंगल पदार्पण हुआ। श्रद्धालुओं ने भव्य जुलूस के साथ गुरुवर का स्वागत किया। आचार्यवर की पावन सन्निधि से आज की नयनाभिराम झलकियां। 🎥
27.02.2018
प्रस्तुति > The Media Center
#तेरापंथ #Jain #AcharyaMahashraman #Terapanth #Odisha #Ahimsayatra #Cuttack #tmc #video #amritvani #share #Kantabanji
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उमंग, उत्साह और उल्लास से लबरेज #कांटाबाजी में शांतिदूत का मंगल प्रवेश
-#होली चतुर्मास सहित तीन दिवसीय प्रवास के लिए आलिशान पैलेस एंड रिसोर्ट में पहुंचे #आचार्य_श्री_महाश्रमण
-भव्य विशाल जुलूस में #विधायक, पूर्व विधायक सहित अन्य गणमान्य भी रहे शामिल
27.02.2018 कांटाबांजी, #बलांगीर (#ओड़िशा):- लगभग #48_वर्षों से जिस घड़ी की इंतजार था वह आखिकार मंगलवार को आ ही गई। लगभग पांच दशकों से प्यासी अंखियों को दर्शन का लाभ मिला तो सूखे हृदय में आस्था के ज्वार उमड़ पड़ा और इस तरह भावनाओं के ज्वार। भावनाओं का ज्वार लिए कांटाबांजी व आसपास के #जैन, अजैन का भेद मिटाते सद्भावना की झलक लिए हुए मानवों का महासमुद्र लहरा उठा और स्वयं जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, महातपस्वी, अखंड परिव्राजक आचार्यश्री महाश्रमणजी के चरणकमल को धोने को पहुंच गया उनकी पावन सन्निधि में।
जी हां! एक ऐसा ही भव्य दृश्य मंगलवार को उपस्थित था स्टेट हाइवे 42 पर जो बलांगीर से कांटाबाजी को जोड़ती है। दरअसल मंगलवार की प्रातः से ही पूरे कांटाबांजी शहर में मानों एक स्वर्णिम सूर्योदय हुआ था। चारों ओर उमंग, उत्साह और उल्लास का वातावरण था। क्या जैन और क्या अजैन, न कोई जाति न कोई संप्रदाय सभी में एक जैसा उमंग, उत्साह और उल्लास। यह सद्भावना का वातावरण बना था लगभग 48 वर्षों बाद पश्चिम ओड़िशा की इस धरा पर जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्यश्री महाश्रमणजी के आगमन को लेकर। महातपस्वी, अखंड परिव्राजक और शांतिदूत के नाम से प्रसिद्धि को प्राप्त आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी अहिंसा यात्रा संग मंगलवार को कांटाबांजी में होली चतुर्मास सहित त्रिदिवसीय प्रवास को पधार रहे थे। आचार्यश्री की अहिंसा यात्रा के प्रथम उद्देश्य सद्भावना कांटाबांजी में सार्थक हो रहा था। कांटाबांजी से चार किलोमीटर दूर स्थित सालण्डी के श्याम राइस मील से प्रातः के निर्धारित समय पर आचार्यश्री ने मंगल प्रस्थान किया तो वहीं सैंकड़ों की संख्या में उत्साही #श्रद्धालु साथ चल पड़े जो अपने आराध्य की अगवानी में पहुंच चुके थे। जयघोषों से वातावरण को गुंजायमान करते श्रद्धालुओं की बुलंद आवाज उनके आंतरिक भावों को प्रकट कर रही थी। जैसे-जैसे आचार्यश्री नगर के निकट होते जा रहे थे, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही थी।
नगर के प्रवेश द्वार पर हृदय में आस्था का ज्वार लिए पूरा कांटाबांजी सहित अन्य क्षेत्रों के श्रद्धालुओं का समुद्र ही मानों खड़ा था, जो महातपस्वी की चरणवंदना के लिए अपने भावनाओं का जल लिए खड़ा था। विभिन्न सभा, संस्थाओं और संगठनों के कार्यकर्ता, कार्यकत्रियां अपने-अपने गणवेश में अपनी-अपनी संस्था की ओर आचार्यश्री के स्वागतार्थ खड़े थे। इसके साथ ही क्षेत्रीय वर्तमान विधायक श्री हाजी मोहम्मद आयूब खान, पूर्व विधायक श्री संतोष सिंह शालूजा आदि सहित अन्य गणमान्य भी आचार्यश्री के स्वागतार्थ उपस्थित थे। आचार्यश्री के प्रवेश द्वार पर पधारते ही बुलंद जयघोषों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। सभी पर समान रूप से आशीष वृष्टि करते मनमोहक मुस्कान लिए आगे बढ़ते आचार्यश्री आगे बढ़े तो उनके साथ बढ़ चला भव्य जुलूस और श्रद्धालुओं का विशाल कारवां। कुछ देर के लिए स्टेट हाइवे संख्या 42 पूरी तरह से वाहनों से रहित हो गया और जनाकीर्ण बन गया। भव्य और विशाल जुलूस के साथ आचार्यश्री कांटाबांजी स्थित आलिशान पैलेस रिसोर्ट में पधारे।
प्रवास स्थल से सौ मीटर की दूरी पर इसी परिसर में बने प्रवचन पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम मुख्यनियोजिकाजी तथा महाश्रमणी साध्वीप्रमुखाजी के मंगल उद्बोधन को श्रवण करने का अवसर प्राप्त हुआ। उसके उपरान्त आचार्यश्री महाश्रमणजी ने कांटाबांजी श्रद्धालुओं को अपनी अमृतवाणी का रसपान कराते हुए कहा कि हमारी आत्मा वर्तमान में शुद्ध नहीं है। शुद्ध आत्मा सिद्धत्व को प्राप्त कर लेती है। सिद्धत्व को प्राप्त आत्मा जन्म-मरण के चक्कर से मुक्त हो जाती है। आत्मा चार कारणों से विशुद्धि को प्राप्त हो सकती है- लज्जा, दया, संयम तथा ब्रह्मचर्य। ये चारों जिस मनुष्य के भावनाओं में समाहित होते हैं उसकी आत्मा विशुद्धि को प्राप्त कर सकती है। आचार्यश्री ने मंगल प्रवचन के उपरान्त उपस्थित श्रद्धालुओं को अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी स्वीकार करवाई।
अपने आराध्य के स्वागत में सर्वप्रथम कांटाबांजी तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री रायचंद जैन, पश्चिम ओड़िशा प्रान्तीय सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री छत्रपाल जैन ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आलिशान पैलेस के मालिक श्री केशव लाल अग्रवाल ने भी अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। कांटाबांजी तेरापंथ महिला मंडल व युवक परिषद ने पृथक-पृथक स्वागत गीत के माध्यम से अपने आराध्य के अभिवंदना की। स्थानकवासी समाज की ओर से श्रीमती दुर्गा ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला के बच्चों ने मोहक प्रस्तुति दी। पश्चिम ओड़िशा प्रान्तीय सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री छत्रपाल जैन ने भी अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए।
कांटाबांजी क्षेत्र के वर्तमान विधायक हाजी मोहम्मद आयुब खान ने कहा कि मानव कल्याण का लक्ष्य लेकर पांव-पांव चलते हुए आज आचार्यश्री महाश्रमणजी जैसे यशस्वी संत का हमारे कांटाबांजी में आगमन हुआ है। मैं उनका तहेदिल से इस्तकबाल करता हूं। मैं अपने आपको बहुत भाग्यशाली मानता हूं जो आपके इस आगमन के अवसर पर मुझे स्वागत करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। मैं आपकी सेवा में बिहार के किशनगंज और नेपाल भी पहुंचा हूं भी कितने मौके मिले, किन्तु आज अपने क्षेत्र में दर्शन कर स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। आज आपसे जो तीनों संकल्प स्वीकार किए हैं, उनका आजीवन पालन करने की कोशिश करूंगा।
पूर्व विधायक श्री संतोष सिंह शालूजा ने आचार्यश्री के स्वागत में अपने भावों को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि आज कांटाबांजी की धरती आचार्यश्री महाश्रमणजी के चरणरज को प्राप्त कर पवित्र हो गई है। आचार्यश्री की यह अहिंसा यात्रा राष्ट्र और विश्वहित के लिए है। कांटाबांजी के लोगों में बहुत अच्छी भावना है। सभी समाज के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। आपसी सौहार्द इतना है कि अन्य समाज के लोग भी जैन धर्म की अठाई और मासखमण जैसी तपस्याएं भी करते हैं। आप ने आज तक जितनी पदयात्रा की है, वह आदमी के कल्पनाओं से भी दूर की बात है। ऐसा कार्य केवल भगवान ही कर सकते हैं और मैं आपको स्वयं भगवान ही मानता हूं। मैं आपका अपनी धरा पर बारम्बार स्वागत-अभिनन्दन करता हूं। नवापारा के पूर्व विधायक श्री राजू भाई ढोलकिया ने भी आचार्यश्री की अभिवंदना में अपने भावों को अभिव्यक्त किया। पुरी के कलेक्टर श्री अरविन्द अग्रवाल अपने भावों को अभिव्यक्ति दी और आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्यश्री के स्वागत में कुछ लोगों ने तपस्याओं का भी प्रत्याख्यान किया। आचार्यश्री ने सभी को पावन आशीर्वाद प्रदान किया।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी #महासभा
27.02.2018
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★ महावीर चित्रकला प्रतियोगिता।
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26.02.2018
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News in Hindi
🙏 #जय_जिनेन्द्र सा 🙏
दिनांक- 27-02-2018
तिथि: - #फाल्गुन #शुक्ल #बारस (12)
#मंगलवार का त्याग/#पचखाण
★आज #दहीबड़े खाने का #त्याग करे।
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जय जिनेन्द्र
#प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं। सभी से #निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग अवश्य करे। छोटे छोटे #त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की #आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
#jain #jaindharam #terapanth
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🙏 THE MEDIA CENTER 🙏
🔯 गुरुवर की अमृत वाणी 🔯
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