13.03.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 13.03.2018
Updated: 14.03.2018

Update

आज क्षमासागर महाराज जी के समाधि पर, उनके द्वारा कुछ अच्छे विचार share कर रहा हूं। जिन विचारो से मैने बहुत कुछ सीखा, और भावना भाता हूं कि जीवन भर महाराज जी के उपदेश मेरा मार्ग दर्शन करते रहें।

1. जो अपनी उपस्थिति को अलग से प्रकट नहीं करना चाहता, जो सबके बीच उन सबमें मिलकर के वातावरण को सुगन्धित बनाकर के अपना जीवन जीने की भावना रखता है, वास्तव में वो अपने जीवन से अहंकार हटा करके विनय और मृदुता को अपने जीवन का श्रंगार बनाता है।

2. अपने को बहुत विशिष्ट और असाधारण मानकर विनय नहीं आ सकती। अपने को बहुत साधारण और सामान्य मानकर ही सम्भव है कि हमारे भीतर विनय आ सके।

3. मैं अपने को चार लोगों के बीच में विशिष्ट मानूं - ये बात अच्छी नहीं है। विशिष्ट होना बुरा नहीं है किन्तु विशिष्टा की आकांक्षा या विशिष्ट कहलाने का जो भाव है वह हमारे अन्दर अहंकार उत्पन्न करता है।

4. “क्रोध का एक ही कारण है - अपेक्षा। जिसकी जितनी ज्यादा अपेक्षा है वह तुरन्त ही उतने ज्यादा क्रोध में गिर जायेगा।"

5. “जो जितना सामर्थ्यवान होगा वह उतना ही क्षमावान भी होगा, जो जितना क्रोध करेगा, मानियेगा वह उतना ही कमजोर होगा।”

6. लगता यह है कि जो जितना terror create (आतंक) करके रखता है वह उतना ही सशक्त और बलवान है लेकिन जो जितना प्रेमपूर्वक अपने जीवन को जीता है वह उतना ही सशक्त और बलवान है।

7. ’मेरे पास बहुत कुछ है, मुझे और नहीं चाहिये’ यह सन्तोष है। जो भी कुछ मिलता है उसमें सन्तोष नहीं होता, इसी का नाम लोभ है।

8. मन की कलुषता हटाने का बहुत सा आसान उपाय है - हम हमेशा भलाई के काम करते रहें। दूसरा कोई हमारे साथ बुरा भी करे, फ़िर भी हम उसका बुरा ना चाहें।

9. मेरे को धन की जितनी आवश्यकता है उतना रख लूं उसके अलावा की आसक्ति ना रखूं।

10. बाह्य वातावरण से जितनी जल्दी हो सामंजस्य बना लेना चाहिये! कर्मों के उदय मे यह स्थिति गड़बड़ा जाती है! सामंजस्य नही रह पाता! या तो बहुत हर्षित हो जाते हैं या कि विषाद कर लेते हैं! दोनों ही चीजें हो जाती हैं,दोनों ही सामंजस्य नही हैं! सदभाव और अभाव दोनों ही स्थिति मे सामंजस्य बना कर रखना!

Source: © Facebook

चान्दनपुर के टीले वाले बाबा.. महावीर जी की पल पल की जानकारी और update के लिए.. ज्वाइन करे @ Amazing Page to join! • Shree Mahaveer Ji •

चान्दनपुर के गाँव में बुलाले वीरा, ओह मैं तो दर्शन करने आऊंगा....
दर्शन करने आऊंगा...ओह तेरा वंदन करने आऊंगा...
अपनी शरण में मुझको बुलाले वेरा..ओह मैं तेरे जैसा स्वरुप पाउँगा...

Source: © Facebook

Shree Mahaveer Ji
Trust: Shri Digambar Jain Atishaya Kshetra, Post: Shri Mahavirji (Chandanpur), Karauli district, State: Rajasthan, India.

Update

आज क्षमासागर महाराज जी के समाधि पर, उनके द्वारा कुछ अच्छे विचार share कर रहा हूं। जिन विचारो से मैने बहुत कुछ सीखा, और भावना भाता हूं कि जीवन भर महाराज जी के उपदेश मेरा मार्ग दर्शन करते रहें।

1. जो अपनी उपस्थिति को अलग से प्रकट नहीं करना चाहता, जो सबके बीच उन सबमें मिलकर के वातावरण को सुगन्धित बनाकर के अपना जीवन जीने की भावना रखता है, वास्तव में वो अपने जीवन से अहंकार हटा करके विनय और मृदुता को अपने जीवन का श्रंगार बनाता है।

2. अपने को बहुत विशिष्ट और असाधारण मानकर विनय नहीं आ सकती। अपने को बहुत साधारण और सामान्य मानकर ही सम्भव है कि हमारे भीतर विनय आ सके।

3. मैं अपने को चार लोगों के बीच में विशिष्ट मानूं - ये बात अच्छी नहीं है। विशिष्ट होना बुरा नहीं है किन्तु विशिष्टा की आकांक्षा या विशिष्ट कहलाने का जो भाव है वह हमारे अन्दर अहंकार उत्पन्न करता है।

4. “क्रोध का एक ही कारण है - अपेक्षा। जिसकी जितनी ज्यादा अपेक्षा है वह तुरन्त ही उतने ज्यादा क्रोध में गिर जायेगा।"

5. “जो जितना सामर्थ्यवान होगा वह उतना ही क्षमावान भी होगा, जो जितना क्रोध करेगा, मानियेगा वह उतना ही कमजोर होगा।”

6. लगता यह है कि जो जितना terror create (आतंक) करके रखता है वह उतना ही सशक्त और बलवान है लेकिन जो जितना प्रेमपूर्वक अपने जीवन को जीता है वह उतना ही सशक्त और बलवान है।

7. ’मेरे पास बहुत कुछ है, मुझे और नहीं चाहिये’ यह सन्तोष है। जो भी कुछ मिलता है उसमें सन्तोष नहीं होता, इसी का नाम लोभ है।

8. मन की कलुषता हटाने का बहुत सा आसान उपाय है - हम हमेशा भलाई के काम करते रहें। दूसरा कोई हमारे साथ बुरा भी करे, फ़िर भी हम उसका बुरा ना चाहें।

9. मेरे को धन की जितनी आवश्यकता है उतना रख लूं उसके अलावा की आसक्ति ना रखूं।

10. बाह्य वातावरण से जितनी जल्दी हो सामंजस्य बना लेना चाहिये! कर्मों के उदय मे यह स्थिति गड़बड़ा जाती है! सामंजस्य नही रह पाता! या तो बहुत हर्षित हो जाते हैं या कि विषाद कर लेते हैं! दोनों ही चीजें हो जाती हैं,दोनों ही सामंजस्य नही हैं! सदभाव और अभाव दोनों ही स्थिति मे सामंजस्य बना कर रखना!

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दर्शन करने आऊंगा...ओह तेरा वंदन करने आऊंगा...
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Update

Anand Jain posted as IGP headquarters J&K
आनंद जैन जम्मु -कश्मीर के पुलिस महासंचालक बने

Jammu and Kashmir government on Monday ordered the posting of Anand Jain as inspector general of police headquarters, PHQ.

He has come in place of Daljit Singh Chaudhary a 1990 batch Uttar Pradesh cadre IPS officer, who was relieved from his posting at MHA.

Congrats बधाई!

#Jains #Jain_Community #Police #Jammu_Kasmir

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वीतरागि जिनवर

इच्छा मृत्यु नहीं

अनंत इच्छाओं की मृत्यु चाहिए।

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News in Hindi

true wisdom 🙃

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*मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज का चौथा समाधि दिवस*

मुनिश्री 108 क्षमा सागर जी महाराज ने अपना जीवन तो धन्य किया ही साथ ही हम जैसे सैंकड़ो अनेकों का जीवन भी बदला है।



यद्यपि जीवन के प्रत्येक श्वास से मुनि श्री के प्रति श्रद्धा नि:सृत होती है फिर भी विशेष अवसरों पर विशेष/सामूहिक/उत्सव रूप कार्यक्रम करके हम अपनी श्रद्धान विशुद्धि को अभिवृद्ध कर सकते हैं।



मुनि श्री के जीवन परिचय के कुछ कार्यक्रम 13 मार्च, मंगलवार को *जिनवाणी* एवं *पारस* चैनल पर प्रसारित होंगे।
आप भी देखें और परिजन, विशेष रूप से बच्चों को देखने हेतु प्रेरित करें।

*लघु वृतचित्र*
प्रातः 11 बजे (जिनवाणी चैनल पर)
और पुनःप्रसारण
अपरान्ह 01:40 बजे (जिनवाणी चैनल पर)

*दीर्घ वृतचित्र*
प्रातः 10:30 बजे (पारस चैनल पर)
अपरान्ह 03:40 बजे (जिनवाणी चैनल पर)
और पुनःप्रसारण
अपरान्ह 02:20 बजे (पारस चैनल पर)
रात्रि 08:40 बजे (जिनवाणी चैनल पर)

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