07.05.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 07.05.2018
Updated: 15.05.2018

News in Hindi

*नवीन चतुर्मास घोषणा*:

पूज्य गुरुदेव *आचार्य श्री* *महाश्रमण जी* ने महती कृपा कर *'शासन श्री' साध्वी श्री अशोकश्री जी* का आगामी *2018 का चतुर्मास 'गांधीनगर, दिल्ली'* फरमाया है।

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

https://www.facebook.com/SanghSamvad/

🌈 *08/05/2018 मुनि वृन्द एवं साध्वी वृन्द के दक्षिण भारत में सम्भावित विहार/ प्रवास सबंधित सूचना* 🌈
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री धर्मरूचि जी ठाणा 4 का प्रवास*
*तेरापंथ सभा भवन*
*साहूकारपेट,चेन्नई*
☎ *8910991981*
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री मुनिसुव्रत कुमार जी ठाणा 2* *का प्रवास*
*साईं बाबा मंदिर*
*अब्दुल्लापुरम*
(बेंगलुरु - चेन्नई हाईवे)
☎ 9602007283,
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*लक्ष्मीलाल जी पवनकुमार जी कोठारी निवास स्थान पर* D/N-14th main road,3rd block Rajajinager Bangalore
☎ 9448385582,9845947910
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3 का प्रवास*
Gingee se 12 km ka bihaar kar ke Raja Desing school Sathyamangalam
Padarege
*(मेलचीतामुर-तुरुवनन्नामलाई रोड)*
☎ 8107033307,9443349920
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ. मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
*Sayar automotive* Chennai highway perumugai *Vellore*
☎9566296874,9655246521
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २ का प्रवास*
विनोद जी कोठारी के निवास स्थान से स्थानक वाली गली पनीरसेल्वम हॉस्पिटल के पास से प्रातः 06:25 बजे 15 km का विहार करके *बर्लियार* पधारेंगे
☎ 9629588016,7200690967
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔹 *आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
*जैन स्थानक*
*आरकोणम*
☎ *8072609493*
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*संघ संवाद + संध संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितीय' ठाणा ५ का प्रवास*
*मदनलाल जी राकेश कुमार जी बाफना के निवास स्थान पर*
*Pattalam,Chenni-12*
☎ *7010319801*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4 का प्रवास*
*तेरापंथ भवन*
*तंडियारपेठ, चैनैइ*
☎ *7044937375,9841098916*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या शासन श्री साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*अर्हम भवन विजयनगर, बेंगलुरु*
☎ *9784755524*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमलप्रज्ञा जी ठाणा 6 का प्रवास*
*तेरापंथ भवन-ट्रिप्लिकेन*
☎ 9051582096
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी आदि ठाणा का प्रवास*
*अभिषेक जी सुराना*
29/A Ranganathan Avenue Road Opp Millers Road Kilpauk-Chennai-1
☎ 8428020772,9884700393
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4 का प्रवास*
*Krishnanagar*
*वैलुर*
☎ 9488921371,9043551759
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4 का प्रवास*
*तेरापंथ सभा भवन*
*सिंधनूर*
☎ *8830043723*
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*संघ संवाद + संघ संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*तेरापंथ सभा भवन*
*Mandya*
☎ *9844474113*
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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🔸 *आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मधुस्मिता जी ठाणा 6 का प्रवास*
*सुरेश जी भुतेडा के निवास स्थान पर*
*Upahar Darshini Hotel Ke Samne*
*3RD Block Jaynagar,*
*Bangalore (कर्नाटक)*
☎ *7798028703*
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📲 *जितेन्द्र घोषल*: *9844295823*
📲 *मंजु गेलडा*: *9841453611*
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*प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻
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Sangh Samvad
News, photos, posts, columns, blogs, audio, videos, magazines, bulletins etc.. regarding Jainism and it's reformist fast developing sect. - "Terapanth".

👉 पट्टालम, चेन्नई: साध्वी वृन्द का "आध्यात्मिक मिलन"
👉 जींद - जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
👉 जावद - अभिनंदन एवं मंगल भावना समारोह आयोजित
👉 कोटा - आध्यात्मिक मंगल प्रवेश् एवं स्वागत समारोह कार्यक्रम आयोजित
👉 राजगढ़ - सघन नशामुक्ति अभियान पर कार्यशाला का आयोजन
👉 राजराजेश्वरीनगर, (बेंगलुरु) आचार्य श्री तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर एवं डेंटल केयर का भव्य शुभारंभ
👉 जयपुर शहर - वृहद मेडिकल कैंप, फैट एनैलिस्ट एवं मेरा पेशेंट एप का आयोजन
👉 जयपुर - ज्ञानशाला संप्रेरणा कार्यशाला का आयोजन
👉 जयपुर - प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन
👉 सुअरमार (छत्तीसगढ़) - मंगल प्रवेश एवं स्वागत अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित
👉 पीलीबंगा - एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर
👉 कोयम्बत्तूर - CRPF के जवानों को संतों का उद्बोधन

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य* 📙

📝 *श्रंखला -- 318* 📝

*गणनायक आचार्य गुणभद्र*

*साहित्य*

आचार्य गुणभद्र की मेधा प्रखर थी। उन्होंने अधिक काव्यों की रचना नहीं की, परंतु जितने काव्यों की रचना की है वे काव्याङ्गों से परिपूर्ण एवं उच्च कोटि के हैं। वर्तमान में गुणभद्राचार्य की तीन रचनाएं उपलब्ध हैं, जिनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है—

*उत्तरपुराण* आचार्य गुणभद्र द्वारा रचित इस रचना की भाषा हृदयग्राही और सरल है। यह ग्रंथ लगभग 8000 श्लोकों में संपन्न हुआ है। इसकी रचना बंकापूरा में हुई है। बंकापुर में उस समय शासक अकालवर्ष (कृष्ण द्वितीय) के सामंत लोकादित्य का राज्य था। लोकादित्य को जैन वीर बंकेय का पुत्र बताया गया है। उस समय संपूर्ण वनवास प्रदेश लोकादित्य के अधीन था।

बंकेय जैन धर्म का उन्नायक था एवं चंद्रमा के समान यशधारी था। वह राज्य कार्यों में राष्ट्रकूट नरेश अकालवर्ष का परामर्शक था।

लोकादित्य ने अपने पिता बंकेय के नाम पर बंकापुर बसाया था। बंकेय और लोकादित्य के जैन होने के कारण बंकापुर जैनों का मुख्य नगर था।

साहित्य सृजन की दृष्टि से यह स्थान अवश्य ही गुणभद्राचार्य के अनुकूल होगा। उत्तरपुराण जैसे विशाल ग्रंथ की रचना गुणभद्राचार्य ने इस ग्राम में की थी।

शास्त्रों के ज्ञाता लोकसेन मुनि ने इस पुराण ग्रंथ के प्रतिष्ठा करवाई थी। वर्तमान में यह ग्रंथ आज जैन साहित्य की श्रेष्ठ कृतियों में से है।

दिगंबर समाज में उत्तरपुराण की रामकथा अधिक प्रचलित है। दिगंबर विद्वानों द्वारा रचित उत्तरवर्ती रामकथाओं में उत्तरपुराण की रामकथा का अनुसरण है। पउमचरिय की रामकथा से उत्तरपुराण की रामकथा कुछ अंशों में भिन्न है। हेमचंद्राचार्य के त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र में जो रामकथा है वह पउमचरिय का अनुकरण है।

उत्तरपुराण की रामकथा की अद्भुत रामायण के साथ कई अंशों में समानता है।

आदिपुराण एवं उत्तरपुराण दोनों भागों से पूर्ण महापुराण एक उत्तम काव्य है। इसमें कल्पना का उत्कर्ष है तथा धारावाहिक पद्य रचना में अन्तःतृप्तिदायक माधुर्य है।

विविध सामग्री से संपन्न यह उत्कृष्ट कोटि का जैन पुराण ग्रंथ है। सैद्धांतिक दृष्टि से भी इस ग्रंथ का अपना विशेष महत्त्व है।

*आत्मानुशासन* आत्मानुशासन आचार्य गुणभद्र की अध्यात्मपरक रचना है। इस कृति में आत्मानुशासन संबंधी बिंदुओं पर नाना प्रकार की शिक्षाएं दी गई हैं। ग्रंथ की भाषा सरल और हृदयग्राही है। इस ग्रंथ के अध्ययन से आत्मानंद का अनुभव होता है। ग्रंथ की पद्य संख्या 272 है। हिंदी अनुवाद सहित यह ग्रंथ प्रकाशित है।

*जिनदत्त चरित्र* इस ग्रंथ के सौ सर्ग हैं। अनुष्टुप छंद में इस ग्रंथ की रचना हुई है। यह प्रबंध काव्य है। इस ग्रंथ में कवि का उच्च कवित्व प्रकट होता है।

वीरसेन, जिनसेन, गुणभद्र इन तीनों के द्वारा अविच्छिन्न रूप से साहित्य की धारा प्रवाहित हुई। इनके द्वारा रचित आगमपरक उत्तम ग्रंथों की उपलब्धि जैन साहित्य को विशिष्ट अनुदान है।

*समय-संकेत*

आचार्य जिनसेन ने आदिपुराण वृद्धावस्था में प्रारंभ किया था। वे उसके 42 पर्व पूरे एवं 43वें पर्व के 3 श्लोक रच पाए थे। उसके बाद जिनसेन का स्वर्गवास हो जाने से उनके शिष्य गुणभद्र ने उसे पूर्ण किया एवं उत्तरपुराण की रचना गुणभद्र ने की। उत्तरपुराण की परिसमाप्ति का समय शक संवत् 820 (ईस्वी सन् 897) माना गया है। इस आधार पर गुणभद्र का कालमान वीर निर्वाण 1425 (विक्रम सम्वत् 955, ईस्वी सन् 898) संभव है।

*वाङ्गमय-वारिधि आचार्य विद्यानन्द के प्रभावक चरित्र* के बारे में पढ़ेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 142* 📝

*संतोषचंदजी सेठिया*

*घोड़ी भेज दी गई*

गतांक से आगे...

ठाकुर साहब की समझ में सारी बात आ गई थी, परंतु उसका कोई उचित उत्तर उनके पास नहीं था। चाचाजी के साथ बहस करना भी वे नहीं चाहते थे। अतः बोले— "आप ठीक कह रहे हैं। घोड़ी आज ही वापस भेज दी जाएगी।" संतोषचंदजी ने कहा— "आप पूजा में बैठे थे, अतः पूछ नहीं सका। घोड़ी को तो मैंने वापस भेज दिया है। केवल आपको कहने के लिए ही इतनी देर तक यहां ठहरा था।" ठाकुर साहब ने केवल इतना ही कहा— "आपने जो कर दिया है, वह हमारे लिए अच्छा ही है।"

उक्त घटना के पश्चात् सेठियाजी के साथ दुगड़ परिवार का भी घनिष्ठ संबंध हो गया। उसके पास हॉलेंड में बनी हुई दो बंदूकें थीं। उनमें से उन्होंने एक सेठियाजी को भेंट कर दी।

*वही है या दूसरी*

संतोषचंदजी सांसारिक कार्यों में जितने निपुण और कर्मशील थे, उतने ही धार्मिक कार्यों में भी। जयाचार्य के प्रति उनकी अनन्य निष्ठा थी। संघ की गतिविधियों से वे पूर्ण परिचित रहते थे। संघ की रीति नीति और मर्यादाओं का उन्हें पूरा ज्ञान था। उचित का आदर करने में वे जितने तत्पर थे, अनुचित का तिरस्कार करने में भी उतने ही अग्रसर रहते। मुख देखकर तिलक निकालना उनकी प्रकृति के कभी अनुकूल नहीं रहा। जो कुछ कहना होता वे उसे बिना किसी लुकाव-छिपाव के स्पष्ट ही कह दिया करते थे। संवत् 1947 में मुनि छोगजी आदि कुछ साधु संग से पृथक् हो गए। हरखूजी आदि कुछ साध्वियां भी उनमें सम्मिलित थीं। एक बार विहार करते हुए वे लोग रीड़ी की ओर आए। मुनि छोगजी से पूर्व साध्वी हरखूजी वहां पहुंचीं। सर्वप्रथम संतोषचंदजी के घर जाकर उन्होंने सूचना देते हुए कहा— "श्रावकजी! पता है कि नहीं, आज आपके यहां पूज्यजी महाराज पधार रहे हैं।" संतोषचंदजी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा— "पूज्यजी महाराज तो इस समय जयपुर में विराज रहे हैं। इधर पधारने के तो कोई समाचार नहीं थे।" साध्वी हरखूजी ने कहा— "वे नहीं, छोगजी पूज्यजी महाराज पधार रहे हैं।" यद्यपि संतोषचंदजी को उनके पृथक होने का पता था, फिर भी उन्होंने जिज्ञासा के स्वर में कहा— "तेरापंथ में तो आचार्य एक ही होते हैं, फिर ये पूज्यजी महाराज कैसे हुए?" हरखूजी बोलीं— "क्या आपको पता नहीं है कि उन्होंने अपना अलग संघ स्थापित कर लिया है।" संतोषचंदजी ने आश्वस्त होते हुए कहा— "अच्छा तो यह इतिहास है नए पूज्यजी महाराज का। परंतु एक बात तो बतलाइए कि प्रत्येक बार मर्यादापत्र वाचन के समय खड़े होकर वे यह त्याग करते थे कि खोली (शरीर) में श्वास रहेगा तब तक इन मर्यादाओं को भंग करने का त्याग है। तो अब भी उसी खोली में आ रहे हैं या दूसरी में?" साध्वी हरखूजी उनके इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दे पाईं। वे चुपचाप वहां से अन्यत्र खिसक गईं।

*लाडनूं के ख्यातनामा श्रावक दुलीचंदजी दुगड़ के प्रेरणादायी जीवन-वृत्त* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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https://goo.gl/maps/2XZS6mLQYyu

👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम..

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके *"Gollaprolu"* पधारेंगे..

दिनांक: 07/05/2018
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
प्रस्तुति: 🙏🏻 *संघ संवाद* 🙏🏻

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Video

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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:

*तनाव और ध्यान: वीडियो श्रंखला ४*

👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*

*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482

संप्रेषक: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sources

Sangh Samvad
SS
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  2. Chennai
  3. Gingee
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  12. कोटा
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  15. पूजा
  16. भाव
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