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इरियावहिया सूत्र में कितने प्रकार से मिच्छामि दुक्कडम
देते है?
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इरियावहिया सूत्र मे 10 प्रकार से जीवों की हिंसा होती है वो बताया है
अभिहिया, वत्तिया, लेसिया, संघाइया, संघट्टिया, परियाविया, किलामिया, उद्दविया, ठाणाओ ठाणं, संकामिया
जीव के 563 भेद है ओर 563 भेदो की 10 प्रकारसे हिंसा होती है
इसलिए
563 × 10 =5630
अब ये हिंसा राग या द्वेष के कारण करते है इसलिए
5630 × 2 = 11,260
मन, वचन, काया से हिंसा करते है इसलिए
11260 × 3= 33,780
करण, करावण, अनुमोदना तीन तरीके से हिंसा का पाप लगता है
33,780 × 3 =1,01,340
भूतकाल, भविष्यकाल, वर्तमानकाल में की गई हिंसा
1,01,340 × 3 =3,04,020
अरिहंत, सिद्ध, साधु, देव, गुरु, आत्मा की साक्षी में की गइ हिंसा
3,04,020 × 6 =18,24,120
ऐसे इरियावहिया सूत्र मे 18,24,120
प्रकारसे मिच्छामि दुक्कडम दिया जाता है।
एक इरियावहिया सूत्र की ताकात है मोक्ष देने की
अइमुत्ता मुनि ने इरियावहिया सूत्र बोलते बोलते केवलज्ञान प्राप्त किया था वहीं इरियावहिया सूत्र हमें मिला है ।
हमें ये काल में मोक्ष ना मिले पर भावपूर्वक इरियावहिया सूत्र बोलने से हमारे बहुत कर्मों की निर्जरा होती है ओर हम मोक्ष की ओर आगे बढ़ते है।
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