14.06.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 14.06.2018
Updated: 14.06.2018

Update

72 बहने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत मिलने पर आचार्य श्री की परिक्रमा करती हुई.. 🙂

आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से पपौरा जी में प्रतिभास्थली की 72 बहनो की ड्रेस चेंज हुई अब ये बहने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए इन्दौर पपौरा की प्रतिभास्थली गुरुकुल में हमारी बेटियो को पढाएगी 😊🙏 #PratibhaSthali

Source: © Facebook

क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी @ रांची.. भव्य जिन मंदिर दर्शन:)

Source: © Facebook

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

Source: © Facebook

✿ क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी महाराज के दर्शन की अनुपम व् यादगार ट्रिप! ✿

महाराज श्री के बहुत सारे प्रवचन जैसे छह ढाला, भक्तामर, आचार्य शान्तिसागर कथा, णमोकार महत्व, राम कथा आदि बहुत से प्रवचन बहुत बार Deep Detail में www.jinvaani.org से डाउनलोड करके सुने थे, तब से मन में भाव था की ऐसे व्यक्तित्व के दर्शन जरुर करने चाहिए, जो जन्म से ब्राहमण थे और MBBS फाइनल इयर में थे, पर जिनेन्द्र देव के दर्शन तथा आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन और जिनेन्द्र वर्णी जी का प्रभाव अनुपम रूप से इनके व्यक्तित्व पर पढ़ा!

हम लोग रांची मंदिर में [ 15th Aug. ] पहुच गए और दिन का समय था, महाराज श्री सामायिक कर रहे थे, तो लगभग दो धन्टे बाद सामायिक पूरा हुआ तब महाराज श्री कमरे से बाहर आये तो प्रथम दर्शन करना बहुत ही अनुपम रहा, हम तीनो [ गौरव जैन, सुशांत कडोले तथा निपुण जैन ] ने महाराज श्री को इक्छामी किया और महाराज श्री ने आशीर्वाद दिया और चहरे पर एक विशेष शांति और मंद मुस्कराहट थी, जिसके हम प्रथम झलक में दीवाने हो गए, फिर शाम को वो समय आया जिसका हमें कबसे इंतज़ार था, महाराज श्री के साथ कुछ विषय पर बहुत व्यापक चर्चा हुई, जिसमे महाराज श्री ने Intellectually आगम अनुसार समाधान दिया, जब हमने इंग्लिश में प्रश्न किया तो महाराज श्री ने इंग्लिश में भी उतनी बुद्धिमत्ता से उत्तर इंग्लिश में ही दिए और हमने एक English Presentation दिखाई जिसको महाराज श्री ने बहुत ही फ़ास्ट पढ़ा और अपने सुझाव दिए और महाराज श्री अध्ययन बहुत करते है और नेशनल या इंटरनेशनल सब writers की बुक्स पढ़ते है, एक विशेष multi talented व्यक्तित्व के धनी है महाराज श्री और महाराज श्री ने कहा की यहाँ मानव के नियम चल रहे है, आगम के नियम नहीं! जबकि आगम ही सब कुछ है, कुछ लोग आज आगम को नहीं बल्कि, पंथवाद को ego के कारण महत्व देता है क्योकि मनुष्य मानी प्राणी है! इस तरह बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर महाराज श्री से प्राप्त हुआ और हमारे वैसे तो लगभग सारे doubts क्लियर थे महाराज श्री के प्रवचन सुनाने के कारण तथा और भी बचे हुए भी क्लियर हो गये! फिर रात को हमें वय्याव्रत्ति करने का दुर्लभ सौभाग्य मिला जो अनुपम था, विशेष भावना में विशुद्धि आई और बहुत अच्छा लगा!

अगले दिन महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं थी तथा फिर भी सुबह भक्तामर स्तोत्र के कक्षा में प्रवचन हुए और महाराज श्री की मीठी आवाज में णमोकार आदि सुनकर बहुत आनंद आया, जिसके कारण महाराज श्री शाम तक बाहर नहीं आये, और हम इंतज़ार करते रहे फिर हमने महाराज श्री से रिक्वेस्ट की की महाराज श्री कृपया हमें थोडा समय दीजिये हमारे कुछ प्रश्न है तब महाराज श्री बाहर आये तब महाराज श्री की बॉडी और चहरे और आवाज से लगता था की सही में महाराज श्री की तबियत ठीक नहीं है परन्तु महाराज श्री ने हमारे निवेदन पर और भी बहुत सारे प्रश्नों के सलूशन दिए, जिसको जानकार हम धन्य हुए! इस दिन हमें रात को वय्याव्रत्ति करने का अवसर पुनः मिला और हमे बहुत ही अच्छा लगा! फिर अगले दिन हमें दिन में निकलना था तो सुबह हमें आहार देने का अनुपम सौभाग्य मिला और हमने अपने को धन्य माना!

महाराज श्री की हर बात, चलना, बोलना, देखना, ध्यान करना, पढना, जिनेन्द्र देव के दर्शन करना, आहार करना, आदि हर बात कुछ ना कुछ विशेष उपदेश अपने आप में देती है! मेरी भावना है ऐसे संत सदा ही जीवंत रहे और महाराज श्री सदा ही विशुद्धि की और बढे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे! और महाराज श्री के चरण कमल में त्रिवर इक्छामी!!! और आप सबसे भी मैं कहूँगा की महाराज श्री के प्रवचन जरुर सुने एक बार, आपके दिल में आने वाले हर प्रश्न का उत्तर Logical + Scientific + Aagam + Experience आदि से मिलेगा जिसको आप www.jinvaani.org से डाउनलोड कर सकते है, विशेष रूप से छह ढाला, भक्तामर, राम कथा जरुर सुने!

इस यात्रा का श्रेय मैं Sushant Kadole and Gaurav Jain को देना चाहता हूँ जिसके कारन मुझे ये दुर्लभ सौभाग्य मिला! जय हो.... - Nipun Euphoriç Jain [ Article n Photograph, drafting n editing by me ] - Thank You -Admin.

News in Hindi

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे..

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts. All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Source: © Facebook

श्री सिद्ध क्षेत्र पालिताना: जहा से तीन पांडव युधिस्ठिर, भीम और अर्जुन सहित आठ करोड़ द्रविड़ राजाओ ने मोक्ष प्राप्त किया है तथा एक भव्य शांतिमय दिगंबर जैन मंदिर पहाड़ पर है जहा मंत्रमुग्ध करदेने वाली जिन प्रतिमाय है तथा एक मंदिर निचे है वो भी बहुत प्राचीन है! जब भी जाए दोनों मंदिर के दर्शन जरुर करे तथा यथाशक्ति दान भी करे, इस होली पर ही गयी फोटोग्राफ!

Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world). This is a sacred place from where 8 crores of Dravida Kings attained salvation by accepting penance for self-purification, thus vanishing Ashta Karma. This Siddha Kshetra is described in ancient Prakrit & Sansakrit texts.

All 28 Photograph captured/taken by Nipun Jain -Admin

Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Digambar
      • Acharya Vidya Sagar
        • Share this page on:
          Page glossary
          Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
          1. Aagam
          2. Ashta Karma
          3. JinVaani
          4. Karma
          5. Kshetra
          6. Nipun Jain
          7. Nirvana
          8. Palitana
          9. Pandavas
          10. Prakrit
          11. Shatrunjaya
          12. Siddha
          13. Siddha Kshetra
          14. आचार्य
          15. दर्शन
          16. भाव
          17. राम
          Page statistics
          This page has been viewed 869 times.
          © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
          Home
          About
          Contact us
          Disclaimer
          Social Networking

          HN4U Deutsche Version
          Today's Counter: