Mumbai: 30.09.2018
Anuvrat Samiti organised all religions conference in presence of Sadhvi Anima Shree and Sadhvi Mangal Pragya. Sadhvi Anima Shree told broad message of religion is same. You can become monk or not but keep peace in mind. Abdul Farukhi, Charanji Singh, Surjit Singh, Homi Dholaji, Father Mikal Rajorio participated and represented their sect. All speaker pointed out harmony is essence of religion. Non violence solve all problems. Sadhvi Mangal Pragya who has visited 27 countries. She told religion has two way one is upasana and second is right conduct. Anuvrat show way of morality and good conduct.
Sadhvi Sudha Prabha, Sadhvi Mairi Prabha, Sadhvi Karnika Shree, Sadhvi Samatva Yasha presented song. Anuvrat samiti president Ramesh Chowdhary welcomed all. Secretary Chetan Kothari conducted honour giving session and Rajkumar Chaplot was master of ceremony. Nitesh Dhakad gave all information
*अणुव्रत का सर्व धर्म सदभाव सम्मेलन कालबादेवी में*
अणुव्रत समिति मुंबई के अंतर्गत अणुव्रत क्षेत्रिय संयोजक दक्षिण मुंबई के द्वारा अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह में साध्वी श्री अणिमाश्री जी साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में सांप्रदायिक सौहार्द दिवस में सर्व धर्म सदभाव सम्मेलन का आयोजन महाप्रज्ञ स्कूल कालबादेवी में किया गया ।साध्वी श्री अणिमाश्री जी ने बताया कि धर्म का स्वरुप एक जैसा हैं जिस तरह दीपक का प्रकाश एक जैसा है, वैसे ही धर्म की ज्योति धर्म हर संप्रदाय में एक जैसी उपलब्ध हैं, व्यक्ति सबसे पहले अपना भला करें अपनी सकारात्मक सोच रखें,आचार्य तुलसी ने सर्व धर्म समभाव की सोच दी, आप कही भी जाओ पर मानव में मानवता का भाव रहे। अगर आप संत नही बन सकते तो कोई बात नही पर शांत अवश्य रहे।
अब्दुल फारुखी साहब ने कहा कि जो काम नीति से हो उसका सहयोग करो यही धर्म है,जैन समाज सबको देता ही देता है मांगता कुछ नही,सबके दिल मे धर्म की आवाज़ है यही अणुव्रत है,अणुव्रत इंसान को इंसान बनाता है।
चरणजीत सिंग जी ने बताया कि अपने कर्मो के कारण ही हम परमात्मा के नज़दीक या दूर होते है।
सुरजीत सिंग जी ने कहा हमारी आत्मा ही परमात्मा का अंश है। आत्मा को बलवान बनाने के लिये ही जैन समाज इस तरह के आयोजन करता है।
होमी ढल्लाजी ने कहा कि शांति की आवश्यकता क्यो है, बातचीत के ऐसे प्रसंग-सम्मेलन की बहुत आवश्यकता है, नेल्सन मंडेला ने कहा की शिक्षा महत्वपूर्ण हथियार है। गरीबी सबसे बड़ा अभिशाप है,धर्म की जीवन मे महत्वपूर्ण भूमिका है।
फादर माइकल राजारिओ ने बताया आचरण मुख्य है,अणुव्रत कि छोटी छोटी बाते बडे बडे रूप से करनी चाहिए, जो जोड़ता है वह धर्म है,जो तोड़ता है वह अधर्म है।
राहुल बोधि जी ने कहा कि धर्म सबको सुख,शांति, आनंद के लिये होना चाहिए, हम सभी पवित्रता से जीवन जी सकते है इसके लिए हम अणुव्रत को स्वीकार करते है, मानव में मानवता कैसे हो इसकी ट्रेनिग लेनी चाहिए, इंसान बुद्धि से बौद्ध,अर्हत बन सकता है।साध्वी मंगलप्रज्ञाजी 27 देशो की यात्रा शांति व सदभावना के विकास के लिए की थी। आपने आगे बताया कि अणुव्रत समिति मुम्बई धर्म गुरुओं का मिलन कराती है, धर्म के दो रूप है उपसना व आचरण। उपासना गोण है आचरण मुख्य है।
सम्प्रदाय को धर्म मान लेना ही सबसे बड़ी कठिनाई है,हम सब सम्प्रदाय प्रमुख है, धर्म तो एक ही है,अणुव्रत मानव धर्म है,मानव का आचरण पवित्र होना चाहिए, आज सबसे ज्यादा आवश्यकता शिक्षा में नैतिकता की है।साध्वीवरा ने गीतिका की प्रस्तुति दी, दक्षिण मुम्बई अणुव्रत कार्यकर्ताओ ने मंगल संगान किया,अणुव्रत समिति अध्यक्ष रमेश चौधरी ने आयोजन के लिए संयोजको को धन्यवाद दिया, मंत्री चेतन कोठारी ने सन्मान संयोजन किया,संयोजक मदन दुग्गड़ ने स्वागत भाषण दिया। कुशल संचालन राजकुमार चपलोत ने किया। आभार ज्ञापन चेतन कोठारी ने किया ।
सभी आध्यात्मिक व्यक्तिओ का एवम अणुव्रत उदबोधन स्वागताध्यक्ष विजय सिंग जी संचेती,सहयोगी गणपत जी डागलिया, सुशील जी मेडतवाल, सुशील जी खाब्या,संजय जी बोहरा, प्रकाश जी बाफना,राकेश जी डांगी, रमेश जी हिंगड़, मंजू विजय जी संचेती का सन्मान किया गया,
कार्यक्रम में रोशन मेहता,विनोद कोठारी, नितेश धाकड़, सुरेश मेहता,विनोद बाफना,सुरेश बाफना,कमलेश खंडोत,बंशीलाल धाकड़,कंचन सोनी,भग्यवती परमार,कल्पना सांखला,रमेश राठौड़,मनोज जाबक, रवि दोषी,प्रेमलता सिसोदिया, लतिका डागलिया सविता कच्छारा तथा कच्छ समाज मुम्बई की विशेष उपस्थिति थी।
कार्यक्रम में संयोजक दुग्गड़ व संयोजिका पुष्पा कच्छारा का श्रम मुखरित हो रहा था।
यह जानकारी नितेश धाकड़ ने दी।