Mumbai: 07.10.2018
All India Terapanth Yuvak Parishad organised twelve vrat workshop and personality development workshop in presence of Sadhvi Anima Shree and Sadhvi Mangal Pragya. 29 branches of setup were present. ABTYP president Vimal Kataria and general secretary Sandip Kothari were chief guest. Upasak Surya Prakash Samsukha was chief speaker. Tarun Bohara sahpravbhari of Kanya mandal was present as one of speaker. Councillor Akash Purohit was special guest. Past president of Mahasabha Kishanlal Dagalia was present. Flag hoisted in start.
Sadhvi Anima Shree told everyone want impressive personlity. She has suggested change in life style.
Sadhvi Sadhvi Mangal Pragya told to reach on height we should set aim and follow it with determination. Sadhvi Sudha Prabha told youths are source of power. Sadhvi Karni ka Shree and Sadhvi Samatva Yasha were present. Sadhvi Maitri Prabha conducted programme. Devendra Dagalia also conducted one session.
Nitesh Dhakad gave all information.साध्वी आणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के सांनिध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में दक्षिण मुंबई तेरापंथ युवक परिषद द्वारा महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल के सुरम्य प्रांगण में मुम्बई स्तरीय बारह व्रत दीक्षा एवं व्यक्तित्व विकास कार्यशाला उन्मेष का आयोजन विराट स्तर पर किया गया। जिसमें मुंबई की लगभग उनतीस शाखा परिषदों की उपस्थिति रही। इस कार्यशाला में आभा तेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया समारोह अध्यक्ष महामंत्री संदीप कोठारी मुख्य अतिथि, उपासक श्रेणी के सह प्रभारी सूर्यप्रकाश श्यामसुखा मुख्य वक़्ता एवं अखिल भारतीय कन्यामण्डल की सह प्रभारी तरुणा बोहरा वक़्ता के रूप एवं नगर सेवक आकाश पुरोहित विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
ध्वजारोहण के साथ कार्यशाला का आगाज सर्व प्रथम स्कूल के रमणीय ग्राउंड में साध्वी श्री आणिमाश्रीजी, साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ठाणा 6 के सांनिध्य में राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया, महामंत्री संदीप कोठारी, महासभा के पूर्वाध्यक्ष किशनलाल डागलिया, अणुव्रत समिति के पूर्व अध्यक्ष गणपत डागलिया बारह व्रत कार्यशाला के अभातेयुप के सह संयोजक दिनेश सिंघवी कार्यक्रम के केंद्रीय संयोजक देवेन्द्र डागलिया, सह संयोजक नितेश धाकड़, अशोक धींग, पवन बोलिया, तेयुप अध्यक्ष रवि डोसी ने ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यशाला का आगाज किया। उत्साही एवं जोशीले युवको ने जय जय ज्योति चरण जय जय महाश्रमण से धरा अंबर को गुजायमान कर दिया।
गरिमामय उपस्थित से कार्यशाला का खिला नवरंग इस कार्यशाला में राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया एवं महामंत्री संदीप कोठारी के अतिरिक्त महासभा के पूर्व अध्यक्ष किशनलाल डागलिया, यहाँ के नगर सेवक आकाश राज पुरोहित, अभातेयुप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य दिनेश सिंघवी, जगदीश परमार संजय बोथरा, गौतम डांगी, महेश बाफना, नरेश सोनी, नरेश चपलोत, अमित रांका, समकित पारख, नरेश चपलोत, दिपक समदरिया, अणुव्रत समिति के पूर्व अध्यक्ष गणपत डागलिया, क्षेत्रीय संयोजक मदन दुगड़, सह संयोजक पुष्पा कच्छारा, अभातेयुप के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी भलावत, अर्जुन चौधरी, तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन से इंद्रमल धाकड़, मूलचन्द वागरेचा, रमेश मेहता, लक्ष्मीलाल डागलिया, सुरेश डागलिया, सुरेश मेहता, लक्ष्मीलाल डागलिया, सुरेश आंचलिया, सुरेश मेहता, सुखलाल सियाल, मीठालाल सिसोदिया, प्यारचंद सिसोदिया, नरेंद्र पोरवाल, एवं प्रायोजक परिवार चन्दनमल बैद, राजेन्द्र बैद की गरिमामय उपस्थित रही।
संबोध सत्र में प्राप्त हुआ प्रेरणा संबोध- संबोध सत्र में पूरी परिषद को संबोध प्रदान करते हुए साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपनी ओजस्वी प्रवचन शैली में कहा हर व्यक्ति चाहता है कि उसका व्यक्तित्व आकर्षक हो, प्रभावशाली हो इस हेतु अपनी जीवन शैली को सुधारना जरूरी है। व्यक्ति के भीतर अगर गुणवत्ता का विकल्प होता है तो सहज ही विलक्षण व्यक्तित्व का निर्माण हो जाता है। हमारा समूचा जीवन वाणी व्यवहार से प्रभावित होता है। यद्यपि सोचने में हर व्यक्तित्व स्वतंत्र है किंतु सोची हुई हर बात को कह देना उपयुक्त नही है। उचित नही है प्रभावी व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में गतिमान रहने के लिए सबसे पहली जरूरत है कि हमेशा मधुर वचन का प्रयोग हो। पुरुषार्थ जीवन की वह चाभी है जो हर बंद ताले को खोल सकता है। नेकी के साथ साथ काम करते रहना ही जीवन की यात्रा को सार्थक दिशा दे सकता है। हो सके तो हर व्यक्ति का सहकार सहयोग करे, भला करे। इन गुणों से समनिवत व्यक्तित्व अपने जीवन मे नव उन्मेष ला सकता है। साध्वी श्री ने कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया ऊर्जावान कर्मजा शक्ति के पर्याय है। अपनी नवोन्मेषी सोच व चिंतन से तेयुप को नई उचाईया प्रदान कर रहे है। महामंत्री संदीप की सहजता, सरलता, गंभीरता सबको अभिभूत करनेवाली है। इस कार्यक्रम की संयोजना में संदीप का चिंतन कार्यकारी बना है। कार्यक्रम की सफलता में कार्यक्रम संयोजक देवेन्द्र डागलिया, सह संयोजक नितेश धाकड़, अशोक धींग, पवन बोलिया, का श्रम अत्यधिक मुखर हुआ। इन्होंने तेयुप के अनेक कार्यकर्ताओं को जोड़ा है। रवि धनपत, व पूरी टीम ने अच्छा काम किया है। महिला मंडल व ट्रस्ट सराहनीय सहयोग ने भी कार्यक्रम को गरिमामय बनाया है।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने मार्मिक व ह्रदयस्पर्शी दिशा बोध प्रदान करते हुए कहा व्यक्तित्व को उचाईयों तक पहुचाने में लक्ष्य व संकल्प बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। जब तक व्यक्ति के भीतर संकल्प चेतना का जागरण नही होता तब इरादे कभी हकीकत में नही बदल सकते । जीवन मे नया उन्मेष नही आ सकता । सौम्य व्यवहार व्यक्ति को प्रभावशाली बनाता है। सौम्य व्यवहार संपन्न व्यक्ति दुसरो को जेहस में अपना स्थान बना लेता है। जिंदगी को हमेशा कृत्रिमता के आवरण से दूर रखें । यही जिंदगी के विकास पथ का सही मार्ग बन सकता है। हमारा जीवन बारह व्रतों के सुरक्षा कवच से कवचित बने । हम बारह व्रतों को सिर्फ जाने ही नही बल्कि धारण करने की दिशा में गतिशील बने एवं बारह व्रतों श्रावक बनकर श्रावक बनकर श्रावक जीवन को सार्थक दिशा दे।
साध्वी सुधाप्रभाजी ने अपनी विषय प्रस्तुति में कहा साहस ऊर्जा, जोश, उत्साह, कर्मजा शक्ति से संपन्न युवक मुल्क में नए इतिहास का सृजन करते है। बाल व्यक्तित्व प्रभावी तभी बनेगा जब आंतरिक व्यक्तित्व प्राणवान व समुन्नत होगा। सरलता, करुणा, संयम की चेतना के जागरण से हम अपने व्यक्तित्व को अर्जस्वल एवं आभामण्डित करे। यही हमारे जीवन को कोहिनूर की तरह आवदार व चमकदार बनाएगा।
साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने प्रभावी मंच संचालन करते हुए कहा आकर्षक एवं प्रभावी व्यक्तित्व का मालिक बनने के लिए पहनावे को आकर्षक करने की बजाय अपनी जीवन शैली को सुधारिए । अगर आप गुणों की खान बन जाएंगे तो व्यक्तित्व अपने आप आकर्षक बन जाएगा। साध्वी कर्णिका व साध्वी श्रीजी व साध्वी स्मतव्यशाजी ने स्वर शहनाई से पूरे वातावरण को गुजायमान कर दिया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सिखाए व्यक्तित्व विकास के गुर- राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया ने कहा साध्वी आणिमाश्रीजी के करिश्माई व्यक्तित्व ने अनेक व्यक्तित्वों का व कार्यकर्ताओं का निर्माण किया है। आपकी प्रवचन शैली हमारे भीतर नए जोश का संचार करती है।एवं प्रेरक दिशा बोधन प्रदान करती है। साध्वी श्रीजी की प्रबल प्रेरणा,प्रोत्साहन की निष्पत्ति आज की यह कार्यशाला । उन्होंने कहा हम अपने आचार विचार संस्कार व व्यवहार को समुन्नत बनाए। वही हमारे व्यक्तित्व को सलोना बनाएगा। आज की इस कार्यशाला में दक्षिण मुंबई तेयुप ने अच्छा श्रम किया है। देवेंद्र डागलिया, नितेश धाकड़, अशोक धींग, पवन बोलिया को सौ सौ साधुवाद । कार्यशाला का कोई आयोजन करना सीखें तो मुंबई तेयुप से सीखना चाहिए। अभातेयुप के मुंबई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एक एक सदस्यों का नामोल्लेख कर उनका उत्साहवर्धन किया। मुंबई का गौरव मेरा महामंत्री भाई सन्दीप मेरे साथ साये की तरह खड़ा रहता है। इसकी विनम्रता बेजोड़ है। इशारे को समझने वाला है। इसकी गंभीरता प्रशसनीय है। आगे बढ़ता रहे मंगलकामना राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुख से अपने साथियों के प्रति प्रमोद भावना को सुनकर परिषद रोमांचित हो गईं।
महामंत्री ने कहा पहली बार आयोजित हुई है ऐसी कार्यशाला - महामंत्री सन्दीप कोठारी ने कहा हर वर्ष बारह व्रत कार्यशाला आयोजित होती है किंतु वृहद स्तर पर इस प्रकार की कार्यशाला का पहली बार आयोजन हो रहा है। जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में उनतीस परिषदों ने भाग लिया है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष एनर्जेटिक व पॉरफुल है। हर शाखा परिषदों में एनर्जी भरते है। इनका अधिकांश समय तेयुप के नाम समर्पित है। तेयुप विकास में अपने चिंतन व हर क्षण को आयोजित कर रहें है। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी व साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी की प्रेरणा से ही इस प्रकार की कार्यशाला आयोजित हुई है। दक्षिण मुंबई तेयुप को हार्दिक बधाई।
युवा पीढ़ी हुई संकल्प बद्ध
अभातेयुप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी भलावत ने कहा साध्वी श्री आणिमाश्रीजी हमारी दुखती रग का इलाज करने वाली है। हमारी युवापीढ़ी एम.सी.एम्स के गिरफ्त में आ रही है। आज तक इस व्यवस्था में किसी ने कमाए नही गवाए ही गवाए है। हमारे युवा जागरूक बने एवं साध्वी श्रीजी इन्हें संकल्प बद्ध कराए।
साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने उदबोधन के दौरान इस सन्दर्भ में मार्मिक पाथेय प्रदान किया। युवा साथियों को संकल्पित होने का आवाहन किया। साध्वी श्रीजी का आवाहन सुनकर पूरी परिषद की चेतना भँकृत हो गईं। एवं संकल्पित होने के लिए कटिबद्ध हुई। न केवल युवको ने बल्कि पूरी परिषद ने एम. सी.एम्स किसी भी प्रकार का सट्टा न करने का आजीवन संकल्प लिया। इस नया नाभिराय दृश्य को देखकर हर श्रोता भावविभोर हो गया। संयम सत्र में हुआ बारह व्रतों का विवेचन साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने कहा आवृत शक्ति की आमावृत करने वाली प्रक्रिया का नाम है व्रत श्रावक के श्रावकल को शिखर का स्पर्श करने वाली व्रत विधि का नाम है बारह व्रत उपासक भाई सूर्यप्रकाश ने बारह व्रतों का सरल व सटीक विश्लेषण किया है। इनकी प्रस्तुति प्रभावी एवं समझने की शैली सुंदर है।परिषद के दाव भाव देखकर लग रहा है बात सबके गले उतर गई है। उपासक श्रेणी के सह प्रभारी सूर्यप्रकाश श्यामसुखा ने मुख्य वक्तव्य में कहा संयमित जीवन की प्रयोगशाला का महत्वपूर्ण प्रयोग है बारह व्रत भगवान महावीर ने श्रावक धर्म की व्याख्या बारह व्रतों के साथ कि है। वे ही श्रावक के बारह व्रत समूची जीवन शैली के स्व पर उपकारी बनाने में सक्षम है। जरूरत है प्रत्येक श्रावक बारह व्रतों को हार्द को समझे एवं समझ पूर्व ह्रदय गम करने की कोशिश करे । यह कोशिश एक दिन संपूर्ण अर्हता के विकास के साथ वीतरागता के कक्ष में प्रविष्ट करने में कामयाब हो जाएगी। बारह व्रत से पहले हम सम्यक्त्व रूपी रत्न को समझे एवं इसकी सुरक्षा के प्रति जागरूक बने। तरुणा बोहरा ने प्रभावी व्यक्तित्व के प्रभावशाली गुर प्रभावी शैली में बताए। पूरी परिषद ने हर्ष ध्वनि की। फाउंडेशन के अध्यक्ष किशनलाल डागलिया, तेयुप अध्यक्ष रवि डोसी, सह संयोजक दिनेश सिंघवी, ने विचार रखे। मंगल संगान तेयुप के सदस्यों ने विजय गीत से किया। महिला मंडल, तेयुप व ज्ञानशाला के बच्चो ने कार्यशाला गीत की सामुहिक प्रस्तुति दी। कार्यशाला के प्रायोजक चन्दनमल बैद, राजेंद्र बैद का सम्मानित मंच ने मोमेंटो के द्वारा सम्मान किया। नगरसेवक आकाश राज पुरोहित व सूर्यप्रकाश श्यामसुखा का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम के संयोजक देवेन्द्र डागलिया ने प्रथम चरण का ओजस्वी संचालन कर कार्यक्रम का शमा बांधा
कार्यक्रम सहयोगी श्री चंदनमलजी,राजेंद्रजी,अभिनवजी बैद परिवार थे।
इस कार्यक्रम के केंद्रीय संयोजक देवेंद्र डागलिया, सह संयोजक नितेश धाकड़,पवन बोलिया,अशोक धींग थे
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अर्जुन चौधरी, संजय बोथरा, दिनेश सिंघवी, महेश बाफना, जगदीश परमार, गौतम डांगी,समकित पारेख, नरेश सोनी, नरेश चपलोत, तरुणा बोहरा, कमलेश दुग्गड़, अमृत श्री श्रीमाल, लोकेश डांगी, राकेश बडाला, मनोज ढलावत उपस्थिति थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में किशनलाल डागलिया,इंदरमल धाकड़, गणपतलाल डागलिया,प्रकाश शिशोदिया, मूलचंद वागरेचा, लक्ष्मीलाल डागलिया,रमेश मेहता,सुरेश डागलिया,सुरेश मेहता, मीठालाल शिशोदिया,देवेंद्र डागलिया,पवन बोलिया,अशोक धींग,नितेश धाकड़,महावीर ढेलेरिया,नवीन सेठिया,रवि दोशी,राहुल मेहता,धनपत बैद,मदन दुग्गड़,निककेश वागरेचा,महेंद्र डागलिया,विनोद बरलोटा,पूरण चपलोत,हस्ती कच्छारा,दीपक सुराणा,कमलेश कच्छारा,पंकज बोलिया,भूपेंद्र डागलिया,प्रदीप ओस्तवाल,अनिल लोढ़ा,राकेश कच्छारा,राकेश राठौड़,नरेंद्र बरमेचा,उज्ज्वल दख,दीपेश बोराणा,सौमिल निम्जा,आदित्य जैन,मुकेश धाकड़,अशोक बरलोता,सुनील नखत,कुलदीप बैद,पंकज सुराणा,बिमल गिरिया,
हिम्मत धींग,बाबूलाल धींग,प्रकाश चपलोत,दिनेश धाकड़
वंदना वागरेचा,गुंजन सुराणा,साधना मेहता,सविता कच्छारा,प्रीति डागलिया,रेणु बोलिया,लतिका डागलिया,राजश्री कच्छारा,मीना धींग,मीना सुराणा,पुष्पा कच्छारा,शर्मिला धाकड़,रेखा कच्छारा,राजू सुखानी,चंद्रा चपलोत,शीतल डागलिया,संगीता निम्ब्जा
आदि का श्रम लगा । देवेंद्र डागलिया ने मंच का कुशलतापूर्वक संचालन किया।
यह जानकारी तेयुप के मीडिया प्रभारी नितेश धाकड़ ने दी