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संयम की साधना जरूरी: महाश्रमण
महावीर जयंती पर निकली प्रभातफेरी, केंद्रीय मंत्री सहित नेताओं का जमावड़ा
‘संयम से ही आत्मकल्याण संभव’
नाथद्वारा 17 APRIL 2011 (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो)
Shishoda ►People Should Follow Preaching Of Lord Mahavira - Acharya Mahashraman.
Mahavir Jayanti celebrated with enthusiasm. Sri C.P.Joshi central minister and Smt. Girija Vyas and Raghuveer Meena, M.P., were present in function. Acharya Mahashraman told audience to follow non-violence as preached by Lord Mahavira and that will be right tribute to him. |
आचार्य महाश्रमण शनिवार को शिशोदा गांव में महावीर जयंती पर आयोजित विशाल धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि भारत की भूमि पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया, इन महापुरुषों ने यहां तप, साधना व सत्य का साक्षात्कार किया। महापुरुषों ने जो जाना व जो अनुभव किया उसे उन्होंने जनता को बताया, आम लोगों का पथ प्रदर्शन किया। भगवान महावीर भी महापुरुष थे, जिनकी आज जयंती है, उनका दर्शन, उनके उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक है। जो व्यक्ति अहिंसा, संयम की आराधना कर लेते हैं वह महापुरुष (उत्तम पुरुष) बन जाते हैं।
आचार्य महाश्रमण शनिवार को शिशोदा गांव में महावीर जयंती पर आयोजित विशाल धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। अहिंसा यात्रा पर आचार्य ने कहा कि इस यात्रा का मूल उद्ïदेश्य है, अनुकंपा की चेतना जगाना, आचार्य महाप्रज्ञ ने तीन वर्ष पूर्व मेवाड़ में अहिंसा यात्रा की थी, उस यात्रा को मध्य में ही विराम देना पड़ा था। गुरु की यात्रा का अधूरा कार्य यथासंभव पूर्ण करने आया हूं। अहिंसा यात्रा के माध्यम से अनुकंपा की चेतना जागे, दया, मैत्री का भाव पनपे, यहीं अहिंसा यात्रा का उद्ïदेश्य है। आचार्य ने कहा कि भगवान महावीर गर्भावस्था में भी अहिंसा के अनुयायी थे, अपने स्पंदन से माता को होने वाली तकलीफ के चलते गर्भ में उन्होंने स्पंदन तक बंद कर दिया था। गुरुवर ने भ्रष्टाचार पर कहा कि यह ऐसा क्रम है जहां भौतिक दृष्टिकोण होता है, वहीं भ्रष्टाचार होता है, इंसान को लोभ माया से दूर रहना चाहिए, अणुव्रत, अपरिग्रह करना चाहिए। आचार्य ने अणुव्रत पर कहा कि संयम की चेतना जागृत होती है, वहीं से अणुव्रत शुरू होता है। अणुव्रत की धारणा ही संयम है।
नाथद्वारा 17 APRIL 2011 (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो)
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जो व्यक्ति अहिंसा समता की साधना करते हैं ऐसे व्यक्ति दुनिया के उत्तम व्यक्ति बन जाते हैं। महाश्रमण शनिवार को शिशोदा में आयोजित भगवान महावीर की जयन्ती के समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की भूमि पर अनेक महापुरूषों ने जन्म लिया तथा तप के साथ सत्य के रास्ते पर चल कर आदर्श स्थापित किया।
उन्होंने भगवान महावीर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महावीर की गर्भावस्था में भी अनुकंपा के दर्शन किये जा सक ते हैं उन्हें गर्भावस्था में ही चेतना का ज्ञान हो गया था ऐसा उदाहरण और कहीं नहीं देखने को मिलता है। महाश्रमण ने महावीर के उपदेशों क ो जन-जन तक प्रचारित कर अपने जीवन में अनुसरण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संयम की चेतना जागृत होती है तो अणुव्रत की आराधना की संभावना बनती है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आचार्य ने कहा कि जहां संयमता समाप्त होती है वहां भ्रष्टाचार की स्थिति पैदा हो जाती है। महाश्रमण ने कहा कि विकास के चार कोण होते हैं जिसमें भौतिक विकास, आर्थिक विकास, नैतिक विकास एवं आध्यात्मिक विकास प्रमुख हैं।
आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में शिशोदा में आयोजित महावीर जयंती समारोह में उपस्थित श्रद्धालु।
महाश्रमण ने कहा कि आत्मा के कल्याण के लिये संयम की साधना जरूरी है। आचार्य ने कहा कि महाप्रज्ञ की शिशोदा यात्रा अधूरी रह गई थी जिसको पूर्ण करने के प्रयास में जुटा हुआ हूं साथ ही कहा कि आज बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि आदर्श गांव शिशोदा में भगवान महावीर की जयन्ती का समारोह आयोजित हो रहा है।
समाज में व्यसन के प्रचलन को रोकने की बात पर महाश्रमण ने कहा कि नशे की प्रवृत्ति को त्याग कर मनुष्य को अपना जीवन सहज व सुन्दर तरीके से जीना चाहिये। कन्या भ्रूण जैसे घिनोने कृत्य का समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिये। समारोह को महाश्रमणी साध्वी प्रमुख कनकप्रभा, मंत्री मुनि प्रवर सुमेरमल स्वामी, मुनि विजय कुमार, मुख्य नियोजिका आदि ने भगवान महावीर स्वामी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके उपदेशों का जीवन में अनुसरण करने पर जोर दिया। समारोह में केन्द्रीय मंत्री डॉ. सी.पी. जोशी ने संबोधित करते हुए कहा कि महाश्रमणजी के नेतृत्व में चल रही अहिंसा यात्रा से लोगों के जीवन में परिवर्तन होगा जिसके आने वाले समय में सार्थक परिणाम आएंगे साथ ही देश के लोगों को आगे बढऩे का अवसर मिलेगा। समारोह को चित्तौड़ की सांसद डॉ. गिरिजा व्यास, उदयपुर के सांसद रघुवीर मीणा सहित अन्य विशिष्ठ व्यक्तियों ने संबोधित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक रमेश कुमार हमेरलाल धाकड़ ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य का दिन है कि महाश्रमणजी के सानिध्य में महावीर जयन्ती का आयोजन कर रहे हैं। धाकड़ ने महावीर के बताये मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
इस अवसर पर तेरापंथ सभा एवं शिशोदा ग्रामवासियों की ओर से डॉ. सी.पी. जोशी एवं रमेश कुमार धाकड़ के नेतृत्व में महाश्रमण को अभिनन्दन पत्र भेंट किया गया। समारोह में भगवतीलाल धाकड़, समाजसेवी भरत पालीवाल, वरिष्ठ नेता देवकीनन्दन गुर्जर, पालिकाध्यक्ष गीता शर्मा, समाजसेवी उग्रसिंह आढ़ा, ललित धाकड़, रमेश बी. मूथा, ललित चोरडिया एडवोकेट फतहलाल बाहारा, शान्तिलाल कोठारी, विनोद बोहरा, पार्षद श्रेणिक जैन, रमेश सोनी, केसूलाल धाकड़, महेन्द्र कोठारी, सोहनलाल धाकड़, दिनेश धकड़ सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति व धर्मप्रेमी बंधु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया।