21.04.2011, Kumbhal Garh.
The devil of greediness has led to increase in breaking of families. The basic reason behind criminal activities is greed. Greediness strengthens destructive activities. Greediness can be harnessed by 'satisfactionism'. Human beings should rise above their narrow selfishness and promote 'satisfactionism' in their life.
The above views were expressed by Acharya Mahashraman on thursday at village 'Oosar' during his second day of stay in Kumbhal Garh. He said that the disintegration in families is leading the society to its nadir. 'Dissatisfactionism' and greed are connected. Consumerism in the guise of 'dissatisfactionism' is eating upon the mankind. Greediness ismost dreaded among sinful activities leading to criminalism. So, human being should not be much greedy.
Before the 'pravachan' of Acharya Mahashraman, Mr Ganesh Singh Parmar, MLA of Kumbhal Garh said that the 'Ahimsha Yatra' would bring prosperity to the region and masses are happy on touching his feet. Surendra Singh Rathor, former minister said that the 'Ahimsa Yatra' of Acharya Mahashraman has brought integrity, belief in religion and harmony in society and masses. The meet was also addressed by Ravindra Siyal, secretary 'Sthanak Mewar Sangh', Bombay, Kishan Lal Daglia, president ABTYP, Uday Lal Gundecha, Sukh Lal Siyal, president, 'Sameecha Terapanth Sabha' Fateh Lal Mehta (Majera). Surat Singh Dasana, head village representative, Vardi Singh Rajput, deputy head, Nirbhay Singh Jhala, ex head village representative, Ramesh Bambori were special guests at the meet.
News in Hindi:
लोभ से बढ़ा परिवारों में बिखराव: महाश्रमण
कुंभलगढ़ प्रवास के दौरान ऊसर गांव में आयोजित धर्मसभा में कहा कि जीवन में स्वार्थ छोड़ कर संतोष की भावना लाएं, आचार्य समीचा से विहार कर ऊसर पधारे थे
महाश्रमण
कुंभलगढ़ 21/04/2011(जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)
लोभ रूपी दानव से परिवारों में बिखराव की प्रवृत्ति बढ़ी है। सांसारिक जीवन में लोभ से परिवारों का बिखराव बढ़ गया है। वहीं आपराधिक प्रवृत्तियों का मूल कारण लोभ है। इसके चलते विघटनकारी शक्तियां बलवान होती हैं। लोभ को संतोष से जीता जा सकता है। व्यक्ति को जीवन में तुच्छ स्वार्थ को छोड़ संतोष की भावना लानी चाहिए।
यह विचार तेरापंथ के आचार्य महाश्रमण ने गुरुवार को कुंभलगढ़ प्रवास के दूसरे दिन ऊसर गांव में आयोजित धर्मसभा में कहे। उन्होंने कहा की परिवारों के टूटने एवं बिखराव से समाज गर्त में जा रहा है। तृष्णा एवं लोभ का जुड़ाव है। भोग तृष्णा बन मानव को खा रहा है। लोभ की प्रवृत्ति पापकारी प्रवृत्तियों में सबसे बड़ी है, जो अपराध को जन्म देती है। इसलिए व्यक्ति को ज्यादा लोभ नहीं करना चाहिए।
आचार्य के प्रवचन से पूर्व कुंभलगढ़ के विधायक गणेशसिंह परमार ने कहा कि आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा से क्षेत्र में खुशहाली आएगी एवं उनके चरण स्पर्श से आमजन धन्य हुआ है। पूर्व मंत्री सुरेंद्रसिंह राठौड़ ने कहा कि आचार्य की अहिंसा यात्रा से समाज एवं आमजन में एकता की भावना व धर्म के प्रति आस्था, सौहार्द जागृत हुआ है। सभा को स्थानक मेवाड़ संघ, मुंबई के मंत्री रवींद्र सियाल, अखिल भारतीय तेरापंथ यूथ परिषद के अध्यक्ष किशनलाल डागलिया, उदयलाल गुंदेचा व समीचा तेरापंथ सभा अध्यक्ष सुखलाल सियाल, फतहलाल मेहता (मजेरा) ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रधान सूरतसिंह दसाणा, उप प्रधान वरदीसिंह राजपूत, पूर्व प्रधान निर्भयसिंह झाला, रमेश बंबोरी विशिष्ट अतिथि थे।
मंत्री ने किए महाश्रमण के दर्शन
21/04/2011(जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)
खेल एवं युवा राज्य मंत्री मांगीलाल गरासिया ने गुरुवार दोपहर ऊसर पहुंच कर आचार्य महाश्रमण के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
मजेरा आने का निमंत्रण
21/04/2011(जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)
मजेरा निवासी फतहलाल मेहता, विधायक गणेशसिंह परमार एवं पूर्व मंत्री सुरेंद्रसिंह राठौड़, प्रायोजक फतहलाल मेहता ने आचार्य महाश्रमण को 27 से 29 अप्रैल तक मजेरा में प्रवास करने का निमंत्रण दिया।
आध्यात्मिक रूप से चैतन्य है कुंभलगढ़़
21/04/2011(जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि कुंभलगढ की भूमि आध्यात्मिक रूप से चैतन्य है एवं यहां का वातावरण मन को उल्लासित करता है। प्रकृति यहां मेहरबान है। यहां की पहाडिय़ां देख मन प्रसन्न हो जाता है। यहां का मनोरम वातावरण यहां के लोगों की भावना प्रकट कर रहा है। यह बात उन्होंने गुरुवार को समीचा से ऊसर विहार के दौरान यहां की प्रकृति की अनुपम छटा से प्रभावित होकर कही।
महाश्रमण आज लखमावतों का गुड़ा में
21/04/2011(जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)
महाश्रमण शुक्रवार को ऊसर से लखमावतों का गुड़ा के लिए विहार करेंगे तथा रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को कुंचोली प्रस्थान करेंगे।