News in English
Location: | Surat |
Headline: | Acharya Mahaprajna was Divine Soul ◄ Muni Prashant Kumar |
Content: | In presence of Muni Prashant Kumar and Sadhvi Kunthushree function was organised in Citylight, Surat. Samani Vineet Pragya also spoke on occasion. |
News in Hindi:
दिव्य पुरुष थे महाप्रज्ञ मुनि प्रशांत कुमार
मुनि प्रशांत कुमार
सुरत २८ अप्रेल २०११ (सवाददाता जैन तेरापंथ समाचार)
आचार्य महाप्रज्ञ की प्रथम पुण्यतिथि के उपलक्ष में सिटिलाईट स्थित तेरापंथ भवन में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया!
आचार्य महाश्रमण जी के शिष्य मुनि प्रशांत कुमार ने कहा की आचार्य महाप्रज्ञ जी अलौकिक महापुरुष थे! आज वे नश्वर शरीर से भले ही हमारे बिच में नही हो लिकिन, उनके विचार चिन्तन, और व्यक्तित्व अमर है. साध्वी कंचन प्रभा जी ने कहा की - आचार्य भिक्षु के बाद बीसवी शताब्दी में आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ जैसे दो युगपुरुष एक साथ अवतरित होना केवल तेरापंथ धर्म संघ या जैन शासन ही नही बल्कि सम्पूर्ण अध्यात्म जगत का सौभाग्य है! साध्वी कुन्थु श्री ने कहा तीनो लोको में गुरु से बड़ा कोई नही होता है! आचार्य महाप्रज्ञजी में सर्व गुणों का समन्वय था! साध्वी मंजू रेखा जी ने आचार्य महाप्रज्ञ जी को वर्तमान काल के विवेकानंदजी एवं राधाकृष्ण जैसे बताया! समणी विनीतप्रज्ञा बताया समणी श्रेणी का प्रव् तन आचार्य तुलसी ने किया! मगर उसे परिपुष्ट करने का श्रेय आचार्य महाप्रज्ञ को जाता है! मुनि श्री कुन्थु कुमार जी ने भी अपने विचार रखे!