23.07.2011 ►Kelwa ►Justice Should be Impartial◄ Acharya Mahashraman

Published: 23.07.2011
Updated: 21.07.2015

Short News in English:

Location:

Kelwa

Headline:

Justice Should be Impartial◄ Acharya Mahashraman

News:

Acharya Mahashraman told that who are working in field of justice should behave impartial. Law should deal equally to all people. Acharya Mahashraman mentioned Anuvrata Movement initiated by Acharya Tulsi. Anuvrata teach us to behave with integrity and honesty. Acharya Mahashraman told upasak and upasika to do work without name and fame.


M.L.A. Kesaram Chowdhary told that his life changed after he came in contact with Acharya Tulsi. He told that religion is necessary for development of society and nation.


Jeevan Vigyan will be implemented in all schools of Pali district.

News in Hindi:

केलवा में चातुर्मास के दौरान आचार्य महाश्रमण ने न्याय के क्षेत्र में काम करने वालों को दी सीख

‘सत्ता के प्रभाव से न्याय प्रभावित न हो’

केलवा में चातुर्मास के दौरान आचार्य महाश्रमण ने न्याय के क्षेत्र में काम करने वालों को दी सीख

केलवा  22 JULY 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो सेवा 

आचार्य महाश्रमण ने न्याय के क्षेत्र में काम करने वालों को सीख देते हुए कहा कि न्यायालय में निर्मलता का विकास होना चाहिए। न्याय के आसन पर बैठने वालों के सामने राजा और प्रजा एक समान रहने चाहिए और सत्ता के प्रभाव से न्याय प्रभावित नहीं होना चाहिए। जिससे निरपराध व्यक्ति को उचित न्याय मिल सकेगा और न्याय कर्मियों के प्रति आम जनता का विश्वास कायम रहेगा। जहां गलती है, वहां राजा हो या प्रजा किसी को भी दंड संहिता के अंदर लेने में घबराना नहीं चाहिए।

उक्त विचार आचार्य ने केलवा में चल रहे चातुर्मास में दैनिक प्रवचन में व्यक्त किए। उन्होंने आचार्य तुलसी के अणुव्रत आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि जहां निर्मलता का समावेश होता है, वहां ईमानदारी के भाव देखने को मिल जाते हैं। आज के भौतिकतावादी परिवेश में लालसा की बजाय मनुष्य को धर्म के सर्व व्यापीकरण के लिए अपने हृदय को निर्मल बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि इसके भाव से संस्कार का निर्माण स्वत: हो जाता है। इससे परिवार, समाज, देश और धर्म का आशातीत विकास होगा।

नाम नहीं सेवा का भाव हो

उन्होंने उपासक प्रशिक्षण शिविर के लिए चुने गए उपासक-उपासिकाओं से कहा कि उनका कार्य देश के विभिन्न कोने में जहां साधु, संत जा नहीं पाते, वहां जैन धर्म के बारे में जानकारी देना है। इसके लिए आवश्यक है कि वे जैन धर्म से भली भांति परिचित हों। वे नाम की नहीं बल्कि काम की अभिलाषा का भाव अपने मन में रखें। 

वस्तुस्थिति से अवगत होना जरूरी:

मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि आज के परिवेश में किसी का जानना इतना जरूरी नहीं है जितना वस्तुस्थिति से अवगत होना जरूरी है। उन्होंने श्रावक-श्राविकाओं से आह्नान किया कि वे ज्ञान के बाद क्रिया करें और किसी की देखादेखी कार्य करने की बजाय विधि सम्मत कार्य करने की प्रवृति को अपने जीवन में अपनाएं। किसी दूसरे के कार्य का अनुसरण करने से बाहरी परिवेश तो बदल जाएगा, लेकिन भीतर का मन दुखी रहेगा।

जीवन में आया परिवर्तन:

पाली जिले की मारवाड़ जंक्शन विधानसभा क्षेत्र के विधायक केसाराम चौधरी ने कहा कि आचार्य तुलसी के प्रवचनों से प्रभावित होकर तेरापंथ से जुड़े। इसके बाद से ही उनके जीवन में परिवर्तन आया। आज वे इस धर्म के सभी नियमों की पालना कर रहे हैं। उन्होंने देश और समाज के विकास के लिए धर्म को आवश्यक बताया।

पाली जिले से होगा जीवन विज्ञान शिक्षा का आगाज:

पाली के जिला प्रमुख खुशवीरसिंह ने कार्यक्रम के दौरान विश्वास दिलाया कि उनके जिले के सभी विद्यालयों में जीवन विज्ञान शिक्षा शुरू करने की दिशा में पहल की जा चुकी है। इसके लिए गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुलाई गई और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि पाली से ही इस विषय का आगाज किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान बेंगलुरु महिला मंडल की सदस्याओं की ओर से प्रस्तुत ‘सिंदूरी सूरज’ पुस्तक का विमोचन आचार्य द्वारा किया गया। 

कैंसर जांच का शिविर 24 को 

कस्बे के भिक्षु विहार कॉन्फ्रेंस हॉल में 24 जुलाई को तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के तत्वावधान में कैंसर जांच शिविर लगाया जाएगा। चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेंद्र कोठारी ने बताया कि आचार्य महाश्रमण अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक आयोजित होने वाले इस शिविर में दिल्ली से कैंसर विशेषज्ञों का दल रोगियों की जांच करेगा। दल में डॉ. राजेश जैन, डॉ. भारती जैन, डॉ. सुजीता सिंह, डॉ. वैशाली, डॉ. रोबिन खोसा और डॉ. अजय शर्मा शामिल हैं। शिविर के आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। 

‘भीतर का परिचय दें’ 

तेरापंथ से जुड़ी महिलाएं अपना समय धर्म और ध्यान में लगाएं। इस दौरान वे आंतरिक नहीं, भीतर का परिचय दें। यह विचार आचार्य महाश्रमण ने तेरापंथ महिला मंडल केलवा की कार्यकारिणी के परिचय कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। आचार्य ने कहा कि महिलाएं अपने परिवार के साथ समाज को भी धर्ममय बना सकती हैं। कार्यक्रम में मंडल अध्यक्ष फूली देवी कोठारी, मंत्री रत्ना कोठारी, स्नेहलता कोठारी, नीलू कोठारी, नीरू कोठारी सहित अन्य सदस्याएं उपस्थित थीं। उन्होंने पांच संकल्प भी स्वीकार किए।

362 संकल्प पत्र आचार्य को समर्पित किए

 नशामुक्ति अभियान ने गति पकड़ी

केलवा 22 JULY 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो सेवा 

आचार्य महाश्रमण के केलवा प्रवेश के दिन केलवा को नशा मुक्त बनाने के लिए इंगित को साकार करते हुए तेरापंथ युवक परिषद एवं तेरापंथ किशोर मंडल के कार्यकर्ताओं ने नशा मुक्ति अभियान को गति देते हुए गुरुवार को प्रात: प्रवचन के समय 362 संकल्प पत्र आचार्य को समर्पित किए। मुनि सुखलाल और मुनि जयंत कुमार के मार्ग दर्शन में कार्यकर्ताओं ने घर -घर जाकर सर्वप्रथम जैन समाज के लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित किया। तेयुप के अध्यक्ष विकास कोठारी, मंत्री लक्की कोठारी, किशोर मण्डल के संयोजक सुमित सांखला, सह संयोजक नीलेश कोठारी ने संकल्प पत्रों को भेंट किया। मुनि सुखलाल ने अभियान की जानकारी देते हुए सभी समाजों के लोगों में नशे से छुटकारे की भावना पैदा करने का आह्नान किया। आचार्य ने अभियान को ओर तेज करने की प्रेरणा दी।

Sources
Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana
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