Short News in English
Location: | Kelwa |
Headline: | Include Non-Violence As Policy◄ Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman told that Non-Violence is religion for Monks and Nuns. It should be policy for government and administration. Good governance based on faith of public towards Government. He told families that problems come in life. People should try to solve it but never go in depression. Great person also faced problems in their life. Keep focus on Dhyan, Sanyam, and Tap. |
News in Hindi
अहिंसा की नीति शासन में शामिल करें
केलवा स्थित समवसरण में आचार्य महाश्रमण ने दिए प्रवचन, विद्यार्थियों ने निकाली नशामुक्ति रैली, आचार्य ने दिलाया नशा मुक्त रहने का संकल्प
केलवा 2 AUGUST 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने देश व राज्यों में शासन चलाने वालों से आह्वान किया कि वे अहिंसा की नीति को अपनी अन्य नीतियों के समान प्रभावी बनाने की दिशा में योजना को मूर्तरूप दें। उन्होंने शुद्ध नीति की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वार्थ की नीति में फंसने से उन्हें आरोप-प्रत्यारोप का सामना भी करना पड़ सकता है।
चातुर्मास के तहत समवसरण में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि अहिंसा धर्म नीति तो है ही, यह कूटनीति भी है। इसे शासन के साथ राजनीति में भी शामिल करने का प्रयास होना चाहिए। साथ ही परिवारों की भी निर्धारित आचार संहिता हो। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी शासन की सफलता उस प्रांत अथवा राज्य की जनता के विश्वास पर टिकी होती है। जनता अविश्वासी हो गई तो मानो सब कुछ समाप्त। संबोधि के तीसरे अध्याय में उल्लेखित कर्मों को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि समस्त कर्मों को आठ वर्गों में बांटा गया है। आठों कर्म अशुभ है ही, लेकिन नेक कर्म के कारण चार कर्मों को शुभ भी माना है। जीवन व्यवहार में धार्मिकता का पुट होगा तो आचरण और व्यवहार में परिवर्तन आएगा।
समस्याओं से परेशान न हों:
2 AUGUST 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य श्री ने कहा कि मनुष्य को स्वयं अथवा परिवार के समक्ष यदा-कदा उत्पन्न होने वाली समस्याओं से परेशान नहीं होना चाहिए। ध्यान, संयम, साधना और तप की ओर मन लगाने का प्रयास करें। महापुरुषों के जीवन में आए कठिनाइयों के दौर का उदाहरण देते हुए आचार्य ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में संघर्ष आते हैं, महापुरुष भी इससे अछूते नहीं रहते। परेशानियों के कारण डिप्रेशन अर्थात मानसिक अवसाद में आने की आवश्यकता नहीं हैं। जहां क्षमा है, वहां पाप कर्म से बचा जा सकता है और जहां मोह का भाव है वहां पाप भी चिपकने के लिए आतुर रहते है। इनसे बचते हुए मनुष्य निर्मोह का अभ्यास कर जीवन को कल्याणमय बनाए और कर्मों के बंधन से मुक्त होने का प्रयास करे।
आचार्य को भेंट किए 13 हजार संकल्प पत्र
कार्यक्रम के दौरान मुनि विजयराज की प्रेरणा से तेरापंथ हरियाणा के संरक्षक सुरेंद्र कुमार जैन, अध्यक्ष प्रो. देवेंद्र कुमार जैन व सह संरक्षक लक्ष्मण कुमार ने नशामुक्ति अभियान के तहत भरवाए गए 13 हजार 578 संकल्प पत्र आचार्य महाश्रमण को भेंट किए।
घर को बनाएं स्वर्ग:
मंत्री मुनि सुमेरमल ने श्रावक-श्राविकाओं से अपना घर और वातावरण धर्ममय बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे घर स्वर्ग बनेगा और देवता भी उस घर में आने की इच्छा रखते हैं, जो धार्मिक होते हैं। वे यदा-कदा सोचते हैं कि धर्म करने के लिए मनुष्य का शरीर धारण करना होगा। वे यह भी इच्छा रखते हैं कि अनवरत साधना, तप और उपासना में तल्लीन रहने वाले परिवार में उनका जन्म हो, ताकि वे पुनर्जीवित हो जाएं। जिस घर में झगड़ा, विकार, हिंसा का वातावरण होगा, वहां देवता कदापि आना पसंद नहीं करते हैं।
रैली निकाली, नशामुक्ति का संदेश दिया
अणुव्रत समिति की ओर से सोमवार सुबह पौने आठ बजे भिक्षु विहार से विद्यार्थियों ने केलवा कस्बे को नशामुक्त करने के उद्देश्य से रैली निकाली तथा लोगों को व्यसनों से दूर रहने का संदेश दिया। रैली में शामिल विद्यार्थी हाथों में नशा विरोधी तख्तियां लिए चल रहे थे। कस्बे के प्रत्येक मार्ग से गुजरी इस रैली में छात्र-छात्राओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। रैली करीब पौने नौ बजे तेरापंथ समवसरण पहुंची, जहां आचार्य ने विद्यार्थियों को नशा मुक्त रहने का संकल्प दिलाया। मंगलगान के साथ रैली का समापन हुआ। रैली में उच्च माध्यमिक, बालिका उच्च माध्यमिक, प्राथमिक, आदर्श स्वास्तिक बाल निकेतन, राधिका बाल विद्या संस्था और नवदीप विद्या मंदिर के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। अंत में अणुव्रत समिति केलवा के अध्यक्ष मुकेश डी कोठारी ने रैली में सहयोग करने वाली शिक्षण संस्थाओं के प्रति आभार जताया।
पारिवारिक सौहार्द शिविर आज से:
पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण और आपाधापी की जीवन शैली से परिवार और समाज में आ रहे बदलाव को दूर करने के उद्देश्य से मंगलवार से तेरापंथ समवसरण में पारिवारिक सौहार्द शिविर शुरू होगा। आचार्य महाश्रमण के सानिध्य और प्रेक्षा प्राध्यापक मुनि किशनलाल की प्रेरणा से आयोजित हो रहा यह शिविर तीन दिन चलेगा। व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेंद्र कोठारी ने बताया कि पहले दिन मंगलवार रात को आठ बजे मंगलाचरण के साथ शिविर का उद्घाटन होगा। इसके बाद विषय की प्रस्तुति, आचार्य महाश्रमण का उद्बोधन, शांति सोपान परिवार तथा जिज्ञासाओं का समाधान किया जाएगा।