04.08.2011 ►Kelwa ►Keep Similarity In Practice And Preach◄ Acharya Mahashraman

Published: 04.08.2011
Updated: 21.07.2015

Short News in English

Location: Kelwa
Headline: Keep Similarity In Practice And Preach◄ Acharya Mahashraman
News: Acharya Mahashraman told that politics is medium of serving people. Politician give big assurances to public but that should be fulfilled. He advised politician to keep similarity in practice and preach. He praised those politician who hear problems of general person and try to solve it.

News in Hindi

केलवा में चातुर्मास के तहत आचार्य महाश्रमण ने दिए प्रवचन, सानिवि मंत्री भाया ने लिया आचार्य से आशीर्वाद

‘कथनी व करनी में हो समानता’

केलवा में चातुर्मास के तहत आचार्य महाश्रमण ने दिए प्रवचन, सानिवि मंत्री भाया ने लिया आचार्य से आशीर्वाद

केलवा 03 AGST 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो उदयपुर डेस्क

आचार्य महाश्रमण ने श्रावक-श्राविकाओं सहित राजनीति से जुडे लोगों से आह्वान किया कि वे समाज और देश को विकास की धारा पर ले जाने के लिए कथनी और करनी में भेद नहीं बल्कि समानता रखें। आचार्य ने कथनी को मीठी खांड अर्थात शक्कर के रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि हम मीठे वाकचातुर्य से बातें तो अच्छी-अच्छी कर लेते है। साथ ही समस्याओं के निदान का आश्वासन भी दे देते हैं, लेकिन जब कथनी को करनी में बदलने की बारी आती है तो कदम पीछे की ओर बढऩे लगते है। ऐसा जीवन में नहीं होना चाहिए। यदि कोई काम नहीं हो सकता, तो उसके बारे में कुछ कहना गलत है।

आचार्य ने यह उद्गार मंगलवार को यहां तेरापंथ समवसरण में चल रहे चातुर्मास प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राजनीति सेवा का माध्यम है। बहुत से लोग सेवा करते है। जनता की समस्याएं सुनते है। उनका यथा संभव समाधान करने का प्रयास करते है। सब जगह यह क्रम चलता हो या शुद्धि हो, यह तो नहीं कहता। कहीं अशुद्धि भी हो सकती है। राजनीति के स्वार्थ से ऊपर उठकर परार्थ की दृष्टि से ही लेना चाहिए। जो सेवा का दायित्व मिला है उसे पूरा करना चाहिए।

जैसा हमारा चित, वैसी हो बात

आचार्य ने कहा कि जैसा हमारा चित होगा, वैसी ही भावना हमारे मन में विद्यमान रहेगी। इसलिए चित को धार्मिक बनाने की आवश्यकता है, ताकि मन विकारों से ग्रसित न हो। पाप कर्म करने की ओर ध्यान आकृष्ट न हो। हमारी वाणी में जो बात हो वही आचरण में भी नजर आए। एकता का रूप हो। इसकी कमी से व्यवहार में कुटिलता, झूठ, कपट की स्थिति बन सकती है। हमें इस तरह के व्यवहार से बचना चाहिए। किसी का भाव, भावना शुद्ध है तो उसे अगली गति में अन्य स्थिति प्राप्त होती हैं। गलत बातों को मन में स्थान न दें। उन्होंने कहा कि गलत राह पर जाने वाले व्यक्ति को सदाचार के मार्ग पर ले जाना भी एक सेवा है। दुखी का दुख दूर करने और उसे सहारा देने का प्रयास सामाजिक सेवा हैं। स्वयं के जीवन में स्वार्थ का बोध आने से रोकें और परमार्थ की ओर जीवन को ले जाने के उपायों को अपनाने का श्रम करें। साथ ही परमार्थ की चेतना आत्म कल्याण के लिए हो। इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है।

व्यवहार में हो शालीनता का पुट

मंत्री मुनि सुमेरमल ने श्रावक-श्राविकाओं से जीवन में शालीनता का पुट लाने का आह्वान करते हुए कहा कि मनुष्य की पहचान उसके कार्यों, बोलचाल, रहन-सहन से होती है। ऐसे में यदि वह असभ्य बातों का उच्चारण अपने जीवन में करेगा, तो उसका असर परिवार के साथ समाज पर भी पड़ेगा। इससे बचने के लिए वे अपने घर का वातावरण धर्ममय बनाएं।

पीडि़त की सेवा सबसे बड़ा धर्म: जैन

प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण मंत्री प्रमोद जैन ‘भाया’ ने पीडि़त मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताते हुए कहा कि आज वे जिस मुकाम तक पहुंचे हैं, उसके पीछे सबसे बड़ा हाथ पीडि़तों की सेवा के बाद मिले पुण्य का प्रताप है। उन्होंने प्रवचन के दौरान उपस्थित लोगों से कहा कि वे अपने जीवन का कुछ अंश दुखी व्यक्तियों की सेवा में लगाने का प्रयास करें।

इससे आत्मा की अनुभूति होगी और पीडि़त को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष उन्होंने अपने बारां जिले में सर्वधर्म समाज के साढ़े सात सौ वर-वधुओं का विवाह स्वयं के ट्रस्ट के माध्यम से करवाया था। इस वर्ष 5 मई को यह आंकड़ा बाईस सौ से अधिक जा पहुंचा। अब इसे और ज्यादा करने के लिए पत्नी उर्मिला जैन सहित ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ जुटे हुए हैं। मंत्री जैन ने आचार्य महाश्रमण से आशीर्वाद भी लिया।

नशा नहीं करने का संकल्प दिलाया

जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो उदयपुर डेस्क

कार्यक्रम के दौरान महाप्रज्ञ सेवा प्रकल्प और गुलाब कौशल्या ट्रस्ट, जयपुर की ओर से फुट लेने करने वाले विकलांगों को आचार्य महाश्रमण ने व्यसन से दूर रहने, हिंसा नहीं करने, झगड़े से दूर रहने और नशे का आज से ही त्याग करने का संकल्प दिलाया। ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं प्रधान ट्रस्टी नरेश मेहता ने ट्रस्ट की ओर से पीडि़त मानवता की सेवा के लिए चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि एक हजार फुट देने के लक्ष्य के मुकाबले अब तक साढ़े सात सौ विकलांगों को इसका वितरण किया जा चुका है। प्रारंभ में व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेंद्र कोठारी ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया। अंत में व्यवस्था समिति के महामंत्री सुरेंद्र कोठारी ने आभार की रस्म अदा की। कार्यक्रम में जिला कलक्टर प्रीतम बी. यशवंत, बारां के जिला प्रमुख रामचरण, सुबोध जैन, पीडब्ल्यूडी के एसई अनिल शर्मा आदि भी मौजूद थे। संचालन महाप्रज्ञ सेवा प्रकल्प के मंत्री राकेश नौलखा ने किया।

जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो उदयपुर डेस्क


Sources

Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana

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